उदयपुर 29 अक्टूबर 2021। नाबालिग से बलात्कार के मामले में न्याय मिलते मिलते कई बार इतना समय बीत जाता है की पीड़िता और गवाह इंसाफ की उम्मीद छोड़ देते है। लेकिन उदयपुर के पोक्सो-2 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार यादव ने अक्टूबर 2018 में दर्ज हुए 12 वर्षीया किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में सुनवाई कर मामले में दोषी जावर माइंस ख़ाख़ादरा निवासी 25 वर्षीय सुरेश मीणा पुत्र खातू मीणा को 20 साल की कठोर कैद और 2 लाख रूपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
इस मामले में पीड़िता की माँ, ताऊ और ताई पक्षद्रोही हो गए थे यानी उन्होंने दुष्कर्म होने का समर्थन नहीं किया। लेकिन पीड़िता के बयान पर अडिग रहने और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दोषी को सज़ा का फैसला सुनाया गया।
कोर्ट ने कहा की आमतौर पर देखा गया है की जब घटना होती है और समय बीत जाता है तब समाज के लोग परिवादी पक्ष पर राजीनामे का दबाव बनाकर पंचायती फैसला कर पीड़ित पक्ष को मुआवज़ा राशि देकर पक्षद्रोही करवा देते है ताकि अभियुक्त को सजा होने से बचाया जा सके। इस केस में तीनो का पक्षद्रोही होना इंगित करता है की पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाकर राजीनामा किया गया है।
कोर्ट ने आदेश दिया की अभियुक्त द्वारा दी जाने वाली 2 लाख रूपये की राशि पीड़िता को चिकित्सा और पुनर्वास के लिए दी जाए। मामले की पैरवी लोक अभियोजक कुलदीप परिहार ने की।
अक्तूबर 2018 में किशोरी ने अपनी माँ के साथ जावर माइंस थाने में रिपोर्ट दी थी की वह स्कूल जा रही थी तब सुरेश मुंह पर कपडा बाँध कर बिना नंबर की बाइक पर आया और उसे धमका कर अपनी बाइक पर गातोड़ तालाब पर ले जाकर दुष्कर्म किया और घर पर छोड़ दिया। पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्यवाही सुरेश को गिरफ्तार कर कोर्ट में चलन पेश कर दिया।
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