News-गृह राज्य मंत्री ने एसपी ऑफिस में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर की कानून व्यवस्था की समीक्षा
रविवार को प्रदेश के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय, राजसमंद में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले की कानून व्यवस्था की स्थिति का गहन समीक्षा की। बैठक में कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ और राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी भी उपस्थित थे। साथ ही जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा, एसपी मनीष त्रिपाठी, एडिशनल एसपी महेंद्र पारीक, एडिशनल एसपी (महिला सेल) रजत सहित समस्त पुलिस उपाधीक्षक मौजूद रहे।
गृह राज्य मंत्री बेढम ने विभिन्न अपराधों जैसे लूट, हत्या, डकैती, मारपीट, चोरी, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्वरी आदि के प्रकरणों की समीक्षा की। इसके साथ ही महिलाओं के विरुद्ध होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराध में दर्ज प्रकरण की स्थिति को देखा। साथ ही साइबर क्राइम को लेकर भी विशेष रूप से सजग रहने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार से बैठक में सड़क हादसों और उनकी रोकथाम के उपायों, आपराधिक घटनाओं पर कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से सजग रहने पर जोर दिया गया। पुलिस संसाधनों और जनशक्ति को मजबूत करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
मंत्री बेढम ने कहा कि आम जनजीवन में पुलिस का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की मुख्य जिम्मेदारी निभाती है। पुलिस का कार्य न केवल अपराधों की रोकथाम और जांच करना है, बल्कि नागरिकों को सुरक्षा का अहसास दिलाना भी है। उनकी उपस्थिति समाज में अनुशासन और कानून के प्रति सम्मान बनाए रखने में सहायक होती है। पुलिस यातायात नियंत्रण, आपदा प्रबंधन, और सामाजिक समस्याओं के समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे जनजीवन सुचारू रूप से चलता रहता है।
इसके अतिरिक्त, पुलिस आम जनता के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महिलाओं, बच्चों, और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विशेष कदम उठाती है। किसी भी आपातकालीन स्थिति, जैसे दुर्घटनाओं, दंगों, या प्राकृतिक आपदाओं में पुलिस तुरंत सक्रिय होकर राहत और बचाव कार्य करती है। पुलिस और जनता के बीच आपसी सहयोग से एक सुरक्षित और सशक्त समाज का निर्माण होता है, जो विकास और शांति के लिए अनिवार्य है।
News-उदयपुर, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ के न्यायिक अधिकारियों का सेमिनार न्यायाधिपति दिनेश मेहता के मुख्य आतिथ्य में संपन्न
राजसमंद। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी, जोधपुर के निर्देषानुसार, उदयपुर, राजसमंद एवं चित्तौड़गढ़ के न्यायिक अधिकारियों की द्वितीय त्रैमासिक ब्लॉक सेमिनार रविवार को जिला परिषद के बैठक कक्ष में आयोजित की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधिपति दिनेश मेहता ने रविवार को आयोजित इस द्वितीय त्रैमासिक कार्यशाला (अक्टूबर-दिसंबर 2024) की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में न्यायाधिपति ने न्यायिक कार्यों में इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु डिजिटल साधनों और इलेक्ट्रॉनिक पोर्टलों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए निर्देश दिए कि समनों की तामील और अन्य न्यायिक प्रक्रियाओं में इन माध्यमों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।
इस सेमिनार में राजसमंद जिला न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल, उदयपुर जिला न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता, चित्तौड़गढ़ जिला न्यायाधीश महेंद्र सिंह सिसोदिया तथा तीनों जिलों के सभी न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में डिजिटल कोर्ट्स, एप त्वरित के उपयोग, ऑनलाइन लीव मैनेजमेंट तथा तकनीक के उपयोग जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उदयपुर जिला न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए ऐसी कार्यशालाओं को न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाने में सहायक बताया। राजसमंद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने बाहर से पधारे सभी न्यायिक अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला की सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि तकनीक न्यायिक अधिकारियों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
कार्यशाला की आयोजन समिति के नोडल अधिकारी सुनील कुमार ओझा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजसमंद ने बताया कि बैठक कक्ष में न्यायिक अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक केस मैनेजमेंट टूल्स और जनरल रूल्स (सिविल एवं क्रिमिनल) 2018 के सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक पहलुओं पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न्यायिक प्रक्रियाओं में हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं और अधिकारियों को अद्यतन रखती हैं।
कार्यक्रम में नवाचार के रूप में, एमएसीटी जज राजसमंद अश्विनी यादव ने उदयपुर जिला न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता को और पोक्सो जज राजसमंद श्रीमती पूर्णिमा गौड़ ने चित्तौड़गढ़ जिला न्यायाधीश महेंद्र सिंह सिसोदिया को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक पौधे भेंट किए। कार्यक्रम का सफल संचालन ममता सैनी (सीजेएम, राजसमंद), अनुपमा भटनागर (एसीजेएम, रेलमगरा) और साक्षी शर्मा (न्यायाधीश, राजसमंद) ने किया। कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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