लेकसिटी का प्रदुषण स्तर फिर हुआ चिंताजनक

लेकसिटी का प्रदुषण स्तर फिर हुआ चिंताजनक

बचाव के लिए मास्क ही एक मात्र विकल्प

 
लेकसिटी का प्रदुषण स्तर फिर हुआ चिंताजनक

फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले मरीजों पर इसका बुरा प्रभाव

सर्दियों का मौसम नजदीक आते ही उदयपुर की फिजाओं में प्रदुषण घुलने लगा है। शहर की हवा धीरे-धीरे जहरीली होने लगी है। थोड़े दिनों में हमारे हालात भी ऐसे न हो जाए जैसे दिल्ली के बने हुए है। लेकिन दिल्ली और हमारे शहर में फर्क इतना है कि वहां लगातार हवा खराब बनी हुई है। उदयपुर शहर में ऐसी स्थिति नहीं बनी हुई है।आपको बता दे कि सरकारी आकड़ो के हिसाब से उदयपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स(वायु गुणवत्ता सुचकांक एक्यू-आई) 180 पहुंच गया है।

जबकि 100 या उससे अधिक की सूचकांक स्वास्थय के लिए हानिकारक माना जाता है। इससे फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले मरीजों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं डॉक्टर का कहना है सर्दियों और कोविड की वजह से हर किसी को सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि हवा लगातार प्रदूषित रही और कोविड का संक्रमण फैलता रहा तो यह सभी के लिए चिंताजनक बात होगी। क्योंकि दोनों का असर सीधे-सीधे फेफड़ों पर पड़ता है।

 इसके अलावा पुराने अस्थमा, टीबी या सीओपीडी के मरीजों को तो ऐसे समय दिक्कत स्वाभाविक तौर पर होती है वहीं वायु प्रदूषण से बचाव के लिए लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रदूषण ज्यादा स्तर होने पर बाहर व्यायाम करने से बचना चाहिए।  आप एयर प्योरीफायर काम में ले सकते हैं, यह आपके घर के अंदर वायु प्रदूषण की दर को कम कर सकता है।

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