साल 2023 अब विदा होने की तैयारी में है जबकि नए 2024 का आगमन होने वाला है। आइये एक नज़र डालते है नए साल में उदयपुरवासियों की वह उम्मीदे और आशाएँ जिन्हे वह इसी साल पूरा होते देखना चाहते है। बीते साल में उदयपुरवासियों ने बहुत कुछ मंज़र देखे है जिनमे से कुछ मंज़र वह दुबारा देखना चाहते है तो कुछ मंज़र ऐसे भी देखे है जिन्हे कोई भी दुबारा देखना नहीं चाहता।
16 साल के इंतज़ार के बाद उदयपुर अहमदाबाद रुट पर रेलसेवा शुरू हुई। वर्तमान में इस ट्रेक पर उदयपुर से अहमदाबाद (असारवा) तक रेलगाड़ियों का संचालन हो रहा है। अब जनता इस ट्रेक पर और अधिक ट्रेन संचालित होने का इंतज़ार कर रही है। खासकर जनता इस ट्रेक के ज़रिये मुंबई वाया अहमदबाद और उदयपुर से वाया अहमदाबाद दक्षिण भारत से जुड़ने की भी बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।
पर्यटन नगरी और झीलों का शहर लेकसिटी के पयर्टन उद्योग को चार चाँद लगाने की दृष्टि से उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से वर्तमान में घरेलु उड़ानों को ही संचालित किया जा रहा है। लेकसिटी के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट का इंतज़ार ने सिर्फ लेकसिटी के पर्यटन जगत को बल्कि मेवाड़ वागड़ से खाड़ी देशो में कार्यरत अप्रवासियों को भी बेसब्री से इंतज़ार है। यदि लेकसिटी से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो जाए तो न सिर्फ पर्यटन और व्यापर जगत बल्कि अप्रवासी भी लाभन्वित होंगे।
उदयपुर की फतहसागर झील के देवाली छोर पर स्थित नीमच माता रोप वे की ट्रायल हो चुकी है। अतः नए साल में नीमच माता रोप वे शुरू होने की तैयारी है। इससे उदयपुर शहर में आने वाले पर्यटकों को दो रोप वे मिलेगी। यह प्रदेश का ऐसा पहला शहर भी बनने जा रहा है, जहां दो रोप-वे होंगे। नीमच माता मंदिर से देवाली छोर तक बने इस रोप-वे की कुल लंबाई 430 मीटर है। इस पर 16 ट्रोलियां लगाई गई है। एक ट्रोली में चार लोग बैठ सकेंगे यानी एक बार में 64 लोग सफर कर सकेंगे। यह रोप-वे पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनेगा, क्योंकि इसमेंं सफ़र के दौरान फतहसागर झील के साथ पूरे शहर का मनमोहक नज़ारा दिखाई देगा।
उदयपुर असारवा रुट पर आने वाले साल में इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ सकती है ट्रेन। उदयपुर से डूंगरपुर 100 किलीमीटर तक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है लेकिन डूंगरपुर से असारवा 190 किलोमीटर तक विद्युतीकरण का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है की डूंगरपुर से असारवा के बीच विद्युतीकरण का कार्य तेज़ी से चल रहा है। उदयपुर से असारवा 299 किलोमीटर तक के मार्ग पर 2024 तक विद्युतिकरण का कार्य पूरा कर इस रुट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने के लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2023 में जहाँ राज्य की विधानसभा चुनावो की धूम रही थी तो इस वर्ष के अप्रैल मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनावो के मद्देनज़र बड़े बड़े नेताओं की यात्रा भी खूब होगी और चुनावी झुमले भी खूब उछलेंगे जिनसे जनता का भरपूर मनोरंजन होगा। वहीँ चुनाव में टिकटों की मारामारी, आपसी खींचतान, नफरती और विवादास्पद बयान भी देखने सुनने को मिलेंगे, वहीँ कुछ नेताओ की आदतन उटपटांग बयानबाज़ी से भी जनता मनोरंजित होगी।
