वल्लभनगर की राजनीति में भूचाल- देवेंद्र शक्तावत का एलान नहीं मिला टिकट तो छोड़ दूंगा पार्टी

वल्लभनगर की राजनीति में भूचाल- देवेंद्र शक्तावत का एलान नहीं मिला टिकट तो छोड़ दूंगा पार्टी 

‘प्रीति शक्तावत’ को टिकट मिला तो पार्टी छोड़ निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

 
devendra singh shaktawat

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर लगाए कई गंभीर आरोप

उदयपुर 23 अगस्त 20214 । वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए अभी से राजनितिक शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस, भाजपा और जनता सेना से टिकिट चाहने वालो ने अपने मोहरे चलने शुरू कर दिए है। इसी कड़ी में कांग्रेस के देवेंद्र सिंह शक्तावत (स्वर्गित गजेंद्र सिंह शक्तावत के भाई) ने आज एक एलान कर वल्लभनगर की राजनीती में भूचाल ला दिया है। 
  
देहात जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तथा पूर्व अध्यक्ष नगरपालिका भींडर देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में निर्वाचित विधायक स्व. गजेंद्रसिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत की वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के टिकट की दावेदारी का विरोध किया है। 

आज एक प्रेसवार्ता में देवेंद्र सिंह शक्तावत ने पत्र में कई गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि अगर कांग्रेस पार्टी उनके पिता स्व. गुलाबसिंह शक्तावत के आदर्शों और उसूलों के साथ कांग्रेस की रीती-नीती का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने की मंशा रखती है तो वे कांग्रेस पार्टी छोडक़र कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रवासियों की मान सम्मान की लड़ाई चुनाव में निर्दलीय खड़े होकर लड़ेंगे। यदि ठोस कदम उठाने की जरूरत हुई तो भी उठाएंगे लेकिन अपने पिता स्व. गुलाबसिंहजी शक्तावत के आदर्शों और उसूलों को जिंदा रखेंगे। 

यह जानकारी सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने दी। प्रेसवार्ता में ब्लॉक अध्यक्ष भींडर डॉ. कमलेन्द्रसिंह बेमला, ब्लॉक अध्यक्ष वल्लभनगर सुनील कूकड़ा, नगर अध्यक्ष भींडर पूरण व्यास सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने कहा कि वे कांग्रेस परिवार के निष्ठावान, समर्पित सिपाही हैं। वल्लभनगर विधानसभा सीट उनके पिताश्री स्व. गुलाबसिंह शक्तावत स्वतन्त्रता सेनानी व पूर्व गृहमंत्री राजस्थान सरकार की कर्मस्थली रही है। इस विधानसभा क्षेत्र को उनके पिताश्री ने अपने अंतिम सांस तक कड़ी मेहनत एवं खून पसीने से बिना किसी द्वेषता के कई दशकों तक अपने उसूलों एवं पार्टी की रीति-नीति के अनुसार सींचा। 

उन्होंने कहा की पिता के देहावसान के बाद पार्टी ने शक्तावत परिवार पर भरोसा जताते हुए उनके अनुज गजेंद्रसिंह शक्तावत को 2008 में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया। तब कांग्रेस के समस्त निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत कर इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया लेकिन उसके बाद वल्लभनगर विधानसभा सीट पर कांगेस पार्टी का ग्राफ निरन्तर गिरता गया। वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा व 2018 के चुनाव में प्रदेश में कांगेस पार्टी की प्रचंड लहर के बावजूद हम वल्लभनगर विधानसभा में 30 प्रतिशत मत पाने में ही सफल हो पाए। हम चुनाव तो जीत गये लेकिन उसके बाद पार्टी का वरिष्ठ व्यक्ति पदाधिकारी एवं निष्ठावान कार्यकर्ता हमेशा खुद को ठगा सा महसूस करने लगा। 

