लेकसिटी जो कि अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। वह अब चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उदयपुर का सबसे बड़ा अस्पताल महाराणा भूपाल चिकित्सालय में NABH की प्रमाण प्रक्रिया शुरु हो गई है। उदयपुर का महाराणा भूपाल चिकित्सालय को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर यानि एनएबीएच की जल्द ही मान्यता मिल सकती है। खास बात यह है कि गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतरने वाला यह राजस्थान पहला सरकारी अस्पताल होगा जिसको यह मान्यता प्राप्त होगी। इसके लिए महाराणा भूपाल चिकित्सालय दिल्ली से निरक्षण के लिए टीम आई हुई है। तय मानकों पर खरा उतरने के बाद मान्यता प्रदान जल्द ही महाराणा भूपाल चिकित्सालय को एनएबीएच की मान्यता प्राप्त हो जाएगी।
अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ ललित कुमार रैगर ने बताया कि एनएबीएच की मान्यता मिलने पर सर्वाधिक लाभ मरीज को होगा। जैसे अच्छे स्वास्थ्य संबंधित परिणाम कम खर्च पर मिलना, उचित समय में जांच, अस्पताल में भर्ती व छुट्टी की प्रक्रिया में समय कम लगता है। अच्छी साफ-सफाई एवं अच्छे हैंड हाइजीन व इंफेक्शन कंट्रोल होने, प्रशिक्षित व कुशल चिकित्साकर्मियों की ओर से इलाज में मरीजों के ऑपरेशन व इलाज के बाद परिणाम की गुणवत्ता में निश्चित रुप से सुधार आता है।
उन्होने बताया कि मान्यता अगर महाराणा भूपाल चिकित्सालय एनएबीएच से मान्यता प्राप्त करते है तो निश्चित रुप से क्षेत्र के लोगों को उच्च तो निश्चित रुप से क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता व मरीज की सुरक्षित देखभाल मिल सकेगी। वहीं, यह भी बताया कि मान्यता के लिए टीम की ओर से निरीक्षण किया जा रहा है। तय मानकों पर खरा उतरने उतरने के बाद मान्यता प्रदान की जाएगी।
क्या होता है एनएबीएच
एनएबीएच को प्राप्त करने के लिए हॉस्पिटल को कई स्तर पर कठिन निरीक्षण से गुजरना पड़ता है। इसके बोर्ड द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की टीम द्वारा गहन निरीक्षण कर चिकित्सा सुरक्षा और गुणवत्ता को जांचा परखा जाता है। इसके बाद एक्रीडियेशन सर्टिफिकेट की अनुशंसा की जाती है।
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