News-विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने राजस्थान विधानसभा में मार्बल उद्योग को कर राहत देने की मांग रखी
जयपुर – राजस्थान विधानसभा में विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने राज्य सरकार का ध्यान राजस्थान के मार्बल उद्योग की मौजूदा चुनौतियों की ओर आकर्षित किया और इस उद्योग को रॉयल्टी एवं GST दरों में राहत प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान विश्व का सबसे बड़ा मार्बल उत्पादक राज्य है, जो राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही, अजमेर सहित कई जिलों में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराता है। यह उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन विगत कुछ वर्षों से इसे मंदी एवं वैकल्पिक उत्पादों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सदन में रॉयल्टी एवं GST की असमान दरों का मुद्दा उठाते हुए बताया कि कोटा स्टोन व निंबाहेड़ा स्टोन पर रॉयल्टी ₹156.80 प्रति टन है, जबकि मार्बल पर यह ₹358.40 प्रति टन है। GST की दर कोटा स्टोन एवं निंबाहेड़ा स्टोन पर 5% है, जबकि मार्बल पर 18% कर लागू है।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि इस असमान कर प्रणाली के कारण मार्बल उद्योग के व्यापारियों, श्रमिकों एवं अन्य हितधारकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मार्बल एवं ग्रेनाइट उद्योग पर करों को कोटा स्टोन एवं निंबाहेड़ा स्टोन के समान किया जाए, जिससे यह उद्योग प्रतिस्पर्धा में बना रहे और इससे जुड़े लाखों लोगों की आजीविका सुरक्षित रह सके।
News-नाथद्वारा विधायक ने विधानसभा में मदिरा और मांस बिक्री पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया
नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राजस्थान विधानसभा में प्रक्रिया एवं संचालन नियमों के नियम 295 के तहत नाथद्वारा नगरपालिका क्षेत्र में मदिरा और मांस की बिक्री पर रोक लगाने की जनभावना को उठाते हुए एक पत्र लिखा। उन्होंने इस विषय को विधानसभा में प्रस्तुत करने की मांग की है।
विधायक ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि 17वीं शताब्दी में जब श्रीनाथजी की मूर्ति को औरंगज़ेब के सैनिकों से बचाने के लिए मथुरा से मेवाड़ लाया गया, तब महाराणा राज सिंह जी ने मूर्ति को सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया। आज, 350 वर्षों के बाद, वही मूर्ति और नाथद्वारा आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुके हैं।
राजस्थान सरकार मंदिरों और पर्यटन स्थलों के रखरखाव और तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान दे रही है, लेकिन यह केवल ढाँचों और बनावट तक सीमित नहीं होना चाहिए। धार्मिक स्थलों का वातावरण और उससे उत्पन्न भावनाएँ भी महत्वपूर्ण हैं। पहचान को बनाए रखने से ही वातावरण संरक्षित रहता है, जबकि बदलाव से आस्था पर प्रभाव पड़ता है। उदयपुर इसका उदाहरण है, जो कभी अपने इतिहास और पर्यावरण के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन आज वह फिल्मी शादियों का प्रमुख स्थल बन गया है। पर्यावरण और सांस्कृतिक मूल्यों के नुकसान से हमें सीख लेनी चाहिए।
नाथद्वारा की पहचान श्रीनाथजी और उनसे जुड़ी प्रथाओं से बनी है। यह आवश्यक है कि हम 350 वर्ष पहले किए गए संघर्ष और जनभावनाओं का सम्मान करें, अन्यथा नाथद्वारा की पहचान में एक फ़ीकापन आ सकता है। इतिहास, नागरिकों और देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए श्रीनाथजी से जुड़ी परंपराओं को कायम रखना आवश्यक है। इस संदर्भ में नाथद्वारा नगरपालिका क्षेत्र में मदिरा और मांस की बिक्री पर रोक लगाना एक सही और सराहनीय कदम होगा।
News-कामकाजी महिलाओं के लिए आवास गृहों की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाए : विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी
जयपुर – राजस्थान विधानसभा में विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने राज्य सरकार का ध्यान प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कामकाजी महिला आवास गृहों की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराने की ओर आकर्षित किया। उन्होंने सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार से यह मांग की कि इन आवास गृहों में आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तथा महिलाओं के लिए न्यूनतम दर पर भोजन व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ एवं सस्ती आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए स्पष्ट नीति बनाकर संचालन, न्यूनतम सुविधाएँ, प्रवेश पात्रता, रहने की अधिकतम अवधि एवं देय शुल्क जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को