उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन के रेस्क्यू मिशन के बाद सुरक्षित बाहर निकालने के बाद पूरे देश ने रहत की सांस ली। 12 नवंबर से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के परिवार के साथ पूरे देश में उनकी सलामती की दुआ मांगी जा रही थी तो वहीं दूसरी तरफ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एयरफोर्स समेत तमाम एजेंसियों के सैंकड़ो बचावकर्मियों ने युद्धस्तर पर अभियान चलाकर मजदूरों को सही सलामत निकालने की हर मुमकिन कोशिश की और सफल रहे।
वैसे तो इस मिशन को सफल बनाने में मिशन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई लेकिन इस पूरे मिशन के पांच नायक अहम् किरदार है जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाया।
अर्नोल्ड डिक्स - इस ऑपरेशन में अर्नोल्ड डिक्स की बड़ी भूमिका रही। अर्नोल्ड डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के हेड हैं। अर्नोल्ड डिक्स न सिर्फ अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं बल्कि उन्हें इसमें महारत भी हासिल है ।
क्रिस कूपर - क्रिस कूपर एक माइक्रो-टनलिंग एक्सपर्ट हैं। उनको इस काम में लंबा अनुभव रहा है। क्रिस कूपर अपने अनुभव से इस रेस्क्यू मिशन को सफल बनाने का हरसंभव प्रयास किया।
नीरज खैरवाल - आईएएस नीरज खैरवाल उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। IAS नीरज खैरवाल को इस मिशन का नोडल अधिकारी बनाया गया था। उन्होंने इस मिशन से जुड़े हर अपडेट को सीएमओ और पीएमओ तक पहुंचाया और हर संभव प्रयास कर रहे थे कि मिशन में किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए।
सैयद अता हसनैन - भारतीय सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन इस मिशन में एनडीएमए के अग्रणी थे। उनकी भूमिका को इस मिशन में काफी अहम माना गया है।
मुन्ना कुरैशी और उसकी टीम - मुन्ना कुरैशी रैट माइनर्स टीम के लीडर थे। जहां बड़ी-बड़ी आधुनिक मशीनें फेल हो गईं वहां मुन्ना और उसकी टीम काम आई। रैट माइनिंग के जरिए ही इस रेस्क्यू मिशन को पूरा किया गया।
Source: Jansatta
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