गणपति विसर्जन के बाद शाहपुरा में हुए हंगामे ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया। बुधवार सुबह चमुना बावड़ी के पांडाल में जानवर के अंग मिलने के बाद स्थानीय निवासियों ने बाजार बंद कर धरना दिया और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। इस घटना के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की बड़ी संख्या मौके पर तैनात की गई।
17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम से गणपति की प्रतिमा का विसर्जन किया गया था। बुधवार सुबह जब लोग पांडाल पहुंचे, तो उन्हें जानवर के अंग मिले, जिससे आक्रोशित होकर उन्होंने धरना शुरू किया।
नगर परिषद सभापति और अन्य नेताओं ने पुलिस के साथ मिलकर लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपने मुद्दों पर अड़े रहे। पुलिस ने घटनास्थल से अवशेष हटा दिए और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी।
विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोगों से संवाद किया, लेकिन धरनार्थियों ने उनकी बात नहीं मानी। इस दौरान, चार किलोमीटर लंबी आक्रोश रैली निकाली गई, जिसमें लोग बाजार की दुकानें बंद कराते गए।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए और गश्त बढ़ा दी। स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई ताकि बच्चों को सुरक्षित घर भेजा जा सके। स्थानीय नेताओं ने इसे सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश बताया और मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी तरफ सतर्कता बरती गई।
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