उदयपुर 29 जून 2025 । आरएनटी मेडिकल कॉलेज में करंट लगने से एक रेजिडेंट डॉक्टर की मौत के बाद शुरू हुई हड़ताल रविवार को 11वें दिन भी जारी रही। इस बीच रेजिडेंट डॉक्टर्स ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए प्रशासनिक भवन के बाहर टेबल लगाकर खुद की ओपीडी सेवा शुरू कर दी है।
यहां मेडिसिन, पीडियाट्रिक, गायनोकॉलोजी, सर्जरी, ऑर्थो और ईएनटी सहित सभी प्रमुख विभागों के डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं। हड़ताल के चलते एमबी हॉस्पिटल की ओपीडी में आने वाले मरीजों को कतार में अधिक इंतजार नहीं करना पड़े, इसके लिए रेजिडेंट्स अपने स्तर पर मरीजों को दूसरी जगह इलाज के लिए मार्गदर्शन भी दे रहे हैं।
बारिश के कारण ओपीडी को एमबी हॉस्पिटल के आउटडोर से स्थानांतरित कर प्रशासनिक भवन के सामने लगाया गया है।
रेजिडेंट यूनियन के महासचिव डॉ. हितेष शर्मा ने बताया कि हड़ताल का मकसद मरीजों को तकलीफ देना नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने मरीजों की सुविधा के लिए वैकल्पिक ओपीडी शुरू की है, लेकिन कॉलेज प्रशासन आंख मूंदे बैठा है और कानों पर पर्दा डाल लिया है। लगातार करंट की घटनाओं से हॉस्टल में डर का माहौल है। कुछ रेजिडेंट्स अपने घरों या दोस्तों के पास शिफ्ट हो गए हैं। हॉस्टल के वाटर कूलर से अब कोई पानी नहीं पी रहा, मजबूरन बाहर से कैम्फर लाकर इस्तेमाल किया जा रहा है।"
प्रदेशभर से मिल रहा समर्थन
रेजिडेंट डॉक्टर्स की इस हड़ताल को प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के सदस्य भी हर दिन दो-दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं, जिससे सीएचसी और पीएचसी स्तर पर ग्रामीण इलाकों में इलाज पर असर पड़ रहा है। हड़ताल को जोधपुर, कोटा, अजमेर और जयपुर सहित अन्य शहरों की रेजिडेंट एसोसिएशन का भी समर्थन प्राप्त है।
रेजिडेंट्स की मांग है कि हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और हॉस्टल में सुरक्षा संबंधी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal