Rajsamand-26 अक्टूबर 2024 की प्रमुख खबरे


Rajsamand-26 अक्टूबर 2024 की प्रमुख खबरे

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News from Rajsamand

News-31 अक्टूबर तक करवायें पंजीकरण जिससे 1 नवम्बर से मिल जायेगा लाभ
आयुष्मान आरोग्य योजना में लाभ लेने के लिये 31 तक करवाये पंजीकरण

मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत आगामी 31 अक्टूबर तक परिवार का पंजीकरण करवाने पर 1 नवम्बर से पॉलिसी एक्टीव हो जायेगी जिससे योजना के तहत 1600 से अधिक निजी एवं सरकारी चिकित्सा संस्थानो में 25 लाख तक का निःशुल्क उपचार एवं 10 लाख का दुर्घटना बीमा मिलेगा। यह जानकारी सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने दी। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर तक योजना में पंजीकरण नही करवाने पर आगामी 1 फरवरी से लाभ मिलेगा इसलिये योजना का लाभ लेने के लिये शीघ्र पंजीकरण करवा ले। जिले में अब तक 95 हजार 844 परिवारो ने योजना में पंजीकरण नही करवाया है।

योजना में पंजीकरण के लिये क्या करना होगा.

सीएमएचओ ने बताया कि योजना में पंजीकरण के लिये स्वयं की एसएसओ आईडी के माध्यम से अथवा नजदीकी ईमित्र केन्द्र पर जाकर जनाधार कार्ड व 850 रूपये का शुल्क देकर योजना का पात्र बना जा सकता है। इन चिकित्सा संस्थानो पर मिल रहा योजना के तहत निःशुल्क उपचार.जिले के सभी जिला, उपजिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही प्राईवेट चिकित्सा संस्थान अनन्ता हॉस्पीटल देलवाड़ा, एंजल विंग्स हॉस्पीटल राजसमंद, शर्मा हॉस्पीटल कांकरोली, रेखा शर्मा हॉस्पीटल नाथद्वारा, श्री रामचन्द्र मेमोरीयल हॉस्पीटल आमेट, भगवान महावीर हॉस्पीटल देवगढ़ एवं स्तुती हॉस्पीटल देवगढ़ के साथ ही  समुचे प्रदेश में लगभग 1600 से अधिक चिकित्सा संस्थानो में योजना के तहत बिल्कुल कैशलेस उपचार करवाया जा सकता है।

योजना के तहत हजारो मरीजो को मिला करोड़ो का कैशलेस उपचार  

मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत अभी तक जिले के प्राईवेट चिकित्सा संस्थानो में 12 हजार 27 मरीजो ने योजना का लाभ लिया है तथा 23 करोड़ 97 लाख रूपये के क्लेम बुक हुए है वही सरकारी चिकित्सा संस्थानो में 23 हजार 172 मरीजो का योजना के तहत कैशलेस उपचार हुआ है तथा 7 करोड़ 8 लाख के क्लेम बुक हुए है। 

News-त्यौहारो के मध्येनजर खाद्य पदार्थो मिलावट पर कार्यवाही जारी
भीम व रेलमगरा में खाद्य कारोबारीयों के यहां हुई कार्यवाही

त्यौहारो के मध्येनजर खाद्य पदार्थाे में मिलावट की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशो के तहत जिले के रेलमगरा, दरीबा, गिलुण्ड एवं भीम में टीम ने कार्यवाही कर खाद्य पदार्थो के नमुने लिये तथा प्रथम दृष्टया मिलावटी पाये जाने  माल को मौके पर ही नष्ट करवाया गया। यह जानकारी सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने दी।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार यादव व टीम ने रेलमगरा क्षेत्र में दरीबा स्थित नाकोड़ा स्वीट्स पर निरीक्षण करने के दौरान एक मावे का कट्टा मिला जो प्रथम दृष्ट्या दूषित लगा जिसको मौके पर नष्ट करवा कर नमुना लिया गया। दरीबा स्थित जोधपुर मिष्ठान भण्डार से कलाकंद तथा देवनारायण स्वीट्स से मावे के पेड़े का नमुना लिया। रेलमगरा स्थित सेठीया मिष्ठान भण्डार से मावा और जोधपुर मिष्ठान भण्डार से मलाई बर्फी, मातेश्वरी मिष्ठान भण्डार से मावे के पेड़े का, भेरूनाथ मिष्ठान भण्डार से मिश्री मावा तथा गिलुण्ड स्थित मातेश्वरी मिष्ठान भण्डार से कलाकंद का नमुना लिया।

