Rajsamand: राष्ट्रीय निशानेबाजी के लिए चयनित हुईं निष्का माहेश्वरी
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News-राष्ट्रीय निशानेबाजी स्पर्धा के लिए चयनित हुईं निष्का माहेश्वरी
राजसमंद 9 जुलाई। राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, नई दिल्ली में आयोजित हरियाणा राज्य 10 मीटर पिस्टल एन आर चैंपियनशिप (सब-जूनियर महिला व्यक्तिगत वर्ग) प्रतियोगिता 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर आगामी प्री-नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता 2025 के लिए चयनित होने पर निष्का माहेश्वरी को हार्दिक बधाई दी और राष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
उल्लेखनीय है कि निष्का माहेश्वरी राजस्थान की पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वर्गीय किरण माहेश्वरी की पुत्री तथा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी की भतीजी हैं। प्रतियोगिता में निष्का ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 302/400 अंक अर्जित किए और अपनी प्रतिभा का शानदार प्रमाण दिया।
निष्का गुरुग्राम के प्रतिष्ठित शिव नाडर स्कूल की कक्षा सात की छात्रा हैं। उनकी माता डॉ. वैशाली माहेश्वरी, जो विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत हैं, ने बताया कि निष्का की इस सफलता में उनके प्रशिक्षक पूर्व सेना अधिकारी राजकुमार यादव के कुशल मार्गदर्शन तथा पिता प्रशांत माहेश्वरी की निरंतर प्रेरणा का विशेष योगदान रहा है। निष्का की इस उपलब्धि पर शिव नाडर विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और परिजनों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
News-बाघेरी, चिकलवास, जाखम, चम्बल सहित सभी परियोजनाओं का जाना हाल
राजसमन्द 9 जुलाई। जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समस्त ग्रामीण एवं शहरी जल परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति, हैण्डपम्पों की मरम्मत, एफएचटीसी कनेक्शनों की प्रगति सहित विभिन्न मुद्दों पर पीएचईडी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की गई।
जब अधिकारियों ने जिले में विभिन्न स्तरों पर जारी कार्यों के बारे में अवगत कराया तो हसीजा ने कहा कि जल के क्षेत्र में राजसमंद का भविष्य उज्ज्वल है, जरूरत है कि सरकार की मंशा अनुसार सभी पेंडिंग कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो। इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से ग्राउंड पर मॉनिटरिंग कर सुनिश्चित करें कि काम क्वालिटी के साथ निश्चित टाइम लाइन में हो। अनावश्यक रूप से एक्सटेंशन नहीं दिया जाए और कॉन्ट्रेक्टर्स को समय पर कार्य पूर्ण करने हेतु पाबंद किया जाए।
बैठक में बाघेरी का नाका बांध आधारित प्रोजेक्ट, भीम-देवगढ़-चम्बल आधारित परियोजना, जाखम बांध आधारित परियोजना, वृहद परियोजनाओं के अलावा अन्य परियोजनाओं, डीएमएफटी के कार्यों सहित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में एवीवीएनएल एसई बी एस शर्मा, सीएमएचओ डॉ हेमंत बिंदल, पीएचईडी के एक्सईएन दीपक सिंघल, एक्सईएन लोकेश सैनी, एक्सईएन धर्मराज बैरवा, एक्सईएन (मॉनिटरिंग) मनीष जैन, एक्सईएन लखन लाल मीणा, हाइड्रोलॉजिस्ट संदीप जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
News-स्वामित्व योजना में मिला प्रॉपर्टी पार्सल, गोपाल के जीवन में अब स्थायित्व की आशा
राजसमंद। राज्य सरकार द्वारा गांव-गांव पहुंच कर ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘पंडित दीनदयाल अंत्योदय संबल पखवाड़ा-2025’ संचालित किया जा रहा है।
ढेरडो का गुड़ा गांव, ग्राम पंचायत बीकावास निवासी गोपाल सिंह सोलंकी एक मेहनतकश मजदूर हैं। अत्यंत साधनहीन परिवार से आने वाले गोपाल सिंह के लिए वर्षों से अपने पुश्तैनी आवास का अधिकार पत्र (पट्टा) प्राप्त करना एक सपना बना हुआ था।
पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित शिविर के दौरान बीकावास ग्राम पंचायत में ग्रामीण उमड़ पड़े। शिविर के दौरान स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी पार्सल वितरण का भी आयोजन किया गया। इसी के अंतर्गत गोपाल सिंह भी इस आस में पहुंचे कि वर्षों से अटका हुआ पट्टे का काम आज पूरा हो जाएगा, और हुआ भी वही। गोपाल सिंह का मकान चिन्हित कर उन्हें विधिवत पट्टा जारी किया गया।
