राज्य की गहलोत सरकार ने एक साल में दूसरी बार सभी नगरीय निकायों के प्रमुखों के भत्तों में 20 फीसदी की बढोतरी की हैं। सरकार की ओर से निकाले गए नए नोटिफिकेशन के तहत अब नगर निगम में मेयर को 27,600 रुपये, नगर परिषद में अध्यक्ष को 16,560 रुपये और नगर पालिका में चेयरमैन को 10,350 रुपये मिलेंगे। वर्तमान में नगर निगम में मेयर को 24,000 रुपए, नगर परिषद में अध्यक्ष को 14,400 रुपए और नगर पालिका में चेयरमैन को 9,000 रुपए भत्ते के रूप में मिलते हैं।
राज्य सरकार के इस निर्णय को चुनावी मोड के तहत लिया गया फैसला माना जा रहा है, क्योंकि निकाय प्रमुख के भत्तों को बढ़ाए अभी पूरा एक साल भी नहीं हुआ है। चुनाव का समय है और वर्तमान में 230 से ज्यादा नगरीय निकाय हैं। निकाय प्रमुख भी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में ही नगरीय निकाय के प्रमुखों के भत्ते मई 2022 में बढ़े थे। तब राज्य सरकार ने 15 से लेकर 20 फीसदी तक भत्तों में इजाफा किया था। दरअसल, उस समय निकाय प्रमुखों ने भत्ते बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पिछले साल अपने बजट में इसे बढ़ाने का ऐलान किया था।
चुनाव से पहले जनप्रतिनिधियों की मिजाजपुर्सी..
चौंकाने वाली बात यह है कि अबकी बार भत्ते बढ़ाने की ऐसी कोई बड़ी मांग नहीं थी, लेकिन सरकार ने खुद ही आगे बढ़कर भत्ते बढ़ा दिए। जनप्रतिनिधियों के इस तरह भत्ते बढ़ाए जाने को सीधे तौर पर चुनाव से पहले मान-मनोव्वल और मिजाजपुर्सी के रूप में देखा जा रहा है।
करीब एक महीने पहले ही पंचायतीराज संस्थानों के जन प्रतिनिधियों के भत्ते और मानदेय में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसमें सरपंच को 720 रुपए प्रति महीने का फायदा मिला था। वहीं, जिला प्रमुख को 1800 रुपए एवं पंचायत समिति प्रधान को 1260 रुपए ज्यादा मिला था। बता दें कि जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्य और वार्ड पंच को प्रति बैठक भत्ता देय होता है।
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