वहीं भीम कस्बे में नाकोड़ा स्वीट्स से मिल्क केक, गोविन्द मिष्ठान भण्डार से कलाकंद, श्री राम मिष्ठान भण्डार से मिल्क केक, भगवती स्वीट्स से मलाई बर्फी, सांवरिया मिष्ठान भण्डार से मिश्री मावा, दुर्गा जोधपूर मिष्ठान भण्डार से मावे के पेड़े का नमुना लिया गया। खाद्य प्रतिष्ठानो के निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान के अंदर व बाहर साफ - सफाई के लिये निर्देशित किया। 

News-कलक्टर की पहल पर राजसमंद में 1 लाख 73 हजार से अधिक लोगों ने किया श्रमदान, निखरी जिले की तस्वीर

राजसमंद जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की पहल पर जिले में आयोजित ‘स्वच्छ राजसमंद, स्वस्थ राजसमंद’ विशेष सफाई अभियान के अंतर्गत अंतिम दिन शुक्रवार को जिले की सभी आठ पंचायत समितियों के अंतर्गत आने वाले 206 ग्राम पंचायतों तथा जिले के एक नगर परिषद, सभी चार नगर पालिकाओं में स्वच्छता का एक अनोखा अध्याय लिखा गया। अभियान का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना को जिले में साकार कर जिले को स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर बनाना था। इस महाअभियान में आमजन, व्यापारी, किसान और हर वर्ग से जुड़े लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे यह एक ऐतिहासिक दिन बन गया। अभियान फीका न पड़े इसके लिए जिला कलक्टर असावा कई ग्राम पंचायतों में घूमे ही, साथ ही वॉट्सएप ग्रुप में भी दिनभर मॉनिटरिंग करते रहे। गूगल फ़ॉर्म के माध्यम से जिला परिषद में अभियान का डाटा भी एकत्रित किया गया।

राजसमंद जिले के हर कोने से लगभग 1 लाख 73 हजार से अधिक नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और श्रमदान के माध्यम से समाज को एक नया संदेश दिया। राजीविका स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का इसमें बड़ा योगदान रहा, कुल आँकड़ें 1 लाख 73 हजार में सभी एसएचजी समूहों की कुल 84 हजार 700 सदस्यों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने बताया कि प्रत्येक पंचायत को इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक उपकरण दिए गए। इधर नगर परिषद और नगर पालिकाओं ने भी जेसीबी, ट्रैक्टर सहित कई संसाधन इस अभियान को समर्पित किए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में नागरिकों ने अलग-अलग समूह बनाकर श्रमदान किया और अपने क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान में बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने भी पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया। इसने पूरे जिले में एक नई जागरूकता का संचार किया। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के सपने को साकार करते हुए इस महाअभियान ने स्वच्छता का एक नया मानक स्थापित किया है।

गाँव-गाँव जगी अलख, एक लाख से अधिक ने दी भागीदारी 

नाथद्वारा में स्थानीय सफाई कर्मियों, समाजसेवियों ने आस-पास की जगहों और गली-मोहल्लों में सफाई की। लोगों ने प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करके सही ढंग से निस्तारित करने का कार्य किया। कुंवारिया में किसान और युवाओं ने मिलकर मुख्य बाजार और अन्य प्रमुख स्थानों पर सफाई अभियान चलाया। रेलमगरा में बच्चों ने अपने स्कूल के परिसर में सफाई की और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया। आमेट गांव में भी अलग-अलग जगहों पर लोग श्रमदान करते दिखे। ऐसे ही देवगढ़, भीम, केलवाड़ा, मोही, पीपली आचार्यान सहित विभिन्न गांवों में के तालाब और नहरों की सफाई का कार्य किया और बस स्टेंड, चिकित्सालय, प्रमुख गलियों, चौराहों की सफाई की।

इसी तरह बामनटुकड़ा, बनाई, बड़ारदा, भाणा, भाटोली, भावा, बिनोल, बोराज, ढाईला, देवपूरा, इमरी, घाटी, केलवा, खटामला, काना देव का गुड़ा, महा सतियों की मादड़ी, मोही, मुंडोल, पड़ासली, पसूंद, पीपलांत्री, पीपरडा, पीपली आचार्यान, फरारा, पुठोल, राजयावास, सांगठ कला, साकरोदा, सुंदचा, तासोल में लोगों ने झाड़ू, तगारी उठाकर श्रमदान किया। ऐसे ही भीम ब्लॉक के अजीतगढ़, बरार, बाली, बड़जाल, बिलयावास, बोरवा, बलातों की गवार, चापली, दवेर, डूमजी का गाँव, कला गुमान, खेमा खेड़ा, कूकर खेड़ा, कुशालपुर, लाखागुड़ा, मंडावर आदि ग्राम पंचायतों में वार्ड पंचों से लगाकर समाजसेवियों, किसानों, महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर सफाई अभियान में हिस्सा लिया। 

