News-वाहन स्वामियों को जुर्माने और ब्याज में छूट का लाभ
राजसमंद। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने वाहन स्वामियों को राहत देने के उद्देश्य से तीन विशेष एमनेस्टी योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत ई-रवन्ना ओवरलोडिंग चालान में छूट, नष्ट हो चुके वाहनों के पंजीयन प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण की सुविधा और पुराने बकाया कर पर नई जुर्माना दरें निर्धारित की गई हैं।
खनिज विभाग से प्राप्त ई-रवन्ना के तहत ओवरलोडिंग मामलों में जारी चालानों पर 95 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, जिन यात्री और भार वाहनों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, उनके लिए भी एमनेस्टी योजना लागू की गई है, जिसके तहत वाहन स्वामी अपने नष्ट वाहनों का पंजीयन प्रमाण पत्र निरस्त करवा सकते हैं और प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। कई पुराने वाहन स्वामियों के नाम पर कर बकाया होने के कारण उनके अन्य वाहनों को भी ब्लॉक कर दिया गया था, लेकिन अब वे निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर 100 प्रतिशत पेनल्टी और ब्याज में छूट का लाभ उठा सकते हैं।
परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 15 मार्च 2025 से पूर्व जिले के सभी भार वाहनों की कर वसूली सुनिश्चित की जानी है। मोटर वाहन करों के भुगतान में ऑनलाइन इंटरफेस को बढ़ावा देने और अभिलेखों का संपूर्ण डिजिटलीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मार्च 2025 के दौरान कर संग्रहण कार्य के लिए सभी राजकीय अवकाशों पर भी जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय खुले रहेंगे। इन अवकाशों के दौरान केवल कर संग्रहण से जुड़े कार्य किए जाएंगे।
इसके अलावा, यात्री और भार वाहनों के पुराने कर बकाया मामलों में पेनल्टी को 1.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है। अतः समस्त बकाया कर वाले वाहन स्वामियों से अपील की जाती है कि वे 15 मार्च 2025 से पूर्व अपने वाहन का बकाया कर जमा करवाना सुनिश्चित करें। निर्धारित समय सीमा के पश्चात कर जमा करवाने पर 3 प्रतिशत मासिक ब्याज वसूला जाएगा।
News-गिवअप अभियान: नाम हटाने हेतु अन्तिम अवसर 31 मार्च तक
राजसमंद। राज्य सरकार द्वारा गिवअप अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित मापदंडों के अनुसार श्रेणियों में आने वाले परिवार खाद्य सुरक्षा योजना से निष्कासन की सूची में सम्मिलित हैं।
इनमें जिन परिवारों में कोई आयकर दाता हो, जिनका कोई सदस्य सरकारी/अर्द्ध-सरकारी/स्वायत्त संस्थाओं में कर्मचारी/अधिकारी हो, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1,00,000 से अधिक हो, जिनके परिवार में कोई सदस्य चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर व जीविकोपार्जन हेतु उपयोग किए जाने वाले एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर) का स्वामी हो शामिल हैं। इन लोगों को 31 मार्च तक नाम हटाने का अंतिम अवसर दिया जा रहा है।
जिला रसद अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि निष्कासन श्रेणी में आने वाले परिवार 31 मार्च 2025 तक स्वयं अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटवा सकते हैं। इसके लिए जिला रसद कार्यालय में उपस्थित होकर आवेदन किया जा सकता है या खाद्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ओटीपी के माध्यम से अभियान में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
अब तक 8910 परिवारों ने छोड़ा मुफ्त राशन
राजसमन्द जिले में अब तक 8910 उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से योजना से अपना नाम हटवा लिया है। वहीं, ऐसे 85 अपात्र परिवारों को जिला रसद अधिकारी, राजसमन्द द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। यदि 31 मार्च 2025 तक अपात्र परिवार स्वयं आवेदन नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध सघन जांच अभियान चलाया जाएगा।
नाम नहीं हटाया तो वसूली होगी
जिला रसद अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि अवैध रूप से राशन लेने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। 2016 से अब तक प्राप्त गेहूं की वसूली ₹27 प्रति किलो की दर से की जाएगी। विभागीय निर्देशों के अनुसार विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अपात्र परिवारों से अनुरोध है कि वे 31 मार्च 2025 से पूर्व स्वेच्छा से अपना नाम हटवा लें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
News-विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने महिलाओं को वितरित किए जूट के बैग