परिभाषित किया जाए। साथ ही, इन आवास गृहों के संचालन की नियमित जांच व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विधायक दीप्ति माहेश्वरी के मूल प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्तमान में प्रदेश के प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर कामकाजी महिला पुनर्वास गृह संचालित हैं। सरकार ने जिला मुख्यालयों पर आवास गृहों के संचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और इसके लिए अभिरुचि की अभिव्यक्ति (EOI) के प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि विगत तीन वर्षों में राज्य सरकार ने कामकाजी महिला आवास गृहों के भवन निर्माण पर ₹26.80 करोड़ खर्च किए हैं, जबकि इनके संचालन पर ₹66.98 लाख का व्यय किया गया है। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने सरकार से मांग की कि इन योजनाओं को तेजी से लागू किया जाए, जिससे प्रदेश की कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं किफायती आवास सुविधा मिल सके।
News-सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने किया सीएचसी खमनोर का निरीक्षण
राजसमंद 28 फरवरी। सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खमनोर का निरीक्षण कर वहां चिकित्सा अधिकारीयों को परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नियत सेवा दिवस पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशाओं के माध्यम से अधिक से अधिक योग्य दम्पत्तियों को प्रेरीत कर लाभान्वित करने के लिये निर्देशित किया।
उन्होंने सीएचसी के प्रत्येक विभाग में जाकर वहां दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का अवलोकन किया तथा मरीजो को छाया के लिये आवश्यक संख्या में पौधारोपण करने के लिये चिकित्सा अधिकारी प्रभारी ओ.पी लाठी को निर्देशित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत संस्थान पर भर्ती मरीजो को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिये निर्देशित किया तथा मरीजो के हित में स्थानीय भामाशाहों को प्रेरीत कर आवश्यक सुविधाओं का प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिये निर्देशित किया।
उन्होने संस्थान में ऑपरेशन थियेटर का निरीक्षण कर वहां आई ऑपरेशन के लिये आवश्यक उपकरणो एवं सामग्री को देखा तथा नैत्र रोग विशेषज्ञ को शीघ्र ऑपरेशन की शुरूआत कर आमजन को लाभान्वित करने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने वहां ओपीडी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं वय वंदना योजना के तहत जारी ई-केवाईसी कार्य का अवलोकन किया तथा आशाओं को निर्देशित किया की गांव - मोहल्ले में कोई भी पात्र व्यक्ति ई-केवाईसी से वंचित नही रहना चाहिये यह सुनिश्चित करे।
News-चिन्हित गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को दिया जा रहा निःशुल्क उपचार
स्वास्थ्य जागरूकता की कमी, गरीबी और चिकित्सा संस्थानों से दूरी के कारण कई बच्चे समय पर आवश्यक उपचार से वंचित रह जाते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला कलक्टर श्री बालमुकंद असावा की पहल पर शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर हेमंत बिंदल ने बताया कि जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को निःशुल्क विशेषज्ञ उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। सर्वप्रथम शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में 1 लाख 84 हजार 180 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें कटे-फटे तालु, हृदय रोग, मोतियाबिंद, मुड़े पैर और अन्य जन्मजात बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की पहचान की गई। इन बच्चों को निकटवर्ती चिकित्सालय में विशेषज्ञ को दिखता गया।
अब इनमें स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान 354 बच्चे कटे-फटे तालु, 394 बच्चे हृदय रोग, 303 बच्चे मोतियाबिंद एवं नैत्र रोग, और 570 बच्चे मुड़े पैर एवं अन्य पैरों की बीमारियों से संभावित रूप से ग्रस्त पाए गए। 155 बच्चों को आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ परामर्श व उपचार के लिए भेजा गया, जबकि 61 बच्चों को निःशुल्क परिवहन सुविधा के माध्यम से अनंता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। अनंता हॉस्पिटल में 19 बच्चों को ओपीडी परामर्श एवं उपचार दिया गया, जबकि 25 बच्चों को भर्ती कर गहन जांच की गई। इनमें से 5 बच्चों की सफल सर्जरी (क्लबफुट, मोतियाबिंद और कटे-फटे तालु) की गई। वहीं, 11 बच्चों को विशेषज्ञ निगरानी में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 9 बच्चों का उपचार प्रक्रिया में है।
