उदयपुर 16 मार्च 2024। शहर के बीच सें बहने वाली और शहर की एक अहम् पहचान माने जाने वाली आयड़ नदी के समीप शनिवार सुबह नगर निगम का बुलडोज़र चला जहां भारी विरोध के बीच अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
इस कार्यवाही के लिए निगम की टीम ने शहर विधायक तारा
चंद जैन सहित पूर्व में दौरा किया गया था और मार्किंग भी को गईं थीं। साथ ही इस सें एक दिन पूर्व भी निगम की टीम ने आयड़ नदी के पेटे में पहुँच कर लोगों को चेतावनी दी थीं। इस के मद्देनज़र आज शनिवार को निगम की टीम पुलिस बल की मौजूदगी में सुबह आयड़ नदी के पास पहुंची जहां भारी विरोध के बीच अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
कार्यवाही के दौरान क्षेत्रवासी भी जमा हो गए लेकिन निगम ने नदी के किनारे पर बने कच्चे और पक्के अतिक्रमण को एक एक करके तोड़ दिया और नदी को अतिक्रमण मुक्त किया।
निगम का अतिक्रमण दस्ता UDA की टीम के साथ मौके पर पहुंचा और लेकसिटी मॉल के सामने सें अतिक्रमण हटाना शुरू किया, इस दौरान जिनके सामान को नुकसान पहुंचा उन्होंने इस कार्यवाही का जम कर विरोध भी किया लेकिन टीम ने अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्यवाही को नहीं रोका। तोड़े गए निर्माण में 4 सें 5 पक्के तो इसके अलावा नदी के किनारे पर बने कुछ अस्थाई और कुछ मेटल के बने निर्माण शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार इस पुरे क्षेत्र में और भी कई अवैध रूप सें किए गए निर्माण अभी मौजूद हैं जिन पर आने वाले वक्त में कार्यवाही की जाएगी। इस पूरी कार्यवाही के दौरान UDA और निगम के अधिकारियो सहित एसडीएम रिया डाबी भी मौजूद रहीं जिन्होंने टीम द्वारा की गईं मार्किंग की जानकारी ली और विधिवत रूप सें कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उदयपुर के शहर विधायक ताराचंद जैन ने आयड नदी के समीप हुए अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम के एक्शन पर कहा की आयड नदी के समीप पिछले लंबे समय से अवैध निर्माण किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से वह विधायक बने हैं तब से उनका प्रयास है कि वह उदयपुर की सबसे अहम लाइफ लाइन माने जाने वाली आयड़ नदी का सुधार करें और उनका विजन है कि वह आयड़ नदी को गुजरात की साबरमती रिवर फ्रंट की तरह बनाए और इसका कार्य भी चल रहा है और आने वाले दो महीना में यह काम पूरा हो जाएगा।
नदी के किनारे पर किए गए अवैध कब्जे को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए गए थे और उन्हें चिन्हित करने के बाद मार्किंग की गई। इससे पूर्व उन्होंने नगर निगम की टीम के साथ इलाके में चार बार जाकर लोगों को इस बारे में अवगत कराया था और उनसे बात भी की थी जिसको लेकर अब मार्किंग पूरी होने पर शनिवार सुबह नदी में बने अतिक्रमण को पूरी तरीके से ध्वस्त कर दिया गया लेकिन अभी भी कुछ ऐसे निर्माण है जो की नदी के किनारे पर बने हुए हैं लेकिन उन्हें भी आने वाले वक्त में हटा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज जो कार्रवाई हुई है वह अंतिम कार्रवाई नहीं है यह तो बस एक शुरुआत है, यह नदी के किनारे अतिक्रमण को हटाने का एक चरण पूरा हुआ है, अभी तो अलग-अलग चरणों में यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी ता कि नदी पूरी तरीके से अवैध अतिक्रमण मुक्त हो सके और उनका साबरमती रिवरफ्रंट की तरह बनाने का सपना पूरा हो सके।
उन्होंने कहा कि 2 दिन पूर्व हुई डीएमएफटी की मीटिंग में इस नदी के लिए 5 करोड़ से अधिक की राशि नदी के आसपास करीब 5 किलोमीटर की फेंसिंग करने को लेकर दिया जाना तय किया गया है नदी हमेशा हमेशा के लिए अवैध अतिक्रमणों से मुक्त हो सके।
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