कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी को जमानत देने के फैसले को चुनौती


कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी को जमानत देने के फैसले को चुनौती

राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

 
court verdict

उदयपुर12 नवंबर 2024। शहर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है। 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और आरोपी मोहम्मद जावेद को नोटिस जारी किए हैं। याचिकाकर्ता के वकीलों विक्रमादित्य उज्ज्वल और नमित सक्सेना का कहना है कि जावेद मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के लगातार संपर्क में था और उसने कन्हैयालाल की रेकी की थी। मामले में अभी ट्रायल चल रहा है और अब तक कुल 116 गवाहों में से कुछ ही की गवाही दर्ज हुई है। ऐसे में गवाहों पर दबाव डाला जा सकता है और चूंकि यह मामला आतंकी घटना से जुड़ा है, इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं मिलना चाहिए था।

राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 सितंबर, 2023 को कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर जावेद को गिरफ्तार किया है, और जावेद की लोकेशन साबित नहीं की जा सकी है। इसके अलावा, आरोपी से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री या वस्तु बरामद नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जावेद लंबे समय से जेल में है और ट्रायल लंबा चलेगा, इस कारण उसे जमानत दी जा सकती है।

इस दौरान जावेद के वकील ने यह तर्क दिया था कि एनआईए का यह आरोप कि जावेद ने कन्हैयालाल की हत्या की योजना इंडियाना टी-स्टॉल पर बनाई थी, गलत है। टी-स्टॉल के मालिक धर्मेंद्र साहू ने यह बात स्पष्ट की थी कि जावेद उस दिन वहां नहीं आया था। इसके अलावा, एनआईए के अनुसार जावेद ने कन्हैयालाल की रेकी की थी और यह बात सीसीटीवी फुटेज से साबित होती है, लेकिन जावेद की दुकान पर जाने की बात फुटेज में नहीं आई।

गौरतलब है की मोहम्मद जावेद से पहले कन्हैयालाल हत्याकांड में एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को 1 सितंबर 2023 को एनआईए कोर्ट ने जमानत दी थी। फरहाद के खिलाफ एनआईए ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, क्योंकि उसके पास से एक तलवार बरामद हुई थी। जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि यह सवाल कि तलवार धारदार थी या नहीं, जमानत के स्तर पर नहीं किया जा सकता। फरहाद जुलाई 2022 से जेल में था, इस कारण उसे जमानत दी गई।

यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है और इसके कारण देशभर में तनाव भी है। कन्हैयालाल की हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका मामले की गंभीरता को और बढ़ाती है। कन्हैयालाल के परिवार और अभियोजन पक्ष की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि आरोपी को जमानत न मिले, ताकि गवाहों को प्रभावित करने और मामले को प्रभावित करने का खतरा न हो।
 

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