उदयपुर, 26 अगस्त 2024 । प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ में सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मेला महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सुबह से शाम तक भक्तिधाम में दर्शनार्थियों की रेलमपेल रही। दोपहर में सजे-धजे राधा-कान्हा ने सभी का मन मोह लिया तो शाम को समूचा परिसर दही-हांडी प्रतियोगिता के दौरान हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा।
जन्माष्टमी मेला महोत्सव के संयोजक डॉ. राहुल जैन ने बताया कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. बीपी शर्मा व अन्य समिति सदस्यों के सान्निध्य में प्रातः वेला में 5251वीं जन्माष्टमी के आयोजनों का आरंभ हुआ। प्रातः 6 बजे से 9 बजे तक गौरव केन्द्र परिसर में स्थित भक्तिधाम में पंचामृत अभिषेक हुआ। भक्तिधाम के पुजारी लक्ष्मण के सान्निध्य में पुरुष सूक्त विधि से पूजा कराई गई।
प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि दोपहर 12 बजे से राधा-कृष्ण व कान्हा-यशोदा वेशभूषा प्रतियोगिता हुई। राधा-कृष्ण प्रतियोगिता में 6 से 10 वर्ष की आयु तक के बच्चों ने भाग लिया जिसमें वेदांग पुत्र गौरव, शायसा पुत्री किरण व निहिरा पुत्री गौरव पाठक क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। इसी तरह, कान्हा-यशोदा प्रतियोगिता में लकी त्रिवेदी, सूर्य लखारा व दिव्या शर्मा क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। इन प्रतियोगिताओं में डॉ. प्रताप सिंह झाला, डॉ. ऋतु भटनागर, डॉ. अनिल मेहता ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
इसके बाद, तेज बारिश के बीच शाम करीब 5 बजे दही-हांडी प्रतियोगिता शुरू हुई। बरसते पानी में भी गोविन्दाओं का उत्साह चरम पर नजर आया। 30 फीट ऊंची मटकी को पहले राउंड में कोई छू नहीं पाया। दूसरे राउंड में मटकी दो फीट नीचे उतारी गई। इस राउंड में बेदला की अन्नपूर्णा टीम ने मटकी को स्पर्श किया। इसके बाद तीसरे राउंड में मटकी को 1 फीट और नीचे उतर गया और इस बार अपनी बारी आने पर गड़िया देवरा की टीम ने मटकी को फोड़ दिया। मुख्य अतिथि एसपी उमेश ओझा ने विजेता टीम को पुरस्कार प्रदान किया। प्रतियोगिता में कुल 6 टीमों ने भाग लिया जिनमें जगदीश चौक जूनियर, महाकाल सेना, ओम साईं राम और सनराइज की टीम भी शामिल थी।
सहसंयोजक पुरषोत्तम शाकद्वीपीय ने बताया कि शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक परिसर में श्रीकृष्ण लीलामृत झांकियां सजाई गईं। सहसंयोजक शंभूनाथ ने बताया कि इस बार रात्रि 8 बजे से विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया। इसमें शूरवीर कोटड़ा, कैलाश डांगी, सुरेश गहलोत, अरविन्द सेन, भौमिक सुथार, मुकेश पालीवाल ने भक्तिगीतों की सुमधुर प्रस्तुतियां दीं। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के समय मध्य रात्रि 12 बजे महाआरती हुई।
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