फ़ूड पोइज़निंग से बीमार पड़े बच्चो के मामले ने जाँच अधिकारी नियुक्त


फ़ूड पोइज़निंग से बीमार पड़े बच्चो के मामले ने जाँच अधिकारी नियुक्त 

32 बच्चे हुए थे बीमार, 4 को करना पड़ा भर्ती

 
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देबारी के जिंक स्मेल्टर सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में बासी बूंदी खिलाने से बीमार पड़े बच्चों के मामले में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरेक्टर कीर्ति राठौड़ को जांच सौंपी है। जांच अधिकारी कीर्ति राठौड़ ने बताया कि उन्हें जांच के आदेश मिले हैं, वे अभी अवकाश पर हैं। शनिवार या सोमवाार को जांच करेंगी। फिर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगी।

एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर ने बताया कि 26 जनवरी को बची मिठाई का बाद में उपयोग किए जाने से बच्चों के बीमार होने की शिकायत मिली है। जिसके बाद आरएएस स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी है। साथ ही इस जांच में ब्लॉक सीएमओ भी सहयोग करेंगे। मेडिकल टीम भी जांच कर रही है। जांच आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही शिक्षा विभाग के मुख्य ​जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र त्रिवेदी ने भी स्कूल प्रिंसिपल को नोटिस देकर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। मामले मेंं स्कूल प्रिंसिपल जसवंत राय से फोन पर सम्पर्क कर कारण जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया।

32 बच्चे हुए थे बीमार, 4 को करना पड़ा भर्ती

दो दिन पहले स्कूल में 6 दिन पुरानी बूंदी खाने से 32 बच्चे बीमार हो गए थे। ​उल्टी-दस्त व जी मिचलाने की शिकायत पर उन्हें एमबी हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था। जहां से 28 को सामान्य उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। बाकी 4 बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पीआईसीयू में भर्ती कराया था। घटना लंच टाइम के बाद छठे पीरियड में हुई, जब पोषाहार बनाने वाली कुक कम हेल्पर ने पहली से 8वीं तक के बच्चों को बासी बूंद बांट दी। यह बूंदी गणतंत्र दिवस समारोह में वितरण के लिए पंचायत और एक कंपनी की तरफ से सीएसआर के तहत मिली थी।

26 जनवरी को स्कूल में भेजी थी 10 किलो बूंदी, 1 फरवरी को बांटी

वार्ड पंच उदयसिंह देवड़ा ने बताया कि पंचायत ने 5 स्कूल और आंगनबाड़ी के लिए करीब 70 किलो बूंदी बनवाई थी। इसमें जिंक स्मेल्टर सरकारी स्कूल में 10 किलो बूंदी 26 जनवरी को सुबह भेज दी थी। बूंदी पॉलिथीन पैकेट में पैक थी। वहां 1 फरवरी को बूंदी खिलाने का मामला सामने आया। इतने दिन देरी से बूंदी खिलाने का कारण पूरी तरह से प​ता नहीं है बाकी हमारे से बूंदी ताजा भेजी गई। अन्य स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों से ऐसी कोई शिकायत नहीं आई।


 

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