मेवाड़ वागड़ की जनता के इस दीर्घकालीन सपने को हकीकत में बदलना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है। प्रदेश के सत्ता पर काबिज़ दोनों ही बड़ी पार्टिया इस मुद्दे को चुनावो के समय जनता को झुनझुना तो थमा देती है लेकिन जनता के हाथ अभी भी हाईकोर्ट बेंच से खाली है। इस को लेकर बड़े बड़े आंदोलन भी हो चुके है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है कारण की मेवाड़ के वर्तमान नेतृत्व में दोनों ही पार्टी के कागज़ी शेर इस मुद्दे पर दहाड़ने की ताकत खो चुके है। चूँकि यह वर्ष चुनावी वर्ष (लोकसभा) है तो वादे तो होंगे लेकिन पूरा होना लगभग नामुमकिन है।
लगभग तीन साल से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई थी चूँकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट द्वारा सड़क की खुदाई और भरने का काम तो पूरा हो गया लेकिन ट्रैफिक जाम से शहर से मुक्ति नहीं मिली है। इस साल के अंत में फतहपुरा बोटलनेक हटाया गया , शिल्पग्राम बड़ी मार्ग से बोटलनेक हटाया गया. इसी प्रकार नए साल में शहर में कई स्थानों पर बोटलनेक हटाया जाये तो ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है। वहीँ रेलवे स्टेशन से दिल्ली गेट कोर्ट चौराहा पर प्रस्तावित फ्लाईओवर की योजना शुरू होने से भी राहत मिल सकती है।
शहर में कई स्थानों पर धड़ल्ले से हो रहे अतिक्रमण पर नगर निगम की न के बराबर कार्यवाहियों के चलते इस साल भी क्या शहर अतिक्रमण से मुक्त होगा ? ऐसा प्रतीत तो नहीं होता लेकिन फिर भी उदयपुर वासी उम्मीद तो कर ही सकते है।
चुनाव के समय क्षेत्र के नेता द्वारा दिखाये गए इस दिवास्वप्न पर खर्च तो करोडो का हो चूका है लेकिन आयड़ नदी वेनिस बनना तो दूर अब तो वह नदी भी नहीं रही। इस नदी में पानी में बरसात के मौसम में ही नज़र आता है वह भी तब जब झीलों के केचमेंट में अच्छी बरसात हो। वर्ष पर्यन्त तो इस नदी में शहर का सीवरेज ही बहता नज़र आता है। अब सीवरेज के किनारे रिवर फ्रंट का सपना तो हमारे महान नेता ही दिखा सकते है। चुनाव दर चुनाव यह सपना उदयपूर वासियो को दिखाया अब इस चुनावी वर्ष (लोकसभा) में फिर एक बार यह सपना दिखाया जाएगा।
2022 के अगस्त माह में हुई मण्णपुरम फाइनेंस कम्पनी में देश की सबसे बड़ी गोल्ड लूट की घटना के डेढ़ साल बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। हालाँकि इस घटना का खुलासा तो हो गया लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसी प्रकार सुंदरवास हत्याकांड में बिहार निवासी हत्यारे पर पुलिस और कानून के लम्बे हाथ नहीं पहुँच पाए है।
वर्ष में 2022 में बहुचर्चित और शहर के साथ देश दुनिया को झकझोर देने वाली कन्हैयालाल हत्याकांड घटना के मुजरिम तो उसी दिन पकड़ में आ गए थे लेकिन उदयपुर को झकझोरने वाली नृशंस घटना के ज़िम्मेदारो को उदयपुर वासी जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिलने का समाचार सुनने को बेताब है। उम्मीद है यह सजा इसी वर्ष सुनाई जाएगी।
इसी प्रकार इसी साल घटित हुई बोहरा समाज की दो वृद्ध महिलाओ की हत्या के आरोपी, मावली के लोपड़ा गांड में नाबालिग बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या और शहर के सहेली नगर में एक माँ द्वारा अपने ही बेटे की हत्या की घटना में भी सजा मिलने और मामले में न्याय होने की उम्मीद है।
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