उदयपुर, 20 दिसंबर 2023। शहर के ख्यातनाम चित्रकार डॉ.निर्मल यादव और स्नेहिल बाबेल के चित्रों की प्रदर्शनी मुम्बई की प्रख्यात जहाँगीर आर्ट गैलरी में शुरू हुई है। यह प्रदर्शनी 25 दिसम्बर तक चलेगी। इस शो में उदयपुर के कलाकारों के अलावा कोल्हापुर के नंदकिशोर थोराट, हैदराबाद के राजू बाटुला, अहमदाबाद की ईशा बाविषि और बांसवाड़ा की तस्लीम जमाल के चित्रों सहित 40 पेंटिंग प्रदर्शित हो रही हैं।
वी 6 ग्रुप शो की क्यूरेटर डॉ मनीषा साँचीहर ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित देश के प्रख्यात कलाकार चंडीगढ़ के मदनलाल और नाथद्वारा के चरण शर्मा ने किया। इसके साथ ही मुम्बई के उद्योगपति विराज डिडवानिया और लंदन के फ़िल्म निर्माता निर्देशक समीर पटेल ने विशिष्ट अतिथि के रूप दीप प्रज्वलन कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।
समारोह में अन्य कलाकारों में प्रभाकर पाटिल, मनीषा पाटिल, निमिषा शर्मा, प्रशांत वेदक, राजेन्द्र पाटिल, डीएस प्रताप ,मुनीर कश्मीरी, नरेश कुमार और पुणे की मानसी पालशिकर मौजूद थी। आरंभ में चित्रकार डॉ. निर्मल यादव ने और सभी कलाकारों ने अतिथियों का स्वागत मेवाड़ी पगड़ी, उपरना, तुलसी का पौधा देकर स्वागत किया।
डॉ. मनीषा साँचीहर ने बताया कि देश के अलग अलग राज्यों के 6 ख्यातिनाम कलाकारों की पेलेट को एक मंच पर प्रदर्शित किया है। इस प्रदर्शनी में कोल्हापुर के नंदकिशोर के अमूर्त चित्रों में विविध रंगों द्वारा अपने परिप्रेक्ष्य से केनवास को संयोजित किया तो उदयपुर के स्नेहिल बाबेल ने न्यूनतम काले स्ट्रोक से और बारीक रेखाओं द्वारा शून्य को आधार बनाकर चित्रित किया ।
उन्होंने बताया कि अहमदाबाद की ईशा बाविषि ने बुक सीरीज़ पर पिछले 4 सालों से काम कर रही है और ये प्रयोगात्मक कार्य करती हैं इस प्रदर्शनी में पुस्तकों में से ऐतिहासिक विरासत के मोनुमेंटस को उकेरा है जिसे उभरी हुई प्राचीन मूर्तियों का प्रभाव देने के लिए रेत का उपयोग किया है, अपने क्षेत्र का प्रभाव जिस प्रकार इनके चित्रों में पाया जाता है वैसा ही कुछ बांसवाड़ा की तसलीम जमाल की आदिवासी जनजाति के जीवन को वहाँ के नैसर्गिक सौंदर्य को उनकी कृतियों में देखा जा सकता है। इसी प्रकार हैदराबाद के राजू बाटुला के चित्रों के विषय धार्मिक और सामाज के बीच संबंध को दर्शाते हैं।
इस प्रदर्शनी में उदयपुर के निर्मल यादव द्वारा चित्र आकर्षण का केंद्र रहे जिसमे अनंत ब्रमांड की यात्रा का अनुभव होता है अपनी विशेष टेक्चर और धागे का अनुभव कराने वाली शैली के लिए जाये जाने वाले इस कलाकार ने अपनी कृतियों में चंचल, अस्थिर मन रूपी ब्रह्मांड को दर्शाया है और इसमें मानविकी जीवन को वह ब्रह्मांड का भ्रम तोड़ते और जोड़ते हुए धागों के प्रभाव को दर्शाया है। प्रदर्शनी 25 दिसम्बर तक शाम 7 बजे तक रहेगी।
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