राजसमंद। राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने ‘प्लास्टिक मुक्त राजसमंद’ अभियान के तहत नगर के सब्जी मंडी परिसर में आई महिलाओं को करीब 500 जूट बैग वितरित किए।जिले को पूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत जिलेभर में नगर निकायों, ग्राम पंचायतों, औद्योगिक संस्थाओं, संगठनों, भामाशाहों, समाजसेवियों के माध्यम से जूट एवं कपड़े के 51000 बैग वितरित किये जा रहे हैं। अभियान का असर अब धरातल पर दिखना शुरू हो गया है। इस दौरान नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय, अधिशाषी अभियंता तरुण बाहेती सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अभियान के तहत विधायक माहेश्वरी ने लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पॉलीथिन के उपयोग से न केवल पर्यावरण को हानि पहुँचती है, बल्कि गौ माता के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जागरूकता और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। विधायक माहेश्वरी ने सभी से प्लास्टिक को छोड़ कर पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से जूट एवं कपड़े के बैग ही उपयोग में लाने की अपील की। विधायक के हाथों बैग मिलने पर लोगों ने भी सरकार का आभार व्यक्त किया।
एक्सईएन बाहेती ने बताया कि नगर परिषद द्वारा पूरे शहर में लगभग 5000 जूट बैग वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि नागरिकों को पॉलीथिन का उपयोग छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके। यह अभियान शहर को स्वच्छ एवं पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजीविका एसएचजी की महिलाएं कर रही तैयार
जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में शुरू इस अभियान के तहत जूट और कपड़े के बैग तैयार करने का कार्य राजीविका के एसएचजी की महिलाओं को सौंपा गया है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ इन ग्रामीण जरुरतमन्द महिलाओं का भी आर्थिक सशक्तिकरण हो सके। महिलाओं द्वारा भी पूरे उत्साह से बैग तैयार किये जा रहे हैं और खरीद के लिए बड़ी संस्थाएं और आमजन आगे आने लगे हैं जिससे महिलाओं का मनोबल भी बढ़ रहा है। जिला कलक्टर ने सभी लोगों से प्लास्टिक मुक्त राजसमंद अभियान में जुडने और प्लास्टिक छोड़ने की अपील की है।
ये रहे मौजूद
जूट बैग वितरण के दौरान नगर परिषद के आयुक्त बृजेश राय, अधिशासी अभियंता तरुण कुमार बायती, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक गिरिराज गर्ग सहित मुरली भोई, फुलेश खत्री, कैलाश निष्कलंक, हिम्मत मेहता आदि गणमान्यजन उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की सराहना की और नागरिकों से पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने में सहयोग देने की अपील की।
News-गैर चुनाव अवधि में भी सतत मॉनिटरिंग हेतु एमसीएमसी कमेटी की बैठक आयोजित
राजसमंद। निर्वाचन विभाग के आदेशों के अनुपालन में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित एवं प्रकाशित निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित समाचारों की गैर-चुनाव अवधि में भी सतत मॉनिटरिंग किए जाने हेतु जिला स्तरीय मीडिया एवं क्रियान्वयन समिति (एमसीएमसी कमेटी) की बैठक जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) के निर्देशन में आयोजित की गई। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी नरेश बुनकर ने सदस्यों के साथ दायित्वों के संबंध में चर्चा करते हुए गैर चुनाव अवधि में भी सतत मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।
बैठक में एडीएम बुनकर ने उपस्थित अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग एवं निर्वाचन विभाग, राजस्थान, जयपुर के आदेशों की जानकारी प्रदान करते हुए गैर-चुनाव अवधि में भी मीडिया पर प्रसारित होने वाली निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित समाचारों की सतत निगरानी के महत्व से अवगत कराया गया। एडीएम ने यह उल्लेख किया गया कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया आमजन तक सूचना पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम है, लेकिन इसके दुरुपयोग की संभावना भी बनी रहती है। अतः निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर मिथ्या सूचनाओं की त्वरित पहचान, सत्यापन एवं समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग की मानक संचालन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। एडीएम ने सभी को निर्देशित किया गया कि वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित, प्रकाशित निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित समाचारों की मॉनिटरिंग कर नियमित रूप से जिला निर्वाचन अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जा सके।
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