शिविर में पट्टा प्राप्त करते समय गोपाल सिंह की आंखों में संतोष और खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि यह पट्टा सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। अब उन्हें अपने घर को लेकर कोई डर नहीं है और वे आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार का जीवन संवार सकेंगे।
गोपाल सिंह सोलंकी ने इस मदद के लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का हृदय से आभार जताते हुए कहा,"जब कोई नहीं सुन रहा था, तब सरकार ने हमारी पीड़ा समझी। ये शिविर नहीं, हम गरीबों के लिए आशा की नई किरण है।" राज्य सरकार द्वारा संचालित इस जनकल्याणकारी अभियान ने एक और परिवार को स्थायित्व और सुरक्षा का अहसास कराया है।
News-वर्षों पहले हुई थी एक भूल, सरकारी अभिलेखों में बेनाम हुई पुश्तैनी जमीन, नाम भी हो गया था गलत दर्ज
राजसमंद। वर्षों पहले हुई एक त्रुटि ने ग्राम टांटोल की रहने वाली अनोखी बाई के जीवन की दिशा ही बदल दी थी। विक्रम संवत 2068 से उनके नाम का खाता संख्या 342 में से नाम ही गायब हो गया था।
उनकी पुश्तैनी ज़मीन जो उनके भविष्य और आजीविका की आधारशिला थी अचानक सरकारी अभिलेखों में बेनाम हो गई। वहीं दूसरी ओर, खाता संख्या 279, 305, 306 और 307 में उनका नाम ‘‘अनोली’’ के रूप में गलत दर्ज हो गया। इससे उनकी पहचान और अधिकार दोनों संकट में पड़ गए। वर्षों तक उन्होंने इस त्रुटि को ठीक करवाने के लिए प्रयास किए- दस्तावेज़ों की खोज, दफ्तरों के चक्कर, अधिकारियों से गुहार, लेकिन हर ओर निराशा ही हाथ लगी।
लेकिन ग्राम टांटोल में आयोजित पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत राजस्व शिविर ने उनके जीवन में उम्मीद की किरण ला दी। तहसील प्रशासन की टीम ने इस मामले को संवेदनशीलता से सुना, अभिलेखों की जाँच की और मौके पर ही सुधार की प्रक्रिया शुरू की।
अधिकारियों ने विधिवत जांच-पड़ताल की तो पता चला कि अनोखी बाई बिल्कुल सही है और उसे उसका अधिकार मिलना चाहिए। इस पर खाता संख्या 342 में उनका नाम पुनः दर्ज किया गया। खाता संख्या 279, 305, 306, 307 में ‘‘अनोली’’ के स्थान पर सही नाम ‘‘अनोखी’’ चढ़ाया गया।
जब अनोखी बाई को अपने सही नाम की नकल प्राप्त हुई, तो उनकी आंखें छलक उठीं। ये आंसू दुख या हार के नहीं, बल्कि हक, पहचान और सम्मान मिलने के थे। उनका कांपता हुआ स्वर पूरे कैंप को भावुक कर गया:
News-भूमि विवाद सुलझा, शिविर बना भाइयों के बीच सहमति का सेतु
राजसमंद। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत तहसील खमनोर की ग्राम पंचायत झालों की मदार में आयोजित शिविर में एक अनुकरणीय और हृदयस्पर्शी मिसाल सामने आई। खमनोर तहसीलदार आशीष सोनी ने बताया कि गांव के निवासी मोडसिंह के पुत्र भंवर सिंह और मीठू सिंह वर्षों से अपनी पैतृक भूमि के खातों के बंटवारे को लेकर असमंजस और विवाद में फंसे हुए थे।
सोनी ने बताया कि खाता संख्या 749 और खाता संख्या 22 से संबंधित इस विवाद के चलते न केवल खेती प्रभावित हो रही थी, बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी दरार आती जा रही थी। वर्षों पुराना यह विवाद प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रयासों से पखवाड़ा शिविर में ही सुलझा लिया गया।
राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं तहसील प्रशासन की समझाइश और पहल पर दोनों भाइयों के बीच खाता संख्या 749 का सहमति से बंटवारा किया गया, साथ ही खाता संख्या 22 का भी आपसी सहमति से विभाजन कर दिया गया। इस अवसर पर प्रशासन ने दोनों भाइयों को गले मिलवाया और यह संदेश दिया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय दर्शन का सार यही है- अंतिम व्यक्ति तक न्याय, राहत और समरसता पहुंचाना।
भंवर सिंह और मीठू सिंह की आंखों में उस क्षण भावुकता की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उन्होंने भावुक होकर कहा- “हमने कभी नहीं सोचा था कि वर्षों पुराना हमारा विवाद इतनी सहजता और आपसी समझ से सुलझ जाएगा। अब हम मिलकर खेती करेंगे और परिवार में फिर से खुशहाली लौटेगी।”
तहसीलदार खमनोर ने कहा कि पंडित दीनदयाल अन्त्योदय पखवाड़ा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह शासन-प्रशासन की संवेदनशील और जनहितकारी पहल है, जिसका उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक न्याय और समाधान पहुंचाना है।
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