News-बढ़ेगा वेटनेरी पीजी एवं पीएचडी छात्रों का स्टाइपेन्ड
नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के प्रयासों से अब पूरे प्रदेश के वेटरनरी छात्रों को राहत मिलने जा रही है। छात्रों की स्टाइपेंड वृद्धि का रास्ता प्रशस्त हुआ है जिसके लिए छात्रों ने विधायक का आभार जताया है। उल्लेखनीय है कि विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने पीजी और पीएचडी कर रहे वेटनेरी छात्रों के स्टाइपेन्ड बढ़ाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया था।
विधायक के पत्र के पश्चात शासन उप सचिव संतोष करोल द्वारा राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विवि बीकानेर के कुलपति को पत्र प्रेषित कर लिखा गया है कि चिकित्सा स्नातक एवं स्नातकोत्तर (PG) तथा आयुर्वेद चिकित्सा स्नातक एवं स्नातकोत्तर (PG) में अध्यनरत छात्रों को देय स्टाईपैड तथा पशुचिकित्सा स्नातक एवं स्नातकोत्तर (PG) में अध्यनरत छात्रों को देय स्टाईपैड का तुलनात्मक सारणी तैयार कर एक नोट सहित स्टाईपेंड में वृद्धि की स्वीकृति हेतु पुनः प्रस्ताव भिजवाने का श्रम करें, ताकि प्रकरण में पुनः नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा सकें।
विधायक के प्रयासों से स्टाइपेन्ड वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो गया है, शीघ्र ही इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी होने की संभावना है। छात्रों ने विधायक के प्रयासों को सराहते हुए कहा है कि उन्होंने लगभग 35 से ज्यादा विधायकों और सांसदों से इस विषय में पत्र भिजवाए थे लेकिन नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के प्रयासों का सर्वाधिक असर हुआ और उनकी मांग पूरी होने जा रही है। छात्रों ने विधायक का आभार व्यक्त किया है।
News-तीन दिवसीय कलस्टर प्रबंधक एवं लेखापाल का प्रशिक्षण सम्पन्न
राजीविका के अंतर्गत कलस्टर प्रबंधक एवं लेखापाल का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण TLC सेंटर राजसमंद में रखा गया। जिला परियोजना प्रबंधक डॉ सुमन अजमेरा ने बताया की तीन दिवसीय प्रशिक्षण में संगठन निर्माण, क्षमतावर्धन, वित्तीय समावेशन एवं आजीविका गतिविधियों पर प्रशिक्षण दिया गया।
समापन के अवसर पर वन्दे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत गतिविधियों को अपडेट करने के साथ ही पलास्टिक मुक्त वातावरण हेतु 12 तारीख को अभियान चलाकर पलास्टिक की बॉटल एकत्रित करने के निर्देश प्रदान किए। इस अवसर पर जिला प्रबंधक भेरू लाल बुनकर, कमल कुमार मारु, डीआरसी हेड प्रीति लोधा, जिला लेखाकार हेमंत छीपा एवं DRC टीम उपस्थित रही।
News-धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की बैठक
जिला परिषद राजसमन्द द्वारा जिले के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभागार में समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में श्री बृज मोहन बैरवा द्वारा बताया गया की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में जिले में अन्त्योदय मिशन डाटा में चयनित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के 73 गांवों में 17 विभागो से संबंधित 25 गतिविधियों के लिए दिनांक 15 जून रविवार से 30 जून सोमवार तक संबंधित गांवो के ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर आयोजित किये जायेंगे।
उक्त अभियान हेतु ब्लॉक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी को नोडल (अभियान) प्रभारी एवं विकास अधिकारी को सहायक नोडल (अभियान) प्रभारी नियुक्त किया गया है। श्री बृज मोहन बैरवा ने यह भी बताया कि अभियान में 17 विभागों से सम्बधित 25 गतिविधियों के सम्मिलन से क्रियान्वयन हेतु पंचायतीराज विभाग के साथ ही पेयजल, विद्युत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग शिक्षा विभाग आयुष विभाग कौशल एवं आजीविका विकास विभाग कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पशुपालन एवं डेयरी विभाग आदि के नोडल अधिकारी भी विभागीय योजनाओं की प्रचार सामग्री के साथ विभागीय योजनाओं में कैम्प स्थल पर लाभान्वित करने के लिए उपस्थित रहेगें।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने यह बताया कि अभियान के दौरान शिविर में आधार कार्ड एवं ई मित्र संचालक की मय संसाधन उपलब्धता, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड (PM-JAY), किसान क्रेडित कार्ड, जनधन खाता एवं बीमा योजना (PMJJBY, PMSBY) सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, रोजगार एवं आजीविका योजना मनरेगा, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, मुद्रा लोन, महिला एवं बाल विकास PMMVY, ICDS Benefits, Immunization कार्य को प्राथमिकता देते हुये उक्त गांवों के वचितो को इन योजनाओं में लाभान्वित किया जावेगा।
