उदयपुर, 25 जुलाई। मेवाड़ के साहित्यकारों द्वारा सृजित सर्जनाओं से स्थानीय युवा पाठकों व पत्रकारों को लाभांवित कराने के उद्देश्य से उदयपुर के सूचना केन्द्र में बनाई जा रही मेवाड़ के साहित्यकारों की साहित्य गैलेरी अब धीरे-धीरे समृद्ध हो रही है। मेवाड़ के साहित्यकारों द्वारा भी इस मुहिम को समर्थन दिया जा रहा है और पुस्तकें भेंट की जा रही है।
सोमवार को प्रसार शिक्षा, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के पूर्व निदेशक व साहित्यकार डॉ. एलएल धाकड़ ने अपनी हाल ही में प्रकाशित विशाल बहुरंगी पुस्तक ‘उदयपुर का वैभवः झीलें एवं संस्कृति’ पुस्तक सूचना केन्द्र के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा को भेंट की और इसे युवा पाठकों के हित में उपयोग का आह्वान किया। डॉ. धाकड़ ने सूचना केन्द्र द्वारा प्रबुद्ध पाठकों के हितार्थ किए जा रहे साहित्यकारों की सर्जनाओं के संकलन के लिए शुभकामनाएं दी और अन्य साहित्यकारों को भी इसमें सहयोग का आह्वान किया। इस मौके पर शिक्षाविद् प्रकाश तातेड़ ने भी सूचना केन्द्र की मुहिम को युवाओं व पत्रकारों के हिए हितकारी बताया। डॉ. शर्मा ने बताया कि मेवाड़ के एतिहासिक परिपेक्ष्य और संस्कृति पर आधारित इस साहित्य रचनाओं से यहां के पाठकों को उपयोगी शोधपरक संदर्भ सामग्री प्राप्त हो सकेगी
ऐसी है पुस्तक
पुस्तक ‘उदयपुर का वैभवः झीलें एवं संस्कृति’ ए-3 आकार की 500 पृष्ठों की बहुरंगी पुस्तक है और इसमें करीब 4 हजार से अधिक चित्र हैं। इसमें उदयपुर शहर के अतीत, वर्तमान और भावी विकास की परिकल्पना प्रस्तुत की गई है। शहर की सभी झीलों की संपूर्ण जानकारी के साथ वर्तमान रखरखाव, प्रदूषण के कारण एवं निवारण के साथ जल संसाधन से संबंधित अन्य उपयोगी विवरण का समावेश किया गया है। इसके अतिरिक्त उदयपुर के गौरवमयी इतिहास, संस्कृति संरक्षण एवं प्राकृतिक संपदा, महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को आकर्षक ढंग से सहेजा गया है।
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