उदयपुर 25 फ़रवरी 2025। सांसद मन्नालाल रावत ने उदयपुर विकास प्राधिकरण (तत्कालीन उदयपुर विकास प्रन्यास) में करीब एक हजार करोड के घोटाले में शामिल तत्कालीन सचिव नितेन्द्रपाल सिंह तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ कडी अनुशासनत्मक कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। इस मामले में सांसद श्री रावत ने सूत्रों से मिली रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को पत्र के साथ भेजी है।
सांसद रावत ने पत्र में बताया कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर की वर्ष 2022-24 के लेखा अंकेक्षण प्रतिवेदन, तथ्यात्मक रिपोर्ट विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर विकास प्रन्यास के अधिकारियों ने लगभग 1000 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है एवं नियमों के विरुद्ध कई प्लानिंग की अनुमति दी है।
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, उदयपुर द्वारा अंकेक्षण रिपोर्ट भी जारी की है, जिसके संबंध में उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त सहित कई अधिकारियों ने रिपोर्ट का सारांश जारी करते हुए सरकार को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है कि संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए एवं विस्तृत अंकेक्षण रिपोर्ट भी तैयार की जाए, परन्तु अब तक कोई कार्यवाई नहीं की गई है।
सांसद ने पत्र में बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस संबंध में नितेन्द्रपाल सिंह तत्कालिन सचिव ने सबसे अधिक राजस्व की हानि पहुंचाई है जिनकी सेवानिवृत्ति इस माह के अंत में है। इसलिए तत्काल नितेन्द्रपाल सिंह के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत चार्जशीट देते हुए अनुशासनत्मक कार्रवाई प्रस्तावित किये जाने के आदेश करायें ताकि विश्व के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन नगरी उदयपुर में इस प्रकार की राजस्व हानि ना हो एवं भविष्य में संपूर्ण प्रशासन में अच्छा संदेश जाए।
सांसद रावत ने उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त द्वारा प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग, को भेजी गई उदयपुर विकास प्राधिकरण के वर्ष 2022-2024 के लेखांे के अंकेक्षण प्रतिवेदन की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी संलग्न की है जिसमें बताया गया है कि स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर द्वारा वर्ष 2022-24 के लेखों का अंकेक्षण किया गया जिसमें ऑडिट रिपोर्ट में प्लान अनुमोदन, आवंटन पत्र एवं लीजडीड जारी करने में नियमों के उल्लघंन, वित्तीय अनियमितता एवं राजस्व की हानि के आक्षेप प्राप्त हुये है।
सांसद रावत ने बताया कि आयुक्त द्वारा उच्चाधिकारी को भेजी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन सचिव नितेन्द्र पाल सिंह, तत्कालीन सचिव राजेश जोशी, तत्कालीन उप नगर नियोजक श्रीमती ऋतु शर्मा एवं तत्कालीन विशेषाधिकारी सावन कुमार चायल की गंभीर एवं नियम विरूद्ध लापरवाही से भू-व्यवसायिओं को 676.25 करोड रुपए का अनाधिकृत एवं अवांछित लाभ दिया गया एवं राज्य सरकार को राजस्व की भारी हानि पहुंचाने के गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया एवं तथ्यात्मक रिपोर्ट अनुसार उचित प्रतीत होते है।
आयुक्त ने भी इस मामले में उच्चाधिकारी को भेजे पत्र में विभागीय उच्च स्तर की टीम द्वारा वर्ष 2022-24 में अनियमित रूप से अनुमोदित किये गये प्लानों की एवं गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की गहन जांच करवाने की मांग की है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई होना चिंताजनक है। सांसद रावत ने इस बडे घोटाले को गंभीरता से लेकर तत्काल जांच करवाने की मांग की है।
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