News-विविध जल संरक्षण एवं चारागाह विकास कार्यों का मीडिया ने किया अवलोकन
वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत जिले में जल संरक्षण और चारागाह विकास के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों का मीडिया ने अवलोकन किया। इस अवसर पर आमेट ब्लॉक के ग्राम भादला, ग्राम पंचायत जिलोला में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग द्वारा विकसित चारागाह विकास कार्यों का निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान रिज टू वैली सिद्धांत पर आधारित विभिन्न संरचनाओं जैसे कंटूर ट्रेंच (CCT), मेड पारंपरिक टैंक (MPT), पक्के चेकडैम, संकन पोंड, नाला गहरीकरण एवं फार्म पोंड जैसी जल संरक्षण संरचनाओं का अवलोकन किया गया।
कार्यक्रम में अधीक्षण अभियंता एवं परियोजना प्रबंधक डब्ल्यूडीसी अनिल सनाढ्य द्वारा विभागीय गतिविधियों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई और जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (प्रथम व द्वितीय चरण) के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा किए गए सारणिया एनीकट (ग्राम सारणिया खेड़ा, पंचायत ओलनाखेड़ा) के जीर्णोद्धार कार्य का भी निरीक्षण किया गया। सहायक अभियंता भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि पूर्व में यह एनीकट पूर्णतः क्षतिग्रस्त था और इसकी जलग्रहण क्षमता अत्यंत कम थी। अब जीर्णोद्धार के उपरांत यह एनीकट अपनी पूर्ण क्षमता से पानी को रोकने में सक्षम हो गया है, जिससे न केवल आसपास के कुओं और ट्यूबवेल्स को लाभ मिलेगा, बल्कि मवेशियों एवं वन्य जीवों के लिए भी जल उपलब्ध रहेगा।
इस मीडिया भ्रमण कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, स्थानीय नागरिक और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। प्रमुख जनप्रतिनिधियों में जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, ग्राम पंचायत जिलोला के प्रशासक रामलाल गुर्जर, समाजसेवी रामेश्वर बैरवा, युवा मोर्चा अध्यक्ष सम्पत लाल जाट, मण्डल उपाध्यक्ष शान्ति लाल उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
विभागीय अधिकारियों में अनिल कुमार सनाढ्य (अधीक्षण अभियंता), प्रवेश परदेशी (जनसम्पर्क अधिकारी), राजेन्द्र सिंह मीणा (अधिशाषी अभियंता), सुरेश जाट व प्रियंका शर्मा (सहायक अभियंता), भूपेन्द्र सिंह एवं चिराग वशिष्ठ (जन संसाधन विभाग) सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में जल संरक्षण व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों की सजीव झलक मीडिया के समक्ष प्रस्तुत की गई।
News-अग्निशमन अधिकारी एवं कर्मचारियों को फायर प्रशिक्षण
राजसमंद, 11 जून। जिला औषधि भण्डार गृह आर.एम.एस.सी. राजसमन्द पर नगर परिषद् राजसमन्द के अन्तर्गत अग्निशमन केन्द्र के अग्निशमन अधिकारी नवदीप बग्गा के निर्देशन में अग्निशमन टीम द्वारा सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को फायर प्रशिक्षण दिया गया। जिसके अन्तर्गत विभिन्न आग लगने की परिस्थितियों में अग्नि शमन उपकरण उपयोग करने के तरीको के बारे में विस्तृत चर्चा कर लाइव डिमोन्सट्रेशन दिया गया ।
उक्त प्रशिक्षण में डॉ अनिल जैन प्रभारी अधिकारी जिला औषधि भण्डार राजसमन्द, प्रेमसिंह खिंची वेयरहाउस मैनेजर, रविना कुमावत हॉस्पीटल सप्लाई मैनेजर, बायोमेडिकल इंजनियर हिमांशु सैनी, रितेश सिंह राठौड़ एवं राधा सालवी सूचना सहायक, किशन, गोपाल, महेश, ओमप्रकाश, अनस, शिवराज, अशोक, सोनू पैकर्स, किशोर सिह चौकीदार व सत्यनारायण गौड़ वाहन चालक आदि ने भाग लिया।
News-हर गांव और नगर में पुरानी बावड़ियों और तालाबों को श्रमदान से निखारा, साफ हुई वर्षों पुरानी गंदगी
