उदयपुर, 7 अकटूबर 2023 । परिवहन विभाग ने गड़बड़ी रोकने और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में अहम बदलाव किया है। ड्राइविंग स्कूलों द्वारा बिना ट्रेनिंग ही प्रमाण-पत्र जारी कर दिए जाने की शिकायतें मिल रहीं थीं। इसी को देखते हुए विभाग ने प्रक्रिया में बदलाव करते हुए ऑनलाइन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जारी करने की नई व्यवस्था की है। लाइसेंस के लिए ऑनलाइन प्रमाण-पत्र बनवाना होगा। लाइसेंस की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब ऑफलाइन प्रमाण-पत्र के साथ आवेदन मान्य नहीं होंगे।
इन सभी चीजों का पता होना जरूरी है
इसी के साथ अब ड्राइविंग स्कूल में महीने में 16 घंटे गाड़ी चलानी होगी। इसके अलावा 14 घंटे की थ्योरी क्लास भी हाेगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी, जिसे आगे पेश किया जाएगा। प्रमाण-पत्र भी इसी आधार पर बनेगा। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो चुके हैं। हालांकि उदयपुर में सिस्टम अपडेट नहीं होने की वजह से एक माह से हैवी लाइसेंस बनाने का काम ठप है। उदयपुर में अगले सप्ताह से इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंस बनना शुरू हो जाएंगे।
गाड़ी में बैठने पर आएगा ओटीपी, बिना बताए उतरे तो ट्रेनिंग रुकेगी
ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग के लिए गाड़ियों में विशेष सिस्टम लगाया जाएगा। जैसे ही व्यक्ति गाड़ी में बैठेगा तो उसके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, जिसे बताना होगा और तब से व्यक्ति की ड्राइविंग और ट्रेनिंग का समय शुरू हो जाएगा। यही प्रक्रिया एक घंटा गाड़ी चलाने व उतरने के बाद भी रहेगी। यदि बिना ओटीपी बताए उतर गए तो वह समय नहीं गिना जाएगा। नियमाें के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चालक को पहले ड्राइविंग स्कूल से एक माह का प्रशिक्षण लेना होता है। इस दौरान चालक को वाहन चलाते समय रखी जाने वाली सावधानियों सहित अन्य तकनीकी बारीकियां बताई जाती हैं, ताकि ड्राइविंग के वक्त चालक कोई लापरवाही न बरतें।
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