इसके साथ ही कुंभलगढ़ उपखंड के अंटालिया, बानोगरा, बरगाँव, गजपुर, गडभोर, काकरवा, कलिंजरा, करिया, केलवाड़ा, खरनोटा, कोयल, कुचोली, लम्बोरी, मोर्चा, ओरा,रिछेड़, सेवन्तरी, उमरवास ऊसर आदि ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों और आमजन से मिलकर गांवों में सफाई करते हुए पुराने वेस्ट को हटाया। इसी तरह अन्य समस्त पंचायत समितियों की समस्त ग्राम पंचायतों में जगह-जगह श्रमदान कार्यक्रम हुए और एक लाख से अधिक लोगों ने इसे सफल बनाया। इधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने भी सहभागिता निभाई, जिला चिकित्सालयों के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों ने अस्पताल परिसरों की सफाई की। स्कूलों में अध्यापकों और बच्चों ने मिल कर श्रमदान किया। हर वर्ग इसमें शामिल होता हुआ दिखा। 

लूनदा, खंडेल, मोही सहित कई गांवों में कलक्टर ने उठाई गेती-फावड़ा

जिला कलक्टर ने इस अभियान की सफलता पर कहा, "हमारा उद्देश्य राजसमंद को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना को साकार करते हुए हम प्रयास करते रहेंगे कि जिला स्वच्छ रहे। इस महाअभियान ने न केवल राजसमंद में स्वच्छता की अलख जगाई बल्कि नागरिकों में एक नई ऊर्जा का संचार भी किया।

अभियान के दौरान राजसमंद के जिला कलक्टर ने भी व्यक्तिगत रूप से जैसे लूनदा, खंडेल, मोही सहित अन्य ग्राम पंचायतों का दौरा किया और लोगों के बीच स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। उनकी उपस्थिति ने न केवल लोगों का हौसला बढ़ाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि स्वच्छता हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने अपनी गहरी संजीदगी का परिचय देते हुए कई जगहों पर हाथों में फावड़ा और झाड़ू थामकर सफाई की और लोगों को इस महाअभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

कलक्टर ने दौरा करते हुए वहां के नागरिकों के साथ मिलकर सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई की। उनके इस स्वच्छता कार्य में बुजुर्ग, युवा, बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुए, जिससे पूरे माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। आमजन को यह देखकर प्रेरणा मिली कि जब एक अधिकारी खुद सफाई कर सकता है, तो स्वच्छता के प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा, "हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखें। इस अभियान का उद्देश्य केवल एक दिन की सफाई नहीं, बल्कि एक निरंतर आदत को विकसित करना है।" उनकी यह सोच और सक्रिय भागीदारी न केवल इस अभियान को सफल बनाने में सहायक रही, बल्कि जिले में स्वच्छता के प्रति एक नई जागरूकता लाने में भी महत्वपूर्ण रही।

अभियान के तहत यह रहा जन सहभागिता का आंकड़ा 

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के जिला परियोजना समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि अभियान में कुल 1,73,800 लोगों ने भाग लिया। इसमें पंचायतसमिति वार देखें तो रेलमगरा में 27450, खमनोर में 19250, आमेट में 17400, राजसमंद में 29950, कुंभलगढ़ में 32100, डेलवादा में 11600, देवगढ़ में 14500, भीम में 21550 ने भाग लिया। इसमे राजीविका एसएचजी की 84700 महिलाओं की भागीदारी रही। एसएचजी का पंचायतसमिति वार देखें तो  रेलमगरा में 16600, खमनोर में 6900, आमेट में 10900, राजसमंद में 17200, कुंभलगढ़ में 14000, देलवाड़ा में 6800, देवगढ़ में 4100, भीम में 8200 ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 1 करोड़ 45 हजार प्लास्टिक कलेक्शन, 1895 लिगसी वेस्ट हटाने का कार्य किया गया। इसी तरह ड्रेनेज, सड़कों, झाड़ियाँ हटाने, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, बस स्टेंड सहित कई मोहल्लों, चिकित्सालयों आदि की व्यापक रूप से सफाई की गई। 