जिले में जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में "वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान" के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में तालाबों, बावड़ियों, कुओं एवं अन्य जल स्रोतों की विशेष सफाई अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में तथा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा के मार्गदर्शन में संचालित हुआ। समस्त निकायों के आयुक्त, ईओ, पंचायत समितियों के बीडीओ, ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों, सफाई कर्मियों, नरेगा श्रमिकों की अहम भूमिका रही।
अभियान का मुख्य उद्देश्य परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण, साफ-सफाई एवं पुर्नजीवन है ताकि मानसून से पूर्व जल संचयन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। इस अभियान में सफाई कर्मचारियों, पंचायतीराज संस्थाओं, स्वंयसेवी संगठनों एवं आमजन ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
अभियान के तहत राजसमंद जिले के विभिन्न गांवों जैसे खमनोर, चारभुजा, आत्मा, सांगठकला, रेलमगरा आदि में बावड़ियों और तालाबों की सफाई की गई। अलग अलग गांवों में ग्रामीणों ने परंपरागत श्रमदान की भावना के साथ स्वेच्छा से श्रम देकर इन जल स्रोतों को पुनः उपयोग के योग्य बनाने में योगदान दिया। वहीं नगरीय क्षेत्रों राजसमंद, नाथद्वारा, देवगढ़, आमेट और भीम में भी विशेष सफाई टीमों का गठन कर प्रमुख तालाबों एवं बावड़ियों की सफाई कर कचरा एवं गाद हटाने का कार्य संपन्न किया गया। नगर परिषद राजसमंद आयुक्त बृजेश राय भी श्रमदान में हिस्सा लेते हुए नजर आए।
इसी कड़ी में ग्राम पंचायत पसून्द (पंचायत समिति राजसमंद) स्थित हरिओम उपवन में जनसहभागिता से नाड़ी की सफाई की गई एवं पौधारोपण की तैयारी करते हुए गड्ढे खोदे गए। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वृक्षारोपण भी किया गया। इस अवसर पर ग्राम के प्रबुद्ध जन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे, जिन्होंने श्रमदान कर अभियान में सहयोग किया।
नाथद्वारा स्थित डाइट परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संवर्धन का संदेश दिया गया, जिससे छात्रों एवं शिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया। इसी क्रम में ग्राम गोगाथला में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में पुरानी बावड़ी की सफाई का कार्य संपन्न हुआ, जिसमें जन सहयोग से श्रमदान कर जल स्रोत को पुनः उपयोग लायक बनाया गया।
पंचायत समिति आमेट की ग्राम पंचायत गलवा में काबरी महादेव बावड़ी की सफाई की गई। ग्राम सांगावास में श्रमदान कर नई नाड़ी का निर्माण प्रारंभ किया गया, जबकि ग्राम शरदा में पारंपरिक जल संरचनाओं की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण का कार्य किया गया। राज्यावास क्षेत्र में भी पारंपरिक तालाब की सफाई कर ग्रामीणों ने जल संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्शाई। इसी प्रकार त्रिमुखी बावड़ी (ग्राम देलवाडा) की सफाई का कार्य भी जनसहयोग से संपन्न हुआ, जिससे स्थानीय जल स्रोत को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
इन सभी कार्यक्रमों में आमजन, स्वंयसेवी संस्थाओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही। जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता की इस श्रृंखला ने ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए समाज को प्रकृति से जुड़ने का अवसर प्रदान किया है। जिला प्रशासन ने इस जन अभियान को सतत जारी रखने का संकल्प लिया है।
अभियान की सफलता में आमजन की सहभागिता उल्लेखनीय रही। जल संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता से ग्रामीणों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। जिला प्रशासन ने जल स्रोतों की स्थिति को सुधारने की दिशा में इस प्रकार के अभियान को नियमित रूप से जारी रखने का संकल्प लिया है। साथ ही ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर निगरानी रखते हुए साफ-सफाई बनाए रखें ताकि आने वाले समय में जल संकट से बचा जा सके।
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