उदयपुर 1 मई 2025। अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर गुरुवार को राजस्थान लोकतान्त्रिक मोर्चा एवं उदयपुर जनहित मोर्चा के बैनर तले वामपंथी एवं जनवादी पार्टियों की ओर से टाउन हॉल से एक विशाल रैली निकाली गई।
रैली सूरजपोल, बापू बाजार, देहली गेट होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने पहुंची। रैली में बड़ी संख्या में उदयपुर के विभिन्न तहसीलों से गरीब आदिवासी, मज़दूर, किसान और महिलाएं शामिल थीं। रैली मार्ग लाल झंडों से पटा हुआ था तथा रैली में शामिल लोग जोशीले नारे लगा रहे थे- मज़दूर दिवस के शहीदों को लाल सलाम, वक्फ कानून वापस लो, पूंजीवाद मुर्दाबाद, समाजवाद ज़िंदाबाद, न्यूनतम मज़दूरी एक हज़ार रुपया देना होगा, इंकलाब ज़िंदाबाद, संयुक्त संघर्ष ज़िंदाबाद आदि।
रैली समाप्ति के बाद कलेक्टर कार्यालय के सामने कड़ी धूप में सभा शुरू हुई। सभा में सात सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का गठन किया गया जिसमें जगदीश पारगी, हिम्मत चांगवाल, फरहत बानो, कुसुम मेघवाल, रामचंद्र शर्मा, आबिद अदीब और शंकरलाल मीणा शामिल थे। सभा का संचालन राजेश सिंघवी ने किया। सभा शुरू होने से पूर्व 2 मिनट का मौन रखकर पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
सभा के मुख्य वक्ता व सीकर के सांसद माकपा नेता अमरा राम ने डबल इंजिन की सरकार को किसान, मज़दूर और जन विरोधी बताते हुए जनता का आह्वान किया कि मोदी सरकार को उखाड़ फेंकें। उन्होंने कहा कि पिछले 4 माह से मनरेगा मज़दूरों की मज़दूरी का भुगतान नहीं किया गया है जबकि नेताओं और अधिकारियों को लगातार वेतन मिल रहा है यह कहाँ का न्याय है। सरकार एक तरफ खुशहाल और समृद्ध राजस्थान का नारा देती है और दूसरी तरफ कड़ी धूप में आज किसानों, मज़दूरों के लिए बैठने के लिए छाया तक की व्यवस्था नहीं की गई है। किसान आंदोलन को चर्चा करते हुए उन्होंने कहा बिना आंदोलन किये, बिना एकजुटता दिखाए किसानों, मज़दूरों कि समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।
भाकपा-माले के राज्य सचिव शंकर लाल चौधरी ने कहा कि भाजपा मनुवादी और शोषणकारी शक्तियों की प्रतिनधि है, वह नारा तो सबका साथ सबका विकास का देती है लेकिन काम पूंजीपतियों के पक्ष में करती है, अडानी अम्बानी के पक्ष में करती है। उन्होंने आगे कहा कि जनगणना के साथ जातीय गणना तभी सार्थक होगी जब उसके अनुपात में आरक्षण को व्यवस्था कि जाएगी। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि सड़क से लेकर संसद तक की निर्णायक लड़ाई के लिए संघर्ष तेज करें।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन दान देथा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में देश की सत्ता संभाले नरेंद्र मोदी को मई माह में 11 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। इस दौरान सरकार ने एक से बढ़कर एक काले कानून और जन विरोधी निर्णय लागु कर दिए हैं। हाल ही, कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले ने सत्कार के सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी है तथा वक्फ संशोधन कानून लागू करके अपना असली फासीवादी चरित्र उजागर कर दिया है. ऐसी स्थिति में सरकार को वक्फ संशोधन कानून वापस लेने तथा पहलगाम आतंकी हमला में सुरक्षा में चूक की जिम्मेवारी स्वीकार करने की जरुरत है।
भाकपा के राज्य सचिव नरेंद्र आचार्य ने कहा कि भाजपा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के युवाओं को धर्म के नाम पर गुमराह कर उनके रोजगार के अवसर खत्म कर रही है। केंद्र की मोदी और राजस्थान की भाजपा की सरकार गरीब विरोधी, मज़दूर विरोधी है। इस सरकार की बदलकर किसान मज़दूरों का राज लाने के लिए एकजुट संघर्ष करना होगा।
एमसीपीआई-यू के पोलित ब्यूरो मेंबर महेंद्र नैन ने कहा कि शिकागो के शहीद मज़दूरों के खून से रंगा लाल झंडा से प्रेरणा लेकर भारत का मज़दूर वर्ग संगठित हो चुका है। हम शिकागो के शहीद मज़दूरों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए व्यापक वामपंथी एकता बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं।
