लोक अदालत ने निगम को दोषी मानते हुए 5.43 लाख रुपये परिवादी को देने के दिए आदेश


लोक अदालत ने निगम को दोषी मानते हुए 5.43 लाख रुपये परिवादी को देने के दिए आदेश

दो अवारा बैलो की लड़ाई के दौरान चपेट में आने से अधेड़ की मौत हुई थी 

 
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उदयपुर,16 अप्रैल 2024 म। शहर में इन दिनों आवारा पशु चाहे वो आवारा कुत्ते हों या आवारा मवेशी द्वारा शहरवासियों पर हमला करने या फिर उनके झगड़े में शिकार बनने की घटनाएं सामने रही हैं।  ऐसी ही एक घटना घटना दिनों शहर के खेमपुरा चौराहे पर हुई जहां दो अवारा बैलो की लड़ाई के दौरान उनकी चपेट में आने से अधेड़ की मौत हो गई।

इसके लिए स्थाई लोक अदाल ने नगर निगम उदयपुर को आवारा पशुओं का समुचित अभिग्रहण नहीं करने के लिए दोषी मानते हुए मृतक की पत्नी को दो माह में 5,43,616 रुपये एवं वाद पेश करने की तिथि से छह प्रतिशत ब्याज के साथ राशि का भुगतान करने के आदेश दिये। साथ ही वाद व्यय के पांच हजार रुपये नगर निगम को पृथक से देने के आदेश दिये।

स्थाई लोक अदालत में खेमपुरा सुंदरवास निवासी कमला बाई खटीक ने आयुक्त नगर निगम के खिलाफ अधिवक्ता सुरपाल सिंह के जरिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22 में 20 मार्च, 2022 को परिवाद पेश किया था, जिसमें बताया कि बैलों के हमले से फरियादी के पति सम्पत्तलाल पुत्र अम्बालाल खटीक की मृत्यु हो गई। दुर्घटना का कारण नगर निगम उदयपुर द्वारा आवारा पशुओं का समुचित अभिग्रहण नहीं करने के कारण घटित हुई है।

दुर्घटना के लिए पूरी तरह नगर निगम जिम्मेदार है। आवारा पशुओं की समस्या से आमजन,मोहल्लेवासी, चौराहे के सभी दुकानदार भी परेशान थे। बैलों के द्वारा आमजन को हमेशा गंभीर खतरा बना हुआ रहता था। जिसकी शिकायत करने के बावजूद सम्बन्धित कर्मचारियों की ओर से आवारा पशुओं क अधिग्रहित नहीं किया गया और न ही समस्या का समाधान किया। 

पति सम्पत्तलाल गैस सर्विस भुवाणा में चालक के पद पर कार्यरत है और  10500 रुपये प्रतिमाह कमाता था।इलाज में भी काफी खर्चा हुआ, बीस लाख रुपये का मुआवजा नगर निगम से दिलाने का अनुतोष चाहा। दुर्घटना की जांच प्रतापनगर थाना पुलिस की जिसमें भी दुर्घटना आवारा बैलों की चपेट में आने से प्रार्थिया के पति की मृत्यु होना बताया। मुआवजा राशि के साथ दुर्घटना से अदायगी रकम तक बैंक दर से सालान ब्याज राशि भी दिलाई जाए। इसके अलावा उन्होंने मुकदमा खर्च एवं वकील का मेहनताना भी दिलाने का आग्रह किया। 

स्थाई लोक अदालत के पूर्णकालिक पीठासीन अधिकारी एवं अध्यक्ष रविप्रकाश शर्मा, डॉ गरिमा गुप्ता ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसले में लिखा कि मृतक सम्पत्तलाल की मृत्यु के एवज में नगर निगम की लापरवाही को दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम से मृतक की आश्रित पत्नी कमलाबाई को दुर्घटना की राशि दिलाना न्याय संगत है। 

नगर निगम को इस सम्बन्ध में निवेदन किये जाने एवं नोटिस दिये जाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं  करना, नगर निगम की हठधर्मिता एवं लापरवाही है।  अतः 5,43,616 रुपये परिवादिया को परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 20 मार्च, 2023 से राशि देने तक छह प्रतिशत साधार वार्षिक दर से ब्याज देने के आदेश दिये। साथ ही परिवादी पांच हजार रुपये बतौर वाद व्यय के भी नगर निगम से प्राप्त करने के अधिकारी होगी।
 

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