बिना पंजीकरण एवं नियमो को ताक पे रखकर अस्पताल एवं क्लिनिक चलाने वाले लोगो पर चिकित्सा विभाग अब नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। एक्ट के प्रभावी क्रियान्वन को लेकर बुधवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई जिसमें एक्ट के प्रावधानों को लेकर चर्चा हुई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में चलने वाले अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, क्लिनिक, लेब,आदि को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में ऑनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक है। एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रावधान एवं मापदंड तय किये गए है। एक्ट के मापदंडों की उलंघना पाए जाने पर 5 हजार से 5 लाख तक जुर्माने से लेकर पंजीकरण रद्द करने तक का प्रावधान है।
नियमो के अंतर्गत आने वाले अस्पताल, क्लिनिक, लेब एवं अन्य चिकित्सा संस्थान जिन्होंने अभी तक पंजीकरण नही करवाया है वे जल्द से जल्द ऑनलाइन पंजीकरण करवा ले अन्यथा एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
इनको कराना होता है पंजीकरण
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी एवं योगा चिकित्सा पद्धति से सम्बंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक, सेनेटोरियम, एवं लेबोरेट्री (जाँच केंद्र) को पंजीकरण करना अनिवार्य है। नवीन पंजीकरण विभाग की वेबसाइट clinicalestablishments.gov.in पर जाकर संस्था से सम्बंधित जानकारी अपलोड कर किया जा सकता है।
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