बीते छह माह से रुस में मृत उदयपुर ज़िले के गोड़वा निवासी हितेंद्र गरासिया का शव दो दिन बाद ही भारत पहुंच हो जाएगा। इस मुहिम के लिए परिजन लंबे समय से लड़ाई कर रहे थे, आखिर उनकी मांग को पुरा कर दिया हैं। शुक्रवार को हितेंद्र के शव को रूस के मॉस्को में कब्र से बाहर निकाल लिया गया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि दो दिन में शव भारत पहुंच जाएगा। शव 3 दिसम्बर को रुस में दफनाया गया था, जबकि दोनों देशों के दूतावास शव दफनाने को छिपाती रही।
भारतीय दूतावास से मिली जानकारी
भारतीय दूतावास से जानकारी मिली है कि हितेंद्र का शव सोमवार सुबह नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहुंचने की संभावना हैं। शव पहुंचाने के लिए मोर्टल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई हैं। केंद्र सरकार के अधिकारी हितेंद्र का शव नई दिल्ली तक पहुंचागे और वहां से राजस्थान सरकार के अधिकारियों को शव सौपा जाएगा।
कब हुई थी मौत
17 जुलाई 2021 को हितेंद्र गरासिया की रुस में मौत हो गई थी। 3 दिसंबर को परिजनों को बिना बताए शव को रुस में दफना दिया। 4 दिसंबर को रशियन दूतावास ने हितेद्र की मौत पर दुख जताया था। 7 दिसंबर को भारतीय दूतावास ने शव पहुंचाने का भरोसा दिलाया था। 15 दिसंबर को हाईकोर्ट जोधपुर में परिजनों ने याचिका लगाई। 17 को केंद्र सरकार ने मामला रशियन जांच एजेंसी के पास बताया। 20 दिसंबर को हाईकोर्ट ने शव दफनाने की सहमति देने पर रोक लगाई। परिजनों को मांगी पावर ऑफ अटॉर्नी से शव दफनाने का खुलास हुआ। 12 जनवरी को सरकार ने हाईकोर्ट में तीन दिन में शव लाने की बात कही। इसरे बाद से परिवार लगातार नई दिल्ली में प्रर्दशन कर रहा हैं।
प्रियंका गांधी ने लिखा था PM को पत्र
लंबे समय से संघर्ष कर रहे परिजनों की मदद के लिए राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी इस मुहिम से जुड़ी थी। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसे संवेदनशील मामला बताते हुए हितेंद्र का शव भारत लाकर परिवार को सौपने की मांग की थी।
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