अभियान के दौरान जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने भी विभिन्न गांवों का दौरा कर स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर श्रमदान किया और जगह-जगह सफाई में योगदान दिया। बृजमोहन बैरवा ने आमजन को संबोधित करते हुए स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और उनसे अपील की कि वे अपने आस-पास की सफाई बनाए रखें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सिर्फ एक दिन का काम नहीं, बल्कि इसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि हमारा राजसमंद हर दृष्टि से स्वच्छ और सुंदर बन सके। उनकी इस प्रेरणादायक भागीदारी ने ग्रामीणों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

स्वच्छता अभियान से बदली राजसमंद की तस्वीर

राजसमंद जिले में आयोजित "स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद" अभियान ने स्वच्छता की एक नई मिसाल कायम की, जिससे पूरे जिले की तस्वीर बदली। इस अभियान के तहत उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया गया जहाँ लंबे समय से सफाई की आवश्यकता थी। गंदे पड़े नालों की सफाई की गई, जिससे जलनिकासी व्यवस्था बेहतर हुई और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता बनी। साथ ही, इन नालों की सफाई से जलभराव की समस्या से भी निजात मिली, जो बरसात के दिनों में एक बड़ा मुद्दा था। अभियान की यह पहल न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इन क्षेत्रों में नए सिरे से ऊर्जा का संचार हुआ।

गांवों में स्थित तालाबों की सफाई भी इस अभियान का एक अहम हिस्सा रही। ग्रामीण क्षेत्रों के इन जलस्रोतों को कचरे और गंदगी से मुक्त करने के लिए विशेष टीमों ने लगातार मेहनत की। कुछ तालाबों के किनारे जहां पहले कूड़े और पॉलिथीन का ढेर लगा रहता था, अब वहां स्वच्छता और सुंदरता नजर आ रही है। इन तालाबों के पुनर्जीवित होने से न केवल जलस्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित हुई, बल्कि आसपास के गांवों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी गया। तालाबों के किनारों पर लगाए गए कचरा संग्रहण डिब्बों ने लोगों को कचरे को सही तरीके से निपटाने की आदत भी सिखाई।

अभियान के दौरान जिले के कई सार्वजनिक स्थानों से पुराने कचरे के ढेर हटाए गए। मुख्य बाजारों, सड़क किनारों और गली-मोहल्लों में लंबे समय से जमे कचरे को साफ कर दिया गया, जिससे इन इलाकों में अब एक साफ-सुथरी और आकर्षक तस्वीर दिखाई देती है। पॉलिथीन के उपयोग पर भी खास ध्यान दिया गया, और जगह-जगह बिक रही पॉलिथीन को हटाने का काम किया गया। प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने की इस पहल ने स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों में भी एक नई जागरूकता का संचार किया, जिससे जिले के पर्यावरण को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

इन सफाई अभियानों का प्रभाव इतना व्यापक और सकारात्मक रहा कि पूरे जिले की तस्वीर में एक नई रौनक छा गई है। ग्रामीण हों या शहरी क्षेत्र, हर तरफ स्वच्छता और सुंदरता का माहौल है। आमजन का इसमें सक्रिय सहयोग देखना अपने आप में प्रेरणादायक है। इस महाअभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब एकजुट होकर समाज किसी अभियान में भागीदारी निभाता है, तो बड़े से बड़े बदलाव आसानी से किए जा सकते हैं। अब राजसमंद में स्वच्छता सिर्फ एक पहल नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन गया है, जो आने वाले समय में जिले के विकास और स्वच्छता को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

पहली बार इतने बड़े स्तर पर आम लोगों ने मिलकर किया सफाई कार्य

जिले में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर स्वच्छता का ऐसा आयोजन हुआ, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों ने एक साथ मिलकर श्रमदान किया और स्वच्छता का संदेश फैलाया। स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद नामक इस ऐतिहासिक अभियान में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अनोखी पहल ने लोगों में एक नई जागरूकता का संचार किया।

