मेले में फ़ूड प्वाइजनिंग से ग्रस्त एक बच्ची की मौत


मेले में फ़ूड प्वाइजनिंग से ग्रस्त एक बच्ची की मौत 

परिजनों ने फूड सेफ्टी ऑफिसर की गिरफ्तारी और मृतक बच्ची के घर वालों के लिए उचित मुआवजे की मांग की

 
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उदयपुर के मुल्ला तलाई इलाके में बनी अब्दुल रऊफ का मस्तान शाह बाबा के कार्यक्रम के आखिरी दिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद पानी पतासे पीने से फूड प्वाइजनिंग से ग्रस्त हुए लोगों में शामिल एक 16 वर्षीय बालिका की दौरान इलाज शहर के एमबी अस्पताल में मृत्यु हो गई।

मृतक बालिका निशा ओढ़ के चाचा गोविन्द ओढ़ मैं बताया कि बीते शुक्रवार को दरगाह वादी ए मस्तान मल्लातलाई पर हजरत अब्दुल रऊफ मस्तान शाह बाबा के उर्स के कार्यक्रम का आखिरी दिन कुल की रस्म अदा की गई। कार्यक्रम के दौरान दरगाह के आसपास कई खाने-पीने और खिलौने की दुकान लगाई गई थी। वहां लगे मेले में एक पानी पताशे के ठेले पर कई लोगों ने पानी पताशे का सेवन किया।

लेकिन इसके कुछ ही मिनट बाद करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई जिन्हें आनन फानन में उदयपुर के एमबी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। घटना में शामिल लोगों में कुछ को प्राथमिक उपचार देने के बाद घर भेजने गया तो जिनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी उन्हें अस्पताल में ही इलाज के लिए एडमिट कर लिया गया।

मुल्ला तलाई के ही सज्जन नगर ओढ़ बस्ती के रहने वाली 16 वर्षीय निशा और उसका 13 वर्षीय छोटा भाई गिरीश भी शामिल थे। निशा के चाचा ने बताया कि निशा आठवीं कक्षा की छात्रा थी और घर के पास ही मौजूद दरगाह के बाहर लगे मेले में वह भी घूम रही थी इसी दौरान वहां पर पानी पतासे के ठेले पर उसने और उसके छोटे भाई गिरीश ने अपनी पतासे का सेवन किया था इसके बाद अचानक से दोनों भाई बहनों की तबीयत बिगड़ गई और घर वालों द्वारा उन दोनों को ही एमबी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया।

निशा के चाचा गोविंदा का कहना है कि दोनों बच्चों की स्थिति में सुधार आने की बजाय उनकी स्थिति और घंटे दर घंटे बिगड़ते ही जा रही थी और इसी का नतीजा रहा की निशा की अस्पताल में ही दौराने इलाज मृत्यु हो गई तो वही उसके छोटे भाई गिरीश की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

निशा की मृत्यु के बाद उसके परिजन इस घटना से नाराज होकर उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंचे जहां उन्होंने घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना है कि पूरी घटना में कहीं ना कहीं प्रशासन की चूक और गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आ रहा है, उनका कहना है कि यही नहीं और उनके परिवार के कुल चार बच्चे इस इसी जहरीले पानी पतासे के सेवन के बाद बीमार हो गए जिसमें से एक निशा की आज रविवार को मृत्यु हो गई तो वहीं अन्य तीन बच्चे अभी भी अस्पताल में इलाजरत है।

प्रदर्शनकारियों ने फूड सेफ्टी ऑफिसर की गिरफ्तारी और मृतक बच्ची के घर वालों के लिए उचित मुआवजे की मांग की है।

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