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उबेश्वर जी में जल संरचनाओं और शिव वन उद्यान का लोकार्पण

उदयपुर में प्राकृतिक पर्यटन को मिल रही नई पहचान-गुलाबचंद कटारिया
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उदयपुर 12 अगस्त 2025। जिला मुख्यालय से सटे प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक स्थल उबेश्वर जी में वन विभाग की ओर से निर्मित जल संरचनाओं और शिव वन उद्यान का लोकार्पण मंगलवार शाम को पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के मुख्य आतिथ्य तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा व जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी की उपस्थिति में हुआ। 

इस दौरान उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, एयरफोर्स के विंग कमाण्डर वीवी मेहर, युआईटी पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, बड़गांव प्रधान प्रतिभा नागदा, जिला परिषद सदस्य पुष्पा शर्मा आदि भी बतौर अतिथि उपस्थित रहे।

जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित उबेश्वर जी में शिव मंदिर के समीप प्राकृतिक पोखर से बहने वाले झरने को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए वन विभाग की ओर से तीन स्तर पर जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। साथ ही शिव वन उद्यान भी विकसित किया गया है। मंगलवार को इन निर्माण कार्यों का समारोहपूर्वक लोकार्पण किया गया। 

समारोह को संबोधित करते हुए पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि भगवान उबेश्वर महादेव की कृपा से इस क्षेत्र में विकास के कार्य संभव हो पा रहे हैं। संत श्री अवधेशानंद महाराज के चातुर्मास के पश्चात इस क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ और पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना। उबेश्वर महादेव के ऊपर पहाड़ी पर वैष्णो देवी माता मंदिर की स्थापना के पश्चात सारा परिदृश्य ही बदल गया। कटारिया ने कहा कि वन एवं इको टूरिज्म की दृष्टि से उदयपुर के विकास में विभाग के अधिकारियों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उदयपुर की झीलें यहां के पर्यटन की जान हैं इन्हें वर्ष पर्यंत भरा रखने के लिए देवास योजना को पूरा करने के प्रयास किए जिनमें सफलता मिली।

ubeshwar ji

उबेश्वर महादेव का यह झरना आने वाले दिनों में बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह उदयपुर जिले में प्राकृतिक पर्यटन की नई पहचान बनेगा। उन्होंने कहा कि उदयपुर में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं नए स्थल चिन्हित कर उन्हें विकसित किया जाना चाहिए।

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि उदयपुर का स्थान अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर पर्यटन की दृष्टि से पहले ही अग्रणी है। शहर के आसपास इस तरह के पर्यटन स्थलों के विकास से पर्यटकों को अतिरिक्त विकल्प प्राप्त होंगे। इको टूरिज्म के रूप में विकसित होने वाले यह स्थल पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि उदयपुर शहर के नए विकसित पर्यटक स्थलों के पीछे मूल आइडिया यहां के जनप्रतिनिधि और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे श्री गुलाबचंद कटारिया का रहा है। आज पंजाब के राज्यपाल रहते हुए भी यहां के विकास पर सतत निगाह रखे हुए हैं एवं समय-समय पर नए आइडिया एवं मार्गदर्शन देते रहते हैं। उनकी यह सक्रियता सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

जनजाति क्षेत्र विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राजस्थान से बाहर रहकर भी राजस्थान की लगातार चिंता करते रहना पंजाब के राज्यपाल के स्वभाव में है। उनके मार्गदर्शन में ही नए-नए पर्यटक स्थल विकसित किया जा रहे हैं। खराड़ी ने कहा कि महाराणा प्रताप के समकालीन कई ऐसे स्थल है जो पर्यटक की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं, उन्हें चिन्हित कर विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

हरयाळो राजस्थान के तहत पौधारोपण

प्रारंभ में पंजाब के राज्यपाल कटारिया, वन मंत्री शर्मा, टीएडी मंत्री खराड़ी सहित अतिथियों ने हरयाळो राजस्थान एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया। वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सेडू राम यादव, मुख्य वन संरक्षक जोधपुर आर के जैन, मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी व अजय चित्तौड़ा, यादवेंद्रसिंह आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। विभागीय अधिकारियों ने अवगत कराया कि क्षेत्र में 650 हेक्टेयर रिजर्व फॉरेस्ट है। इसमें से 10 हेक्टेयर को विकसित किया गया है। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को अतिथियों ने सम्मानित भी किया। इस दौरान वन विभाग के अशोक मेहरिया, आलोक नाथ सहित अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहे।

पेड़ के साथ सेल्फी करें अपलोड, मिलेगा सर्टिफिकेट

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने आह्वान किया कहा कि हरियालो राजस्थान के तहत सभी व्यक्तियों को पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाकर उसके साथ मोबाइल से सेल्फी खींचकर हरियालो राजस्थान पोर्टल पर अपलोड करने पर प्रत्येक व्यक्ति को एक डिजिटल प्रमाण पत्र मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के फोटो युक्त यह प्रमाण पत्र उसके हरियालो राजस्थान अभियान में भागीदारी का सबूत होगा।