उदयपुर 17 अप्रैल 2024 । भारतीय लोकतंत्र पूरे दुनिया के लिए अचरज का कारण बना हुआ है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की निर्वाचन प्रक्रिया तो कई विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय बनी हुई है।
लोकतंत्र की मजबूती जहां एक तरफ मतदाताओं के उत्साह पर निर्भर है, वहीं दूसरी ओर मतदान प्रक्रिया में जुटे कार्मिकों के समर्पण में भी निहित है। इसकी बानगी होम वोटिंग के दौरान देखने को मिल रही है। मतदान दल हाथों में वोटिंग की सामग्री थामे पथरीली राहों पर कई किलोमीटर पैदल चल कर मतदाताओं के घर पहुंच कर वोटिंग करा रहे हैं।
उदयपुर संसदीय क्षेत्र में अरावली की उपत्यकाओं के बीच स्थित गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र दुर्गम स्थल माना जाता है। यहां पहाड़ियों, जंगलों और नदी नालों के बीच जनजाति आबादी निवास करती है। होम वोटिंग टीमें तमाम भौगोलिक विषमताओं के बावजूद कर्तव्य निर्वहन में पीछे नहीं हट रहे।
बुधवार को गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र में मतदान दल क्रमांक 1 के पीठासीन अधिकारी और टीम जंगल में नाले को पैदल पार कर मग्घा गांव में वरिष्ठ नागरिक नोजकी देवी के घर पहुंचे और उनसे मतदान कराया। इससे पूर्व भी गोगुन्दा और झाडोल क्षेत्र में दुर्गम स्थलों पर मतदान टीमों के पहुंच कर मतदान कराने के उदाहरण सामने आ चुके हैं।
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