गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल नियुक्त करने पर उदयपुर सहित प्रदेश भर में उनके प्रशंसकों ओर बीजेपी नेताओं ने खुशी जताई है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने फोन करके कटारिया को बधाई दी है। वहीं, कटारिया ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी। हालांकि, दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर हालचाल जाने थे, लेकिन राज्यपाल बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
आठ बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके गुलाबचंद कटारिया की गिनती राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है। वे आरएसएस के स्वयंसेवक रहे, फिर जनसंघ में आए। जनसंघ और बीजेपी के शुरुआती नेताओं में से कटारिया प्रमुख रहे हैं।
इससे पूर्व राजस्थान के कद्दावर नेता और उदयपुर से विधायक रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मोहनलाल सुखाड़िया, कांग्रेस के नेता स्वर्गीय सादिक़ अली, जनसंघ के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह भंडारी और रॉ के निदेशक रह चुके उदयपुर के अरविन्द दवे भी राज्यपाल पद को सुशोभित कर चुके है।
अमूमन भारतीय राजनीती में बड़े नेता के पोलिटिकल कैरियर उस वक़्त सम्पत हो जाता है जब उन्हें राज्यपाल बनाया जाता है। लिहाज़ा अब राज्यपाल बनने के बाद कटारिया की मेवाड़ में राजनीती का अध्याय समाप्त हो जाएगा। अब वह संवैधानिक पद पर नियुक्त हो चुके है। इससे पूर्व कांग्रेस ने भी मेवाड़ के कद्दावर नेता मोहनलाल सुखाड़िया को राज्यपाल बनाकर उनका राजनैतिक जीवन समाप्त कर लिया था।
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