भानु भारती को फेलोशिप एवं कविराज को अवार्ड


भानु भारती को फेलोशिप एवं कविराज को अवार्ड

सर्वोच्च सम्मान के तौर पर भानु भारती को 1,00,000/- रूपये, ताम्रपत्र, अंगवस्त्र तो कविराज को 25,000/- रू. प्रशस्ती चिन्ह एवं शॉल से सम्मानित किया जाएगा
 
bhanu pratap and kaviraj

उदयपुर 14 जुलाई 2023। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर द्वारा दिनांक 13.07.2023 को आयोजित बैठक में वर्ष 2023-24 हेतु कला क्षेत्र में राजस्थान में कार्यरत कलाकारों को पुरूस्कृत करने हेतु घोषणा की गई।

जिसमें उदयपुर निवासी देश के वरिष्ठ नाट्य निर्देशक नाटककार भानु भारती को सर्वोच्च सम्मान अर्थात फेलोशिप की घोषणा की गई तथा 13 कलाकारों को अवार्ड 6 को युवा प्रतिभा अवार्ड एवं 3 को बाल पुरूस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी कि अध्यक्ष बिनाका जेश मालु कि सूचना के अनुसार वर्ष 2023-24 के पुरूस्कारों में देश के प्रसिद्ध रंगकर्मी वरिष्ठ नाटककार देश-विदेश में राजस्थान के रंगकर्म को पहुॅंचाने वाले सिद्धहस्त कलाकार उदयपुर निवासी भानु भारती को राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का सर्वोच्च सम्मान फेलोशिप से नवाजा गया ।

तो वही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातकोत्तर उदयपुर निवासी युवा अभिनेता एवं नाट्य निर्देशक कविराज लईक को वर्ष 2023-24 के लिए सर्वश्रेष्ठ युवा नाट्य निर्देशक घोषित किया गया। युवा रंगकर्मी कविराज लईक ने देश विदेश में राजस्थान के रंगमंच को पहुँचाने के साथ साथ उसे प्रसिद्धी भी दिलाई है।

डेढ़ वर्ष की उम्र में नाट्य विधा से जुड़े कविराज ने अपने अभिनय एवं निर्देशन से देश में रंगकर्म के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। तो 18 वर्ष की उम्र से उन्होंने नाट्य निर्देशन प्रारम्भ कर दिया था। इनके द्वारा निर्देशित प्रथम नाटक ‘‘मीता की कहानी’’ ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी । जिस कारण 2017 में पटना की प्रागण संस्था द्वारा देश का सबसे कम उम्र का नाट्य निर्देशक मानते हुए प्यारे मोहन सहाय अवार्ड दिया था तो 2018 में विश्व के आठवें एवं भारत के पहले थिएटर ओलिम्पिक्स में सबसे युवा नाट्य निर्देशक के तौर पर उनका नाटक मीता की कहानी सम्मिलित किया गया था।

उनके द्वारा निर्देशित सभी नाटक भारत के प्रमुख नाट्य समारोह में हो चुके है तथा सराहे गए है। अभी हाल ही में स्वर्गीय आलम शाह खान की कहानी ‘‘मौत का मज़हब’’ का भारतीय लोक कला मण्डल में मंचन उनके द्वारा किया गया जिसमें देश में 50 रंगकर्मियों ने देखा तथा कहा की ये नाटक भविष्य में भारतीय नाटक की रूपरेखा प्रस्तुत करता है।

सर्वोच्च सम्मान के तौर पर भानु भारती को 1,00,000/- रूपये, ताम्रपत्र, अंगवस्त्र तो कविराज को 25,000/- रू. प्रशस्ती चिन्ह एवं शॉल से सम्मानित किया जाएगा।
 

 

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