उदयपुर, 13 अक्टूबर 2023। राज्य सरकार द्वारा बड़ी झील के आसपास के क्षेत्र को महाशीर मछली के संरक्षण के लिए कनज़रवेशन रिज़र्व घोषित करने के बाद वन विभाग महाशीर मछली के संरक्षण की कार्य योजना पर चर्चा करने हेतु सलाहकार समूह की बैठक गुरुवार को मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव (CCF) आर.के. जैन की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में महाशीर मछली के अपस्ट्रीम प्रवाह क्षेत्र, खाद्य श्रृंखला, प्रजनन, झील में होने वाले प्रदुषण, हैबीटाट संरक्षण आदि बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। उप वन संरक्षक वन्यजीव उदयपुर को शीघ्र ही प्रबन्धन समिति की बैठक कर इसके संरक्षण की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। कार्य योजना में मुख्य रूप से बड़ी झील में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की रोकथाम, महाशीर मछली के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले अवरोध का निपटान, झील मे पर्यटन गतिविधियों के विनियमन को सम्मिलित किया जाएगा। इन सभी कार्यों में स्थानीय ईडीसी को सक्रिय कर सहयोग लिया जाएगा।
बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को बड़ी झील के इर्द-गिर्द के 206.350 हैक्टेयर क्षेत्र को महासीर कन्जर्वेशन रिजर्व के रूप में घोषित किया गया है। गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा पिछले काफी वर्षों से बड़ी झील में महाशीर मछली के संरक्षण हेतु प्रयास किए जा रहे थे। इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा भी महाशीर के संरक्षण हेतु 2017 में आदेश प्रसारित किए थे।
शुद्ध जल में ही मिलती है महशीर
महाशीर को “टाईगर फिश” के नाम से भी जाना जाता है। यह एक शिकारी मछली है जो जलाशय की शुद्धता का प्रतीक है। यह केवल उन्ही जल क्षेत्र में पाई जाती है, जो प्रदुषण रहीत एवं शुद्ध हो। जिस प्रकार टाईगर की उपस्थिति अच्छे जंगल की गुणवत्ता का सूचक है, उसी प्रकार महाशीर की उपस्थिति जलाशय की स्वच्छता का प्रतीक है, विदित रहे कि स्वच्छता की सूचक यह प्रजाति इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर की रेड डाटा बुक में शामिल हो चुकी है एवं विलुप्ति के कगार पर है।
उदयपुर जिले में महाशीर मछली मुख्यतया बड़ी झील में ही उपलब्ध है। पूर्व में यह मछली यहाँ की अधिकांश झीलों में पाई जाती थी। महाशीर के लिए प्रदूषण रहित हैबिटेट उपलब्ध कराना एवं उसे मेंटेन करना एक चुनौती है। बड़ी झील महाशीर कन्जर्वेशन रिजर्व विश्व में महासार के लिए समर्पित दूसरा एवं भारत का एकमात्र संरक्षित क्षेत्र है।
बैठक में सेवानिवृत आई.एफ.एस. राहुल भटनागर, उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा, अरूण कुमार डी, यादवेन्द्र सिंह चूण्डावत, विशेषज्ञ सतीश शर्मा, इस्माइल अली दुर्गा, विजय कोली, मत्स्य विभाग के प्रतिनिधि सज्जन सिंह देवडा, प्रहलाद सिंह झाला आदि उपस्थित रहे।
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