राजसमंद 12 जून 2025। राजसमंद के चारभुजा थाना क्षेत्र के दुधतलाई निवासी धरमा राम पुत्र भैरा राम ने अपने पुत्र भीमाराम की कथित हत्या के मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत पत्र सौंपा है। समस्त आदिवासी परिवार चारभुजा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में, धरमा राम ने अपनी पुत्रवधू प्रेमा सहित पांच लोगों पर साजिश रचकर उनके पुत्र की हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ता धरमा राम ने बताया कि उनके पुत्र भीमाराम की शादी करीब 4 वर्ष पूर्व प्रेमा पुत्री नारायण गमेती (निवासी चाट का गुडा, तहसील भीम, जिला राजसमंद) से सामाजिक रीति-रिवाजों से हुई थी। शादी के बाद उन्हें एक पुत्र सुनील (करीब 1.5 वर्ष) हुआ, जो वर्तमान में प्रेमा के पास है।
धरमा राम के अनुसार, 13 मई 2025 को उनका पुत्र भीमाराम अपनी पत्नी के 'गोलविटी' कार्यक्रम का हवाला देकर अपने ससुराल चाट का गुडा गया था। उस समय वह पूरी तरह स्वस्थ और खुश था।
धरमा राम ने आरोप लगाया कि 24 मई 2025 की रात करीब 9 बजे, प्रभु राम ने उन्हें फोन पर बताया कि उनका पुत्र बीमार है और उन्हें महाराणा भूपाल चिकित्सालय, उदयपुर आने को कहा। जब धरमा राम और उनका परिवार उदयपुर पहुंचा, तो उन्हें पता चला कि उनका पुत्र वहां भर्ती नहीं था। प्रभु राम को कई बार फोन किया गया, लेकिन या तो फोन बंद आया या उसने जवाब नहीं दिया। परेशान होकर वे वापस घर लौट गए।
अगले दिन 25 मई 2025 को, जब धरमा राम अपने पुत्र का पता न लगने पर पुलिस थाना चारभुजा में रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे, तो थाने के बाहर उन्हें मदनलाल नामक व्यक्ति मिला, जिसने उन्हें रिपोर्ट दर्ज न कराने को कहा। थोड़ी देर बाद, प्रेमा और उसका मामा प्रभुराम तथा 4-5 अन्य व्यक्ति उनके पुत्र की मृत देह लेकर आए और बताया कि भीमाराम की मृत्यु हो गई है। धरमा राम यह सुनकर बेहोश हो गए। आरोपियों ने पूरी घटना की कोई जानकारी नहीं दी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारभुजा के बाहर शव छोड़कर चले गए।
धरमा राम ने बताया कि उनके पुत्र की देह बुरी तरह से दुर्गंध मार रही थी, और परिवार वालों ने बड़ी मुश्किल से उसका दाह संस्कार किया। उन्हें पूरा संदेह है कि उनके पुत्र की पत्नी प्रेमा, उसका मामा प्रभुराम और प्रेमा के माता-पिता ने षडयंत्रपूर्वक मिलकर उनके पुत्र की हत्या की है। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि उनका पौत्र सुनील भी प्रेमा के पास सुरक्षित नहीं है और उसके साथ भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि बाद में उन्हें व्यक्तिगत प्रयासों से जानकारी मिली कि उनके पुत्र को उसकी पत्नी प्रेमा और मामा प्रभुराम द्वारा डूंगरपुर जिले के साबला में मजदूरी करने के बहाने ले जाया गया था, जहां उसे कोई विषाक्त पदार्थ खिलाकर मार दिया गया। इस षडयंत्र में उनके पुत्र की सास और ससुर का भी पूरा सहयोग होने का अंदेशा है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि पुलिस थाना साबला, जिला डूंगरपुर ने कानून के विरुद्ध जाकर, धरमा राम को बिना जानकारी दिए, बिना पोस्टमार्टम कराए, 24 मई 2025 को ही उनके पुत्र के शव को अभियुक्त संख्या 1 (प्रेमा) और अभियुक्त संख्या 2 (प्रभुराम) से एक मनगढ़ंत रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करवाकर सौंप दिया।
धरमा राम ने बताया कि उन्होंने 31 मई 2025 को भी पुलिस अधीक्षक को एक टाइपशुदा रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे क्षुब्ध होकर समस्त आदिवासी समाज चारभुजा द्वारा यह ज्ञापन पेश किया जा रहा है। अतः, धरमा राम ने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि अभियुक्तगणों के विरुद्ध उनके पुत्र की हत्या का प्रकरण दर्ज कर उन्हें तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करने का आदेश प्रदान करें।
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