कई लोग फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र बनाकर वास्तविक हक़दारो का छीन रहे हक़


कई लोग फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र बनाकर वास्तविक हक़दारो का छीन रहे हक़

ब्लाइंड क्लब उदयपुर ने दृष्टिहीन के आरक्षण हनन मामले पर कलेक्टर को दिया ज्ञापन 

 
कई लोग फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र बनाकर वास्तविक हक़दारो का छीन रहे हक़

दृष्टिहीन जनो को आरक्षण के तहत प्रदान की जाने वाली आरक्षित सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा हक़दारो को 

उदयपुर 7 अप्रैल 2021 । ब्लाइंड कल्ब उदयपुर ने आज जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए दृष्टिहीन के आरक्षण हनन मामले पर संज्ञान दिलाने का निवेदन किया है।  ब्लाइंड क्लब के सदस्यों ने बताया की कई लोग फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र बनाकर वास्तविक दृष्टिहीन जनो को आरक्षण के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे है जबकि वास्तविक पीड़ित लोग वंचित रह जाते है।  
 
ब्लाइंड क्लब के सचिव देवीलाल गर्ग ने बताया की कई लोग नैनो की कुछ तकलीफ जैसे मोतियाबिंद, आँखों पर चोट आना आदि की आड़ में अल्प दृष्टि बाधित का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर वास्तविक दृष्टिबाधित जनो के आरक्षण को हड़प रहे है।  कई लोग तो उनके आरक्षित वर्ग में रोज़गार की प्रतियोगिता अधिक होने के कारण भी ऐसे घिनौने कार्यो को अंजाम देते जिसके उदाहरण पूर्व में कई बार समय समय पर मीडिया के माध्यम से सामने आते है। उन्होंने बताया की ऐसी कारगुज़ारियों के चलते वास्तविक दृष्टिबाधित आरक्षण से वंचित रह जाते है और उन्हें रोज़गार नहीं मिल पाता है।  

जानते है क्या है दृष्टिबाधितों की तीन मांगे   

ब्लाइंड क्लब के अध्यक्ष भावेश देसाई  जो की स्वयं एक दृष्टिबाधित है, ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा की हमारी उचित मांगो को स्वीकार नहीं किये जाने हम दृष्टिबाधित मजबूरन न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे।  जानते है क्या है दृष्टिबाधितों की तीन मांगे 

  • दृष्टिबाधित जनो की आरेखित श्रेणी से सरकारी सेवाओं में कार्यरत तमाम कर्मचारियों का एक निश्चित अंतराल में कैंप आयोजित करके पुनः मेडिकल परिक्षण करवाया जाए  जिसमे दोषी पाए जाने पर सम्बंधित कर्मचारियों को अपदस्थ किया जावे। 
  • विभिन्न भर्तियों के अंतिम चरण दस्तावेज सत्यापन के समय तात्कालिक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जावे जिसके तहत दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में सम्मिलित तमाम दृष्टिबाधित जनो का तात्कालिक मेडिकल परिक्षण किया जावे। 
  • जिस प्रकार विभिन्न सरकारी सेवाओं की भर्तियों में राज्य सरकार अन्य आरक्षित श्रेणियों जैसे (एससी, एसटी, ओबीसी) आदि आरक्षित श्रेणियों में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को इन आरक्षित श्रेणियों का लाभ नहीं देती है ठीक उसी प्रकार हम दृष्टिबाधित जनो को आरक्षित श्रेणी में भी यह व्यवस्था लागू करवाई जावे। 
     

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