उदयपुर 27 जून 2025। रविंद्रनाथ टैगोर (RNT) मेडिकल कॉलेज के दिलशाद भवन पीजी हॉस्टल में करंट लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार 18 जून को रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की वाटर कूलर से करंट लगने से मौत हो गई थी, लेकिन 9 दिन बाद गुरुवार रात एक और रेजिडेंट डॉक्टर जितेंद्र शर्मा को उसी वाटर कूलर से करंट का झटका लगा।
घटना रात 10 बजे की है, जब डॉक्टर जितेंद्र शर्मा पानी पीने छठे मंजिल पर लगे वाटर कूलर पर गए और जैसे ही नल को छुआ, करंट लग गया। उन्होंने तुरंत साथियों को जानकारी दी। इसके बाद अन्य रेजिडेंट्स मौके पर पहुंचे और वाटर कूलर को डोरी से सील कर उस पर चेतावनी का नोटिस चिपका दिया। टेस्टर से करंट चेक कर वीडियो भी बनाया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से दिखा कि बंद स्विच के बावजूद करंट आ रहा था।
घटना की जानकारी मिलने के बाद रात 11 बजे प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर और एमबी हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन मौके पर पहुंचे। उनके साथ निलंबित चीफ वार्डन डॉ. नरेंद्र बंसल भी थे। बंसल द्वारा कूलर पर लगा चेतावनी बोर्ड उखाड़े जाने से रेजिडेंट डॉक्टर और भड़क गए।
रेजिडेंट्स यूनियन के महासचिव डॉ. हितेष शर्मा ने कहा “हमारे साथी डॉक्टर को करंट लगा। कॉलेज प्रशासन ने कहा था कि वाटर कूलर को ठीक करा दिया गया है। फिर करंट कैसे आया? हम मौत के कुएं में रह रहे हैं और कोई हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं।”
रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. जतिन ने कहा “प्रशासन कहता है कि मरम्मत हो गई थी, लेकिन फिर भी करंट आ रहा है। यह लापरवाही नहीं तो क्या है? कोई भी अधिकारी हमारी जान की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।” शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चौथे माले पर एक अन्य नल और गीजर से भी करंट आने की जानकारी मिली, जिसका वीडियो भी रेजिडेंट्स ने बनाया।
पिछले हादसे के बाद भी जब हालात नहीं सुधरे, तो रेजिडेंट डॉक्टरों में रोष बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में हॉस्टल में करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टर रह रहे हैं, जो अब पानी तक बाहर से मंगवा रहे हैं।
गौरतलब है कि 18 जून की रात रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की वाटर कूलर से करंट लगने से मौत हो गई थी। डॉक्टरों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी जान को खतरा बना हुआ है, और जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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