अभियान में आमजन, व्यापारी, किसान, विद्यार्थी, महिला संगठन और युवा वर्ग ने अपनी सहभागिता दिखाई और अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई कार्य किया। अभियान के दौरान ग्रामीण इलाकों के नालों की सफाई, तालाबों का पुनरुद्धार, कचरे के ढेरों को हटाना और सार्वजनिक स्थानों से पॉलिथीन का निपटारा करना जैसे कार्य किए गए। इस सहयोगी प्रयास ने पूरे जिले की स्वच्छता में न केवल योगदान दिया, बल्कि इसके माध्यम से नागरिकों ने अपने इलाके को सुंदर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जिला कलेक्टर ने कहा, “इतने बड़े स्तर पर आमजन का एक साथ श्रमदान करना, हमारे जिले के लिए एक गर्व का क्षण है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि अगर हम सभी मिलकर काम करें, तो बड़े बदलाव संभव हैं। यह अभियान केवल एक दिन की सफाई तक सीमित नहीं है; इसका उद्देश्य लोगों में स्वच्छता के प्रति एक स्थायी आदत डालना है।” राजसमंद जिले के लोग इस अभियान से इतने प्रभावित हुए कि सभी ने इसे जारी रखने और अपने-अपने गांवों को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अभियान से जिले में स्वच्छता के प्रति एक नई सोच और अनुशासन का संचार हुआ है, और यह साफ है कि राजसमंद अब स्वच्छता के इस आंदोलन को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

राजसमंद में औपचारिकता नहीं, जन जन का अभियान बना स्वच्छता 

आमतौर पर सरकारी अभियान कई बार औपचारिकता बनकर रह जाते हैं, लेकिन स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद अभियान ने एक मिसाल पेश की है। इस अभियान में प्रशासन के साथ-साथ आम जनता ने जिस उत्साह और समर्पण के साथ हिस्सा लिया, उसने इसे एक सरकारी औपचारिकता से बढ़कर एक जन आंदोलन बना दिया। लोगों ने इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया और खुद अपने क्षेत्रों की सफाई के लिए आगे आए। इस पहल ने दिखाया कि जब किसी अभियान में जनता का सक्रिय योगदान होता है, तो वह अभियान सफल और दीर्घकालिक हो जाता है।

इस अभियान की खास बात यह रही कि हर वर्ग, चाहे वह व्यापारी हो, किसान, गृहणी या छात्र, सभी ने मिलकर इसे एक साझा प्रयास के रूप में देखा। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां सफाई के प्रति जागरूकता और संसाधनों की कमी होती है, लोगों ने खुद आगे आकर अपने आस-पास के इलाकों को साफ किया। किसी ने अपने खेतों के पास के नालों की सफाई की, तो किसी ने मुख्य बाजारों से कचरे को हटाया। यह एक ऐसा नजारा था, जिसमें हर व्यक्ति इस अभियान का एक हिस्सा महसूस कर रहा था। इससे अभियान को न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूती मिली।

इस महाअभियान की सफलता ने यह साबित कर दिया कि जब लोग किसी उद्देश्य के साथ पूरी ईमानदारी से जुड़ते हैं, तो वह उद्देश्य केवल एक औपचारिकता नहीं रह जाता, बल्कि समाज का हिस्सा बन जाता है। "स्वस्थ राजसमंद, स्वच्छ राजसमंद" की यह भावना जिले में स्वच्छता को लेकर एक नई शुरुआत का प्रतीक बन चुकी है। यह स्पष्ट हो गया है कि स्वच्छता की दिशा में किए गए इस सामूहिक प्रयास ने जन-जन को प्रेरित किया है, और इस पहल के सकारात्मक परिणाम आने वाले दिनों में भी नजर आते रहेंगे।

News-स्वच्छता रन में बालकृष्ण स्टेडियम से पंचायत समिति तक दौड़े कलक्टर

राजसमंद। फिट इंडिया फ्रीडम रन 5.0 अभियान अंतर्गत शुक्रवार सुबह 8 बजे स्वच्छता एवं स्वास्थ्य थीम के साथ विशेष स्वच्छता दौड़ का आयोजन किया गया। यह दौड़ बालकृष्ण स्टेडियम से प्रारंभ होकर पंचायत समिति तक आयोजित की गई। आयोजन में युवाओं, महिलाओं और विभिन्न महाविद्यालयों व स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे शहर में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश फैला।

कलक्टर असावा और अधिकारियों ने जम कर दौड़ लगाई और स्वच्छता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए पुलिस जवानों ने बालकृष्ण स्टेडियम से लेकर पंचायत समिति तक ट्रैफिक और परिवहन व्यवस्था संभाली। आयोजन में नेहरू युवा केंद्र और जिला खेल अधिकारी ने आमजन एवं युवाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जबकि राजीविका समूह की महिलाओं ने भी बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया।

