इस्लाम धर्म को मानने वालों लोगों का पहला महीना मुहर्रम है। इस माह के पहले दिन जहाँ एक तरफ समाज के लोग इस्लामिक साल के शुरू होने की ख़ुशी जाहिर करते तो वहीं मुहर्रम की 10वीं तारीख को इस्लाम धर्म के पेगम्बर हजरत मुहम्मद (सल्ल.) साहब के नवासों की शहादत को याद करते हुए याद मे यौम-ए-आशूरा मनाया जाता हैं । यह इस साल 17 जुलाई को मनाया जाएगा । 17 तारीख के मोहर्रम को लेकर शहर की पल्टन मस्जिद में शहर का सबसे बड़ा ताजिया लगभग पूरा तैयार हो चुका है कलाकार सोने-चांदी सहित कई तरह की कलम की नक्काशी से ताजिये तैयार कर रहे है।
दरअसल मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है। हिजरी सन का आरंभ भी इसी महीने से होता है। इस महीने को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार किया जाता है। अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (सल्ल.) ने इस महीने को अल्लाह का महीना कहा है।
ताजिए सोने-चांदी की कलम की नक्काशी सहित मेहंदी, कांच, लकड़ी और कागज की चादर से बनाए जाते हैं। दो दिनों तक मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रम मनाएंगे। इसके बाद ताजियों को कर्बला में ठंडा किया जाता है।
पलटन कमेटी के सेकेट्री शाहनवाज़ ने बताया कि क़रीब दो महीने पहले से ही ताजिया बनना शुरू हो जाता है। शहर में तीन ताजिये धोली बावड़ी, अलीपुरा और पलटन का ताजिया मुख्य माने जाते है।
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