दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय चेस्ट सम्मेलन बोंकोपल्मोनरी वर्ल्ड कांग्रेस में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल लुहाड़िया को उदयपुर से विशिष्ट वक्ता के रूप में चुना गया ।
उन्होंने गर्भवती महिलाएं ,स्तनपान कराने वाली माताएं ,लीवर और किडनी संबंधित बीमारियों के मरीज आदि विशेष परिस्थितियों में टीबी के इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि किसी भी परिस्थिति में टीबी के मरीज को डॉक्टर के बताए अनुसार इलाज पूरी अवधि का लेना चाहिए और बीच में इलाज बंद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर टीबी की बीमारी की जटिलताएं बढ़ सकती है। स्तनपान कराने वाली माताओं को ड्रग सेंसिटिव टीबी होने पर इलाज लेने के साथ कुछ सावधानियां लेते हुए बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए एवं बच्चे को डॉक्टर की राय अनुसार टीबी से बचाव की दवा देनी चाहिए लीवर एवं किडनी संबंधित बीमारी के मरीजों को टीबी होने पर कुछ बदलाव के साथ टीबी की दवा लेनी चाहिए।
सम्मेलन में ही डॉ. लुहाड़िया ने एलर्जी एवं ए.बी.पी.ए. सेशन की अध्यक्षता की एवं उनको बेस्ट ओरल पेपर और ई पोस्टर प्रेजेंटेशन सत्रों में जज भी बनाया गया l
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