उदयपुर 28 अक्टूबर 2024। बीसीआई एवं होटल एसोसिएशन उदयपुर ने उदयपुर की खूबसूरत झीलों की गंभीर समस्याओं पर ध्यान देने के लिए जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल के ऑफिस में एक अहम बैठक व चर्चा का आयोजन हुआ। इस बैठक में पिछोला, स्वरूप सागर, रंग सागर, और फतेह सागर झीलों में बढ़ती गंदगी और सीवेज की समस्या पर चर्चा की गई।
बैठक में उपस्थित प्रतिनिधिमंडल में बीसीआई टूरिज्म के चार्टर प्रेसिडेंट एवं होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत, संयुक्त सचिव, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान कुंदन सिंह मुरोली, बीसीआई के संस्थापक मुकेश माधवानी, विश्वविजय सिंह झाड़ोल, मेवाड़ हवेली के कमलेश जैन और संयम जैन, झील संरक्षण समिति के तेजशंकर पालीवाल प्रमुख रूप से शामिल थे।
कलेक्टर श्री पोसवाल ने बैठक में नगर निगम की वरिष्ठ टीम को निर्देश दिया कि वे झीलों का निरीक्षण करें और जल्द से जल्द एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उनकी इस पहल से शहर में उनके प्रशासनिक कौशल और प्रतिबद्धता की सराहना हो रही है। यशवर्धन राणावत और तेजशंकर पालीवाल ने झीलों में सीवेज बहाव के स्थानों की जानकारी साझा की और इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान करने के लिए कलेक्टर से ठोस कार्यवाही की मांग की।
इसके बाद नगर निगम टीम ने एईएन दिनेश पंचोली के नेतृत्व में यशवर्धन राणावत और तेजशंकर पालीवाल के साथ स्वरूप सागर के नये पुल का दौरा किया। इस दौरान टीम ने रंग सागर, कुम्हारिया तालाब और पिछोला झील क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जो गंदगी और सीवेज से बुरी तरह प्रभावित हैं। राणावत और पालीवाल ने प्रशासन और नगर निगम को उनके हर प्रयास में निरंतर समर्थन देने का आश्वासन दिया। चर्चा के दौरान उन्होंने झीलों की सफाई और संरक्षण के लिए आवश्यक दो नई डिवीडिंग मशीनें और एक बेड स्क्रैपिंग मशीन की आवश्यकता पर जोर दिया ।
इस बैठक के परिणामस्वरूप, जिला प्रशासन और नगर निगम मिलकर उदयपुर की झीलों की स्वच्छता और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएंगे। उदयपुर के नागरिकों को उम्मीद है कि जल्द ही शहर की प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
उदयपुर के झील प्रेमी तेज शंकर पालीवाल ने बताया कि होटल एसोसिएशन उदयपुर द्वारा दिए गए ज्ञापन और झीलों को साफ रखने की मांग करने के बाद उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल द्वारा तुरंत आदेश जारी किए गए जिसके चलते स्मार्ट सिटी के अधिकारी के सुपरविजन में उनकी एक टीम तुरंत अंबावगढ़ नई पुलिया पर पहुंची जहां पर टीम द्वारा झील का और आसपास के इलाके का निरीक्षण किया गया। ,
इस दौरान झीलों में पड़ी गंदगी को अधिकारियों द्वारा देखा गया और इसको मत देना जो रखते हुए तुरंत आदेश जारी किए गए जिसके अंतर्गत 2 दिन के भीतर स्वरूप सागर में डीविडिंग मशीन को उतारा जाएगा और सफाई करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्वरूप सागर के बाद अगर दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाका है तो वह है कुम्हारिया तालाब, उसकी सफाई करना अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त पिछोला का पानी भी दिन पर दिन काला होता जा रहा है, साथ यह पानी कहीं सफेद तो कहीं पीले रंग का होता जा रहा है।
पालीवाल ने कहा कि 2 दिन पूर्व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एक रिपोर्ट आई है जिसके अनुसार पानी के अंदर घुलनशील ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है, और इस ऑक्सीजन की कमी की वजह से शहर के ब्रह्म पाल इलाके के पीछे वाले तालाब में हजारों मछलियां मर रही है और उनकी लाश से पानी के ऊपर तैर रही है। साथ ही ऑक्सीजन की कमी की वजह से पानी भी पीला पड़ता जा रहा है और यही पीला पानी है हमारे घरों में भी सप्लाई हो रहा है और हम इन दोनों पीले पानी को पीने के लिए मजबूर है और ऐसे प्रदूषित पानी को पीने की वजह से कई वाटरबॉर्न डिजीज भी लोगों में होने लगी है।की समस्या को लेकर पूर्व में भी कई बड़े अधिकारियों और नेताओं ने झीलों का दौरा किया है।
यही नहीं ताराचंद जी के मौजूदगी में जलदाय विभाग के मंत्री ने भी इन झीलों का दौरा किया जिसके दौरान उन्हें पीले पानी की समस्या बताई गई थी लेकिन उसका अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। पानी से जुड़ी हुई सभी समस्याओं को लेकर आज सोमवार को होटल एसोसिएशन उदयपुर द्वारा इस मुद्दे को जिला कलेक्टर के सामने एक बार फिर से रखा गया जिसको ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजो और यह आदेश दिए गए कि जल्द से जल्द बहने वाला और दिखने वाले कचरे को साफ किया जाए साथ ही डिवाइडिंग मशीन से सारे कचरे को हटाकर झीलों की सफाई जल्द से जल्द शुरू की जाए।
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