जल जंगल जमीन आंदोलन के रमेश नंदवाना ने आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन के दावों को प्रस्तुत किया और वर्षों से वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को पट्टे निर्गत करने की मांग राखी। उदयपुर जनहित मोर्चा के संयोजक अरुण व्यास ने वर्षों से लंबित उदयपुर में हाई कोर्ट के बेंच स्थापना की मांग को दोहराया। सभा में प्रगतिशील विचारक आदिब अदिव, अम्बेडकरवादी विचारक कुसुम मेघवाल, भाकपा-माले के चंद्रदेव ओला भाकपा के सुभाष श्रीमाली, एमसीपीआई, यू की लीला शर्मा ने भी विचार व्यक्त किये।
प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सभा समाप्ति के बाद राजस्थान लोकतान्त्रिक मोर्चा का सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिला और 21 सूत्री मांगों का प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। चार्टर ऑफ़ डिमांड्स
1.देशभर में जाति आधारित जनगणना कराई जाए तथा आबादी के अनुपात में आरक्षण सुनिश्चित कर संविधान की 9वीं अनुसूची में इसे शामिल किया जाए।
2.उच्च एवं उच्चतम न्यायालयों में भी आरक्षण लागू किया जाए।
3.केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन सभी रिक्त पदों को विशेष अभियान के तहत शीघ्र भरा जाए।
4.अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर अब तक की भर्तियों की स्थिति का श्वेत पत्र जारी किया जाए तथा सभी रिक्त पदों को भरने की तत्काल प्रक्रिया शुरू की जाए।
5.जल, जंगल और जमीन देश की जनता की संपत्ति है, इन्हें पूंजीपतियों को नहीं सौंपा जाए। संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में PESA कानून को सख्ती से लागू किया जाए।
6.ट्राइबल सब-प्लान क्षेत्रों में आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों को उनकी आबादी के अनुपात में नौकरियां दी जाएं।
7.कृषि उपज की खरीद एमएसपी पर करने की कानूनी गारंटी दी जाए।
8.सभी कृषि यंत्र, खाद, बीज, कीटनाशक आदि पर लगाए गए टैक्स समाप्त किए जाएं।
9.जंगलात की ज़मीनों पर वर्षों से बसे लोगों को पट्टे दिए जाएं और उनका अधिकार नियमित किया जाए।
10.दक्षिणी राजस्थान की विषम भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए उदयपुर में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित की जाए।
11.सभी कच्ची बस्तियों में निवास कर रहे नागरिकों को उनके कब्जे की पूरी ज़मीन के पट्टे दिए जाएं।
12.न्यूनतम मज़दूरी ₹1000 प्रतिदिन निर्धारित की जाए और श्रमिकों से 8 घंटे से अधिक कार्य न लिया जाए। मजदूर विरोधी सभी केंद्रीय संशोधनों को रद्द किया जाए।
13.श्रम कानूनों का कठोरता से पालन किया जाए और श्रम विवादों का शीघ्र निपटारा किया जाए।
14.सभी सरकारी नियुक्तियां एवं सरकारी उपक्रमों की नियुक्तियों में ठेका प्रथा एवं एजेंसियों के जरिए नियुक्त सभी कर्मचारियों को आरक्षण की पालना करते हुए नियमित किया जावे तथा भविष्य में ठेका प्रथा पर रोक लगाई जावे।
15.सभी कमजोर वर्गों एवं महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जावे तथा उनसे संबंधित कानूनो का कड़ाई से पालन किया जावे।
16.सबको समान एवं निशुल्क शिक्षा व चिकित्सा उपलब्ध कराई जावे।
17.स्कीम वर्क्स (आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया, मिड-डे मिल वर्कर्स, गिग वर्क्स एवं इसी प्रकार के अन्य वर्कर्स) को नियमित कर्मचारी मानते हुए वेतन व अन्य सुविधाएं दी जावे।
18.सहारा आदर्श संजीवनी जैसी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेश करताओं की जमा राशि सभी लाभों सहित भुगतान करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर उन्हें दंडित किया जावे।
19.उदयपुर पेरा फेरी क्षेत्र के निवासियों की अतिक्रमण के नाम पर की जा रही बेदखली पर रोक लगाई जावे उनके कब्जे की पूरी भूमि व मकान के पट्टे दिए जावे।
20.ठेला एवं फुटपाथ व्यवसाइयों को अतिक्रमण और नो वेडिंग जोन के नाम पर की जा रही बेदखली को रोका जावे उनके रोजगार और स्वाभिमान की रक्षा की जावे, साथ ही पथ विक्रेता अधिनियम 2014 की पालन की जावे।
21.संसद के भीतर बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत उनके पद से बर्खास्त किया जावे।
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