उन्होंने आरोप लगाया की पंचायतीराज चुनाव 2020 में कांग्रेस पार्टी को 6 जिला परिषद सदस्य में से 5 पर करारी हार का सामना करना पड़ा। वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित 3 पंचायत समितियों वल्लभनगर, कुराबड़, भींडर में से 1 पर भी कांगेस पार्टी का प्रधान काबिज नहीं हो पाया। शहरी निकाय चुनाव में भींडर नगरपालिका टिकट वितरण में धांधली करने से पार्टी बुरी तरह से हार गई। साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव में वल्लभनगर विधानसभा में इन्हीं धांधलियों के कारण कांग्रेस पार्टी को 80,000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस की दुर्दशा के मुख्य कारण :

शक्तावत ने कहा कि वल्लभनगर क्षेत्र के करीब 150 उचित मूल्य की दुकानदारों से मंथली वसूली की जाती थी जिससे आमजन, गरीब, मजदूर वर्ग को राशन सामग्री पाने में बहुत दिक्कतें हुईं। वर्ष 2018 में राजस्थान सरकार को निजी स्वार्थ की खातिर विधायक महोदय गजेन्द्रसिंह शक्तावत द्वारा सरकार गिराने के प्रयास में खुलकर सहयोग किया गया जिससे कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं एवं संगठन के पदाधिकारियों की भावनाए आहत हुईं और कार्यकर्ताओं द्वारा धर्मस्थलों पर सरकार बचाये जाने हेतु हवन यज्ञ किये गए जिसमें माननीय विधायक महोदय की पत्नी द्वारा जनता द्वारा चुने गये मुख्यमंत्री एवं सरकार के खिलाफ मीडिया में अनर्गल बयानबाजी की गयी जिससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश एवं बदलाव की भावनाए जागृत हुईं। पंचायतीराज चुनाव में निष्ठावान कार्यकर्ताओं से लेन-देन कर पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के टिकट बांटे गए। माननीय विधायक द्वारा नियमित जनसुनवाई नहीं की गई एवं अधिकारियों के स्थानान्तरण भी लेन-देन से किये जाने के आरोप से कार्यकर्ताओं में रोष एवं आक्रोष पनपा जो आज तक है। वर्ष 2015 में कांग्रेस द्वारा निर्वाचित भींडर पंचायत समिति प्रधान को पैसा लेकर विरोधी पार्टी से हाथ मिलाकर हटाया एवं कांग्रेस के निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों को गुमराह कर विरोधी पक्ष का प्रधान बनवाया गया जिससे आमजन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नीचा देखना पड़ा। फलस्वरूप तत्कालीन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मेघराज सोनी सहित कई कांग्रेसजन पार्टी छोडक़र अन्य पार्टी में सम्मिलित हो गए।
सरकार गिराने का प्रयास किया :

देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने कहा कि निर्वाचित विधायक ने 2018 के बाद जनता द्वारा चुनी हुई राज्य सरकार गिराने का प्रयास किया। अधिकतर समय बीमार रहे विधायक के 2 वर्ष के कार्यकाल में उनकी धर्मपत्नी प्रीति कुंवर ने हस्तक्षेप किया जिसमें अधिकारियों से चौथ वसूली के आरोप लगे। पंचायतीराज चुनाव एवं शहरी निकाय के चुनाव उनकी धर्मपत्नी के नेतृत्व में ही हुए जिसमें क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा कि पैसे लेकर टिकट बांटे गए जिससे सम्पूर्ण चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा।  पार्टी के 2008 से ग्राफ व मत प्रतिशत को निरन्तर घटाने में सहयोगी रहे व्यक्ति (प्रीति शक्तावत) को कांग्रेस पाटी अपना उम्मीदवार बनाती है तो यह कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं एवं संगठन के साथ कुठाराघात होगा और पार्टी को उपचुनाव में दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

देवेन्द्रसिंह शक्तावत ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि उनका लक्ष्य विधायक बनना नहीं, जनता की सेवा करना एवं भ्रष्टाचार मुक्त वल्लभनगर विधानसभा बनाना है। विरोध व्यक्ति से नहीं, व्यवस्थाओं से है। उन्होंने दावा किया कि दिल में कई गहरे राज छुपे हैं जिनके लिए मुख्यमंत्री यदि उचित समझें तो समय उपलब्ध करवाएं ताकि खुलासा किया जा सके।

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