GITS के विद्यार्थियों ने AI आधारित स्मार्ट नाव बनाकर लहराया परचम


GITS के विद्यार्थियों ने AI आधारित स्मार्ट नाव बनाकर लहराया परचम

25 हजारे रूपये का नगद पुरस्कार प्राप्त किया

 
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उदयपुर, 2 अप्रैल । गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज (गिट्स) के विद्यार्थियों ने जयपुर के शंकरा इन्जिनियरिंग काॅलेज में हुये शंकरा ग्लोबल हैकाथाॅन-2024 में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस आधारित ‘‘जलीय कचरा साफ करने वाली स्मार्ट नाव’’ बनाकर 25 हजारे रूपये का नगद पुरस्कार प्राप्त किया।

संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने जल प्रदुषण पर बात करते हुए कहा कि नदी, तालाब व झीलें हमारी प्राचीन सभ्याताओं के आधार रहें हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण यह आज प्रदूषित होते जा रहे हैं। घरों से निकलने वाले कूड़ा, कचरा, प्लास्टिक की बोतलें व जंगली घास जल को प्रदूषित करने वाले प्रमुख कारक हैं। जल प्रदूषण के कारण जलीय जींव जन्तुओं ही नहीं अपितु मनुष्य जीवन पर भी संकट उत्पन्न हो गया हैं। प्रदूषित जल के कारण मनुष्य भंयकर पेट की बिमारियों से पीडित हैं।

झीलों, तालाबों एवं नदियों से कचरे का निस्तारण करने के लिए गिट्स के विद्यार्थी हर्षित बोराना, पार्थ शर्मा, शिवम मिश्रा और नितिन पुरोहित ने असिस्टेंट प्रो. लतीफ़ खान के निर्देशन में ए.आई. आधारित कचरे साफ करने वाली स्मार्ट नाव विक्रांत बनाकर 25 हजारे रूपये का नगद पुरस्कार प्राप्त किया। मानव रहित यह स्मार्ट नाव मोबाइल एप्स से स्वचलित होकर कचरे को एकत्रित कर एक निश्चित स्थान पर जमा करती हैं।

संस्थान के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने विजयी टीमों को शुभकामना प्रेषित करते हुए कहा कि मानव ने अपने विकास के लिए जो भी कदम उठाये हैं उससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जल का प्रदूषण हुआ ही हैं। ऐसे में जल को प्रदूषण से बचाने के लिए विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया यह प्रोजेक्ट सराहनीय एवं प्रशंसनीय हैं।

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