जिन बच्चों का अब तक उपचार नहीं हो सका है, उनके अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें उपचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिला कलक्टर की इस अभिनव पहल के माध्यम से उपचार प्राप्त बच्चों को नया जीवन मिला है, जिससे उनका बचपन स्वस्थ और खुशहाल बन सका है।
News-हमारा शौचालय, स्वच्छ शौचालय अभियान के तहत सामुदायिक शौचालयों की मिशन मोड पर हुई सफाई
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बृज मोहन बैरवा के नेतृत्व में "हमारा शौचालय, स्वच्छ शौचालय" अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों की साफ-सफाई सुनिश्चित की गई। अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक शौचालयों की स्वच्छता सुनिश्चित करना एवं लंबे समय से बंद या अनुपयोगी पड़े शौचालयों को पुनः उपयोग में लाना था। इस पहल के तहत सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों की स्थिति का आकलन कर उन्हें स्वच्छ और सुचारू रूप से संचालित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए।
जिला स्वच्छता समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि अभियान के दौरान सामुदायिक शौचालयों की सफाई एवं मरम्मत की गई। कई स्थानों पर शौचालय गंदगी और रखरखाव की कमी के कारण अनुपयोगी हो गए थे। अभियान के तहत इन शौचालयों की सफाई कर "माई टॉयलेट, क्लीन टॉयलेट" की तर्ज पर पुनः उपयोगी बनाया गया ताकि लोग नियमित रूप से इनका उपयोग करें और स्वच्छता बनाए रखें। अभियान के दौरान शौचालयों में उपलब्ध सुविधाओं का आकलन किया गया, जिसमें पानी की उपलब्धता, नल कनेक्शन, हैंडपंप, टैंकर आदि के स्रोतों की जानकारी जुटाई गई। साथ ही टॉयलेट पैन, यूरिनल पॉट, नल, टोटियां, वॉश बेसिन, दरवाजे और छत की मरम्मत की आवश्यकता का आकलन किया गया। अत्यधिक क्षतिग्रस्त शौचालयों के पुनर्निर्माण की योजना भी ग्राम पंचायतों द्वारा बनाई गई।
अभियान को प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के लिए गूगल फॉर्म के माध्यम से डिजिटल मॉनिटरिंग की गई। शौचालयों की सफाई से पहले एवं बाद की स्थिति के फोटोग्राफ संकलित किए गए। प्रत्येक शौचालय की स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं एवं मरम्मत की आवश्यकताओं की पहचान कर आगे की रणनीति तैयार की गई। वर्तमान में सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह, ग्राम पंचायत, एनजीओ, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति अथवा अन्य संस्थाओं के माध्यम से की जा रही है, जिसका डाटा भी एकत्रित किया गया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृज मोहन बैरवा ने सभी ग्राम पंचायतों के स्वयंसेवी संगठनों एवं नागरिकों से अपील की है कि सामुदायिक शौचालयों की स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक नागरिक को इसमें अपनी भागीदारी निभानी होगी। सामुदायिक शौचालयों का स्वच्छ और सुचारू संचालन ही स्वच्छता अभियान की सफलता का महत्वपूर्ण आधार है। यह अभियान भविष्य में भी नियमित अंतराल पर चलाया जाएगा, ताकि सामुदायिक शौचालयों की स्वच्छता और मरम्मत की स्थिति की सतत समीक्षा की जा सके।
News-जनावद में हुई रात्रि चौपाल में आमजन को मिली राहत
राजसमंद। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने शुक्रवार रात्रि को कुंभलगढ़ ब्लॉक के गढ़बोर तहसील के ग्राम पंचायत जनावद में आयोजित रात्रि चौपाल में स्थानीय नागरिकों की विभिन्न समस्याओं को सुना। रात्रि चौपाल शाम 7 बजे शुरू हुई। इस अवसर पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए।
रात्रि चौपाल के दौरान उपस्थित नागरिकों ने पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य स्थानीय मुद्दों से संबंधित समस्याओं को जिला कलेक्टर के सामने रखा। कलक्टर ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया। असावा ने कहा, "सरकार आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और हम सभी मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास करेंगे।" उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक समस्या का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करें और शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें।
रात्रि चौपाल के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को अपनी समस्याएं सीधे जिला प्रशासन तक पहुंचाने का अवसर मिला, जिससे प्रशासन और आमजन के बीच समन्वय में सुधार होगा। यह रात्रि चौपाल जनावद के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं को सीधे जिला कलेक्टर के समक्ष रखा और त्वरित समाधान की उम्मीद जताई। रात्रि चौपाल में अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर, उपखंड अधिकारी सहित अन्य उपस्थित रहे।
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