निलंबित डीएसपी जितेंद्र आंचलिया की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई 20 को

निलंबित डीएसपी जितेंद्र आंचलिया की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई 20 को 

मामले में एक दलाल मनोज श्रीमाली की ओर से पेश जमानत आवेदन को न्यायालय खारिज कर चुका है

 
jitendra aanchaliya

उदयपुर 18 फरवरी 2023। दलालों के मार्फत अनिवासी भारतीय को उसका ही भूखंड 1.83 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए मजबूर करने और रिश्वत की मांग करने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित डीएसपी जितेंद्र आचंलिया व थानेदार रोशनलाल खटीक की ओर से एसीबी न्यायालय में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया, जिस पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी।

परिवादी नीरज पूर्बिया ने एसीबी को शिकायत दी कि वर्ष 2007 में भुवाणा क्षेत्र में 32000 वर्ग फीट का एक भूखंड खरीदा था। इसके एक हिस्से को उसके भाई नीलेश ने अपनी पत्नी लवलीना को गिफ्ट कर दिया। वर्ष 2019 में नीलेश की मृत्यु हो गई। इसके बाद लवलीना उस भूखंड को बेचने का दबाव बनाने लगी। लगातार बन रहे दबाव के कारण वह कुवैत से उदयपुर आया। 

उसे बताया गया कि 5 करोड़ रुपए में भूखंड का बेचान करना है। इस दौरान एक फर्जी एग्रीमेंट बनाया गया। उसके आधार पर सुखेर थाने में एनआरआई नीरज के खिलाफ दबाव बनाने के लिए षड्यंत्र रचने का एक मामला दर्ज करवाया गया। 

परिवाद में बताया कि सुखेर थाने में दर्ज मामले को लेकर सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने परिवादी को आरपीएस जितेंद्र आंचलिया से मिलने के लिए कहा। आंचलिया ने परिवादी नीरज को गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज होने का हवाला देते हुए डराया। पासपोर्ट जब्त कर पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए तरस जाने की धमकियां भी दी। आंचलिया ने दबाव बनाकर थाने में जबरन एक समझौता लिखवा कर नीरज से हस्ताक्षर करवाए। इसमें लवलीना को रुपए देकर वह जमीन फिर से खरीदनी थी, जो वास्तव में नीरज की ही थी। अपनी ही जमीन खरीदने के लिए परिवादी को 1 करोड़ 83 लाख रुपए चुकाने पड़े थे। 

आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7, 7 (ए) एवं भादंसं की धारा 384 व 120-बी के तहत मामला दर्ज कराया था। उल्लेखनीय है कि मामले में एक दलाल मनोज श्रीमाली की ओर से पेश जमानत आवेदन को न्यायालय खारिज कर चुका है।

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