448वें बलिदान दिवस पर झाला मान को दी पुष्पांजली


448वें बलिदान दिवस पर झाला मान को दी पुष्पांजली

मोती मगरी स्थित झाला मान पार्क के स्मारक पर पुष्पांजली व संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित

 
Tribute to Jhala Maan

उदयपुर 18 जून 2024। बड़ी सादड़ी जैन मित्र मंडल उदयपुर की ओर से मेवाड़ के गौरव झाला मान के 448वें बलिदान दिवस पर आज मोती मगरी स्थित झाला मान पार्क के स्मारक पर पुष्पांजली व संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, विशिष्ट आतिथि राष्ट्रीय कवि सिद्धार्थ देवल थे जबकि अध्यक्षता मोती मगरी स्मारक समिति के सचिव सतीश शर्मा ने की।

मित्र मण्डल अध्यक्ष अरविन्द जारोली ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि इस अवसर पर संगोष्ठी व क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। जिसमें मित्र मण्डल के पदाधिकारियों एवं सदस्यो ने भाग लिया। सभी ने झाला मान को पुष्पांजली अर्पित कर उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

मित्र मण्डल के सचिव कमलेश सामोता ने बताया कि झाला मान के बलिदान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए शहर विधायक ताराचंद जी जैन ने कहा कि मेवाड के स्वाभिमान के लिए झाला मान ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। हमें भी उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेवाड की रक्षा में झाला मान के रण कौशल की सैन्य संचालन में प्रमुख भूमिका रही। मेवाड के शासको के प्रति निष्ठा के कारण ही बड़ीसादडी के झाला अज्जा को भी महाराणा सग्राम सिंह ने राजसी छत्र व चवर प्रदान किये थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोतिमंगरी स्मारक समिति के सचिव सतीश  शर्मा ने कहा कि झाला मान की सात पीढ़ियों ने मेवाड़ की रक्षा करते बलिदान हो कर  इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखाया है। वीर पुरुष झाला मान के स्मारक पर आ कर सभी को एक प्रेरणा मिलती है।

कार्यक्रम संयोजक प्रसन्न चंद लसोड ने बताया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित शहर के वीररस राष्ट्रीय कवि सिद्धार्थ देवल ने अपने उद्बोधन एवं रचना जो बनास की कलकल गाए वह गुणगान बना दो, इतिहासों की अमर कथा का इक प्रतिमान बना दो। शिव का सेवक बनकर के कुल राज आपका करता है, एक प्रहर तो मुझको भी शिव का दीवान बना दो, सुनाकर कार्यक्रम को सार्थक कर दिया। झाला मान व महाराणा प्रताप पर वीर रस की कविता सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।

मण्डल की सांस्कृतिक सचिव डा.सोनल कंठालिया ने संगोष्ठी में उपस्थित बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों को इतिहास की जानकारी के उदद्देश्य से प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया व विचित्र वेशभूषा की प्रतियोगिता आयोजित की गई व विजेताओं को अथितियो द्वारा पारितोषिक वितरण किए गए।
इस अवसर पर अरविन्द जारोली, श्याम नागोरी, कुन्दन सामोता,मनोहर मोगरा, प्रकाश मेहता,मोहन सिंह मेहता, सुभाष मेहता,नरोत्तम व्यास,कमलेश सामोता,विनोद गदिया, प्रसन्न लसोड़, राजेन्द्र मोगरा, उर्मिला नागोरी, सोनलदृकपिला कंठालिया, लाड कुंवर सामोता संजीव जैन, आशुतोष पितलिया, राकेश मोगरा,  अशोक मेहता,महेश व्यास,नरेन्द्र व्यास,सुरेन्द्र व्यास,शशिकांत व्यास, राजेन्द्र कंठालिया,अरुण पितलिया, हिम्मत सिंह मेहता, अशोक कांठेड़, हेमन्त रामपुरिया, सुनिल मेहता, प्रवीण गदिया,दिलीप कंठालिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा. सोनल कंठालिया एवं धन्यवाद ट्रस्ट अध्यक्ष श्याम नागोरी ने ज्ञापित किया।

 

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