उदयपुर 5 दिसंबर 2024। ज़िले के सरकारी एमबी हॉस्पिटल के ट्रोमा इमरजेंसी बिल्डिंग के एक्सरे रूम में एक लावारिस बैग मिला। इसमें 5 डेटोनेटर और इन पर लगने वाली 5 ब्लास्टिंग कैप थीं। लावारिस बैग का पता लगते ही चिकित्साकर्मियों में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई। गनीमत रही कि इस विस्फोटक में धमाका नहीं हुआ, वरना बड़ा हादसा भी संभव था।
इस बैग को एक्सरे कराने पहुंचा एक निजी माइंस का कर्मचारी यहां भूल गया था। वह एक रात पहले ही हादसे में घायल होने के बाद यहां भर्ती हुआ था। पुलिस ने बैग जब्त कर लिया है, लेकिन अस्पताल परिसर में विस्फोटक सामग्री पहुंचने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस अस्पताल में रोज करीब 20 हजार लोगों की आवाजाही रहती है।
मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। हालांकि, पुलिस ने अपने स्तर पर मामला दर्ज कर लिया है।
दरअसल परसाद के महुड़ी के जगदीश और साथी बारा (परसाद) के रणजीत व प्रदीप 2 दिसंबर को देलवाड़ा (राजसमंद) क्षेत्र में बाइक फिसलने से घायल हो गए थे। रणजीत की मौत हो गई, बाकी दोनों घायलों को एमबी हॉस्पिटल के अस्थि रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती किया गया। पुलिस पूछताछ में जगदीश ने बताया कि प्रदीप और वह पाली के नाडोल स्थित साईंनाथ माइंस में काम करते हैं।
रणजीत भी माइंस में कर्मचारी था। रणजीत का बैग उनके पास था। दो नवंबर को ट्रोमा एमरजेंसी में एक्सरे कराने के बाद वे उसे वहीं भूल गए। उन्हें बैग में विस्फोटक सामग्री रखे होने का पता नहीं था।
उधर, अस्पताल अधीक्षक आरएल सुमन का कहना है कि हमारा काम सबसे पहले मरीज की जान बचाना है। संदिग्ध बैग का पता लगते ही पुलिस को बता दिया।
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