उदयपुर 31 मई 2024। Private Hospital द्वारा शहर में इन दिनों नवजात बच्चो की सेहत के साथ लापरवाही करने के मामले सामने आने लगे हैं। जहाँ कुछ दिन पहले शहर के शोभागपुरा स्थित Magnus Hospital में जन्मे नवजात बच्चे पर्व की आँखों की रौशनी जाने के बाद उसे पिता योगेश जोशी और अन्य परिजनों ने हॉस्पिटल के Pediatric Doctor मनोज अग्रवाल पर उनके बच्चे के इलाज में लापरवाही करने और उनसे इस मामले में कुछ बाते छुपकर रखने और Discharge Summary में बदलाव करने के आरोप लगाए थे।
तो वही शुक्रवार इसी हॉस्पिटल का नाम लेकर एक और नवजात बच्चे के परिजन सामने आए और हॉस्पिटल के Pediatric Doctor मनोज अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए।
जी हाँ शुक्रवार को उदयपुर के रूप नगर इलाके के गरीब नवाज कॉलोनी के रहने वाले शहादत हुसैन ने Magnus Hospital के Pediatric Doctor मनोज अग्रवाल पर उनके नवजात बच्चे के पैदा होने के बाद हॉस्पिटल में उसके सेहत से लापरवाही करने और इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती रखने के दौरान उनसे करीब 2 लाख 35 हजार रूपए का बिल बनाने और जब मामला नहीं सम्भला तो उसे दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने जैसे आरोप लगाए हैं।
हुसैन की माने तो वह अपनी पत्नी को 22 अप्रैल 2024 को Megnus Hospital में लेकर गए थे। जहाँ उनकी पत्नी की सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी हुई, ऑपरेशन के समय डॉक्टर मनोज अग्रवाल ने उन्हें थियेटर में बुलाया, जहाँ उन्होंने बच्चे को देखा जो बिल्कुल स्वस्थ था जिसका उन्होंने फोटो भी क्लिक किया। हुसैन ने बताया की डॉक्टर ने बच्चे को ICU में शिफ्ट किया, और कहा की बच्चा बिल्कूल स्वस्थ है उसे वार्ड में रखेंगे।
अगले दिन सुबह उसने बुलाकर कहा की क्लीनिंग कर दी गई है। लेकिन 4 दिन के बाद डॉ.मनोज ने उन्हें बुलाया और कहा की बच्चे के पेट में Infection है, जिसके मद्देनजर, 12 घंटो के लिए इलाज बंद कर दिया है, बच्चे का पेट फूल गया है और नार्मल होने पर फिर से इलाज करेंगे।
24 घंटे बीत जाने के बाद डॉ. मनोज ने हुसैन से कहा की अगर वो चाहें तो बच्चे तो किसी और डॉक्टर को दिखा सकते हैं, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। परेशान हो कर जब हुसैन अपने बच्चे को लेकर MB Government Hospital आये और यहाँ पर डॉक्टर्स ने उसकी रिपोर्ट देखी तो उसे तुरंत इलाज के लिए भर्ती कर लिया।
हुसैन का कहना है की 27 अप्रैल 2024 को उन्होंने अपने बच्चे को MB Hospital के बाल चिकित्सालय इकाई में भर्ती करवाया था, यहाँ पर इलाज के दौरान डॉक्टर्स का कहना है की बच्चे की आंते ख़तम हो चुकी है और उसकी हालत गंभीर है। और उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। ऐसे में अब वह प्रशासन से इन्साफ की मांग कर रहे है, उनका कहना है की इस से पहले उनको 2 बेटियां हैं और तीसरी बार उनको लड़का हुआ था, लेकिन उसकी हालत नाजुक है इसके लिए वह डॉक्टर मनोज की लापरवाही मानते है। और प्रशासन से इसको लेकर एक्शन की मांग भी कर रहे हैं। उनका सवाल है की जब डिलीवरी के वक्त किसी को ICU वार्ड में जाने नहीं दिया गया तो फिर उनके बच्चे में इंफेक्शन आया कहाँ से ?
वहीँ दूसरी ओर Indian Medical Association Udaipur Branch ने शुक्रवार को Magnus Hospital में डॉक्टर की कथित लापरवाही से नवजात मासूम की आँखों की रोशनी से जुड़े मामले की निष्पक्ष जाँच को लेकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कहा की इस मामले को लेकर गठित की गई जाँच कमेटी किसी भी प्रकार के प्रशासनिक/सामाजिक अथवा राजनीतिक दबाव में आए बिना अपनी निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच के आधार पर ही रिपोर्ट दे।
साथ ही Indian Medical Association Udaipur Branch के सदस्यों ने ये भी कहा की जिस प्रकार का आक्षेप मैगनस हॉस्पिटल पे लगाया गया है कि वहाँ पर सिजेरियन डिलिवरी की संख्या नार्मल से काफ़ी ज़्यादा है इसके सभी क्लिनिकल कारणों की विवेचना करनी चाहिए ताकि सही तथ्य सामने आ सके।
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