शास्त्रीजी के तुलादान के लिए दिया गया सोना 56 साल बाद CGST के सुपुर्द

शास्त्रीजी के तुलादान के लिए दिया गया सोना 56 साल बाद CGST के सुपुर्द 

CGST (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की टीम आधी रात को 64 किलो सोने के आभूषण और सोने के बिस्किट लेकर रवाना

 
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जमा कराते समय वजन में और आज के वजन में 11 किलो अधिक अंतर

उदयपुर में वर्ष 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए जमा किया गया सोना अब कलेक्ट्रेट के मालखाने से बाहर आ गया है। जब इसे कलेक्ट्रेट के मालखाने में जमा कराया गया था तब इसका वजन 56 किलो था। लेकिन जब इसे निकाला गया तो तौलने पर इसका वजन 67.800 किलो निकला। CGST (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की टीम आधी रात को 64 किलो सोने के आभूषण और सोने के बिस्किट लेकर रवाना हो गई। बाकी का बचा हुआ सोना मालखाने में ही जमा करा दिया। इसके दस्तावेजों का मिलान नहीं होने के कारण इस पर बाद में फैसला होगा।

11 किलो का अधिक अंतर

1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए छोटी सादड़ी के एक व्यवसायी ने उस समय 56 किलो 863 ग्राम सोना एकत्रित किया था। तब इसकी कीमत 5 लाख रुपए बताई जा रही थी। आधी रात करीब 12 बजे जब इसे बाहर निकाला गया तो यह 32 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। आपको बता दे कि  जमा कराते समय वजन में और आज के वजन में 11 किलो अधिक अंतर है। उस समय से मालखाने के रिकॉर्ड में यह सोना 56 किलो 863 ग्राम ही था।

मालखाने के बाहर सोमवार दोपहर से देर रात तक सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। सीजीएसटी अधिकारियों के बार-बार आने जाने से गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। सुरक्षा कारणों के चलते इस सोने को कहां भेजा गया, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

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