News-ओगूलाल हत्या प्रकरण में गुर्जर महासभा ने की अविलंब गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच की मांग, पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
राजसमंद में ओगूलाल नामक व्यक्ति की कथित हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जिला अध्यक्ष गुर्जर महासभा राजसमंद और सर्वसमाज ने आज जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने पुलिस थाना आमेट पर हत्या के आरोपी को गिरफ्तार न करने और मामले की निष्पक्ष जांच न करने का गंभीर आरोप लगाया है।
प्रस्तुतकर्ता जिला अध्यक्ष गुर्जर महासभा राजसमंद व सर्वसमाज ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) संख्या 74 सन् 2025, पुलिस थाना आमेट, की जांच किसी अन्य थाने को सौंपी जाए और इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या) का अपराध जोड़कर अभियुक्त को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।
पूरा मामला:
ज्ञापन में रमेश गुर्जर (पुत्र ओगूलाल) ने बताया कि उन्होंने पुलिस थाना आमेट पर 21 अप्रैल 2025 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पिता ओगूलाल की हत्या प्रभुलाल पुत्र दूदा जी गुर्जर, निवासी समतलिया ओडा गुजरान, पुलिस थाना आमेट, जिला राजसमंद ने की है। इस पर पुलिस थाना आमेट ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 में मुकदमा दर्ज किया था।
गुर्जर महासभा के आरोप:
गुर्जर महासभा और सर्वसमाज ने आरोप लगाया है कि 21 अप्रैल 2025 को ओगूलाल की निर्मम हत्या के बावजूद, पुलिस थाना आमेट ने अभी तक न तो हत्या के अपराध की धारा (103 BNS) जोड़ी है और न ही अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। इससे आसपास के गांव के लोगों में काफी रोष व्याप्त है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी न किए जाने से अभियुक्तगण प्रार्थी (रमेश गुर्जर) को जान से मारने की लगातार धमकियां दे रहे हैं और खुलेआम गांव में घूम रहे हैं। प्रार्थी को पुलिस थाना आमेट से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि पुलिस अधिकारी अभियुक्त से मिले हुए हैं और उसे बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। आरोप है कि ओगूलाल की हत्या होने के बावजूद पुलिस ने जानबूझकर धारा 103 BNS नहीं जोड़ी और अभियुक्त को बचाने के लिए धारा 105 BNS में मामला दर्ज किया।
जान का खतरा और न्याय की उम्मीद:
गुर्जर महासभा ने जोर दिया कि ऐसे गंभीर मामले में अभियुक्त को अभी तक गिरफ्तार न करने से मृतक के परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। इसलिए अभियुक्त को अविलंब गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है। चूंकि पुलिस थाना आमेट से न्याय की उम्मीद नहीं है और अनुसंधान अधिकारी पर अभियुक्त से मिलीभगत का आरोप है, इसलिए मामले की जांच किसी अन्य थाने से करवाई जानी चाहिए ताकि मृतक के परिवार को निष्पक्ष न्याय मिल सके।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि प्रार्थी रमेश गुर्जर ने 14 मई 2025 को भी इस संबंध में एक लिखित परिवाद जिला कलेक्टर को प्रस्तुत किया था, लेकिन इसके बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी से विवश होकर ग्रामवासियों को यह ज्ञापन प्रस्तुत करना पड़ रहा है।
मांग:
अंत में, जिला अध्यक्ष गुर्जर महासभा राजसमंद व सर्वसमाज ने जिला कलेक्टर से प्रार्थना की है कि FIR संख्या 74 सन् 2025 की पत्रावली अविलंब पुलिस थाना आमेट से हटाई जाए, और मामले की जांच जिला कलेक्टर के निर्देशन में किसी अन्य थाने से करवाई जाए। साथ ही, अभियुक्त को अविलंब गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाए और मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 जोड़ी जाए।
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