एसआरके, बी.एन.लॉ कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, सेंट मीरा कॉलेज, द्वारकेश कॉलेज, गर्ल्स कॉलेज और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों ने भी बड़ी संख्या में दौड़ में हिस्सा लिया। स्काउट गाइड एवं हिंदुस्तान स्काउट गाइड से जुड़े युवाओं ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस आयोजन में योगदान दिया। अभियान के तहत सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया, जिसमें एंबुलेंस, डॉक्टर और दवाइयों की व्यवस्था मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई। इस सफल आयोजन ने जिले में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति एक नई चेतना का संचार किया है और 'फिट इंडिया' मिशन के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने का काम किया है।

जिला कलक्टर ने युवाओं को फिट इंडिया एवं स्वच्छता की शपथ दिलाई। पंचायत समिति सभागार में आयोजित समारोह में जिला कलेक्टर ने फिट रहने पर अपना उद्बोधन दिया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बृज मोहन बैरवा ने स्वच्छता, एकल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया उन्होंने सभी को भागीदारी निभाने पर आभार व्यक्त किया। दौड़ में पुरुष वर्ग में प्रथम मुकेश तेली, द्वितीय तुलसा सिंह, तृतीय तलवीर सिंह रहे। इसी तरह महिला वर्ग में पूजा लोहार प्रथम, ओमा लोहार द्वितीय, दीक्षिता सिसोदिया रही जिनका जिला कलेक्टर ने इकलाई पहनाकर पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। 

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद (नोडल अधिकारी) सुमन अजमेरा, उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मुकुट बिहारी शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) नूतन प्रकाश जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजेन्द्र गगड,अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शिव कुमार शर्मा, जिला खेल अधिकारी धर्मवीर सिंह, नेहरू युवा केन्द्र के लेखा एवं कार्यक्रम अधिकारी हनवंत सिंह चौहान,स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) नानालाल सालवी,सी.ओ. भारत स्काउट गाइड अभिलाषा मिश्रा, सीओ हिन्दुस्तान स्काउट गाइड दीपक मेहरा, राष्ट्रीय युवा अवॉर्डी शंकर लाल गाडरी,मनीष दवे, विनोद कुमावत उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षक श्याम सिंह सिसोदिया ने किया। फिट इंडिया रन में पुलिस जवान, स्काउट, गाइड, माय भारत स्वयंसेवक, स्वच्छ केलवा हरित केलवा के स्वयंसेवक, खिलाड़ी, स्कूली छात्र छात्राओं ने सहभागिता निभाई।

News-वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. कृपा संत ने संभाला आयुर्वेद विभाग (संभाग उदयपुर) के अतिरिक्त निदेशक का पदभार

भीम (गोदा जी का गांव) में पिछले 28 वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा दे रहीं डॉ. कृपा संत ने उदयपुर संभाग के अतिरिक्त निदेशक के पद का दायित्व संभाल लिया है। अपने चिकित्सा सेवा काल के दौरान डॉ. संत ने कई आयुर्वेद चिकित्सा शिविर, क्षारसूत्र चिकित्सा शिविर, पंचकर्म, अग्निकर्म, कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण, और मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर शिविर आयोजित किए। इसके अलावा, उन्होंने दानदाताओं को प्रेरित कर कई अन्य चिकित्सा शिविर भी सफलतापूर्वक आयोजित कराए।

डॉ. कृपा संत भीम के सेवाभावी आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. मुख्त्यार सिंह की धर्मपत्नी हैं, जो वर्तमान में उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग, राजसमंद के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. कृपा संत के संभाग स्तर के पद ग्रहण करने पर भीम वासियों ने खुशी जाहीर की है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ एवं आयुर्वेद नर्सेज संघ ने भी इस अवसर पर उनका स्वागत किया। डॉ. कृपा संत ने पदभार ग्रहण करते हुए ग्रामवासियों को आश्वस्त किया कि वे आयुर्वेदिक औषधालय में और भी अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहेंगी।

News-स्वतंत्रता सैनानी सोमटीया जी कुशलक्षेम पुछने पहुंचे सीएमएचओ

नाथद्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती स्वतंत्रता सैनानी मदन मोहन सोमटीया की कुशलक्षेम पूछने सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल नाथद्वारा जिला चिकित्सालय पहुंचे तथा उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने परिवार जनो से चर्चा कर चिकित्सा संस्थान में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चर्चा की तथा जिला चिकित्सालय में चिकित्सको से उनके स्वास्थ्य को लेकर फिड बैक लिया।

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