उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के संगीत विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन विश्वशांति में भारतीय संगीत का योगदान विषयक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में अधिष्ठाता प्रो. सीमा मलिक ने अतिथियों का स्वागत किया। संगीत विभाग के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्म भूषण प्रो. पं. विश्वनाथ मोहन भट्ट ने संगीत को विश्वशांति में प्रमुख अंग बताया। विशिष्ठ अतिथि मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पं. साहित्य कुमार नाहर ने भी विश्वशांति हेतु भारतीय संगीत को प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम में संगीतज्ञ प्रो. अनुपम महाजन व प्रो. मधुभट्ट तैलंग ने भी विचार प्रस्तुत किए।
राष्ट्रीय सम्मेलन के तकनीकी सत्र को तीन खण्ड में ऑनलाईन आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में 50 प्रतिभागियों ने पत्र वाचन किया। तीन तकनीकी सत्रों में अध्यक्षता प्रो. संगीता पंडित (बनारस), प्रो. गुरप्रीत कौर (अमृतसर), व प्रो. सुचिस्मिता शर्मा (कुरूक्षेत्र) ने की।
प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ. मंदाकिनी लाहिरी, द्वितीय तकनीकी सत्र का संचालन डॉ. हर्षिता वैयर प तत्तीय तकनीकी सत्र का संवाला डॉ. निधि शर्मा ने किया। तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. प्रेम भण्डारी, डॉ. उषा सनाढ्य व डॉ. निर्मल सनाढ्य ने क्रमशः अपने विचार प्रस्तुत किए। समापन सत्र में संगीत विभाग के छात्रों ने संगीत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का प्रतिवेदन डॉ. पामिल मोदी द्वारा प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निधि शर्मा द्वारा किया गया। उद्घाटन एवं समापन सत्र का संचालन डिम्पी सुहालका व विधि शर्मा द्वारा किया गया।
एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न शहरों से संगीत श्रोतागण, संकाय सदस्य ऑनलाईन उपस्थित रहे। प्रो. अनुपम महाजन ने पत्र प्रस्तुतीकरण में नवाचार को आधुनिक समय में महत्वपूर्ण बताया। डॉ. मधुभट्ट तैलंग ने सराहनीय व विजेता पत्र की समीक्षा करी एवं विजेताओं के नाम घोषित किए।
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