Rajsamand में सम्पन्न हुई आरएएस (प्रारम्भिक) परीक्षा


Rajsamand में सम्पन्न हुई आरएएस (प्रारम्भिक) परीक्षा

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News-आरएएस (प्रारम्भिक) परीक्षा

राजसमंद 3 फरवरी। आरएएस (प्रारम्भिक) परीक्षा का आयोजन रविवार को जिले के 17 परीक्षा केंद्रों पर किया गया। परीक्षा के दौरान समस्त व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रही तथा सुरक्षा को लेकर उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की गई ताकि परीक्षा निर्विघ्न सम्पन्न हो सके। पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी से सभी केंद्रों पर यह परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई। 

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बालमुकुंद असावा, एसपी मनीष त्रिपाठी, एडीएम नरेश बुनकर परीक्षा प्रारंभ होते ही विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान मौके पर पुलिस टीम और कार्मिकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। पुलिस की ओर से सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के सर्वोत्कृष्ट इंतजाम किए गए ताकि अभ्यर्थियों को परेशानी भी न हो और परीक्षा भी शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो। 

डीएम-एसपी ने बालकृष्ण विद्या भवन राउमावि कांकरोली, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय कांकरोली, आलोक स्कूल, सुभाष पब्लिक स्कूल, सेठ रंगलाल कोठारी महाविद्यालय सहित कई केंद्रों पर यह सुनिश्चित किया कि कोई चूक न हो। एडीएम नरेश बुनकर ने बताया कि जिले में आरएएस (प्रारम्भिक) परीक्षा को लेकर कुल 17 केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों पर कुल 5314 परीक्षार्थियों को उपस्थित होना था, जिनमें से 3343 उपस्थित हुए तथा 1970 अनुपस्थित रहे। ऐसे में कुल उपस्थिति 62.91 प्रतिशत रही।

जिला कलक्टर और एसपी द्वारा निरंतर कार्मिकों की बैठकें लेकर एवं संवाद कर यह सुनिश्चित किया गया कि कहीं भी कोई कम्यूनिकेशन गैप न हो और यह परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो।

News-अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक उत्तर छात्रवृत्ति योजना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अनुसूचित जाति के छात्रों हेतु मैट्रिक उत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत उच्चतर शैक्षिक अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के क्रम में आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस घोषणा से बड़े स्तर पर अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को लाभान्वित किया जा सकेगा।

प्राप्त जानकारी अनुसार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने शिक्षा को समावेशी और समानता आधारित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को उच्चतर शैक्षिक अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषणा की है। यह योजना उन मेधावी छात्रों के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी, जो उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

इस योजना के तहत वही विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक न हो। यह योजना उन छात्रों के लिए लागू होगी जो मान्यता प्राप्त विद्यालयों अथवा महाविद्यालय में पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे हैं।

तीन प्रकार की आकर्षक आर्थिक सहायता का प्रावधान

  • मासिक भत्ता – छात्रों को ₹2500 से लेकर ₹13500 तक का अकादमिक भत्ता दिया जाएगा, जिससे वे अपने अध्ययन से संबंधित आवश्यक खर्चों को पूरा कर सकें।
  • दिव्यांग छात्रों को अतिरिक्त सहायता – विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों को उनके शैक्षणिक खर्चों में 10% अतिरिक्त भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर अवसर मिल सकें।
  • पूर्ण अप्रतिदेय शुल्क (ट्यूशन शुल्क सहित) की छात्रवृत्ति

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को अपने छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए छात्रों के पास एक सक्रिय मोबाइल नंबर, आधार नंबर (यूआईडी), आधार से जुड़ा बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी और पात्रता मानदंड जानने के लिए छात्र आधिकारिक वेबसाइट (http://socialjustice.gov.in/schemes/25) पर जा सकते हैं।

शिक्षा में समानता की ओर एक कदम

यह योजना उन छात्रों के लिए आशा की एक किरण है, जो अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर उच्चतर शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने की यह पहल सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की इस योजना से हजारों मेधावी छात्रों को लाभ मिलेगा और वे अपने सपनों को साकार करने में सक्षम होंगे। अगर आप या आपके परिचित इस योजना के पात्र हैं, तो शीघ्र आवेदन करें और इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं!

News-‘दिव्यांग सारथी’ अभियान के तहत होगा भव्य समारोह, विभिन्न योजनाओं से दिव्यांग होंगे लाभान्वित

राजसमंद, 3 फरवरी। जिला कलक्टर बालमुकुन्द असावा ने सोमवार को विभिन्न विभागों की बैठक लेकर जनकल्याणकारी योजनाओं, नवाचारों, कार्यक्रमों, अभियानों आदि की विस्तार से समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा सहित अन्य मौजूद रहे।

कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह से विशेष योग्यजन स्वरोजार योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति के संबंध में चर्चा की। उप निदेशक ने बताया कि सुखद दाम्पत्य योजना में 27 जोड़ों को लाभान्वित किया गया है और वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है। विशेष योग्यजन को स्कूटी वितरण में वाहन पंजीयन में परिवहन कार्यालय से विभाग को सकारात्मक सहयोग प्राप्त नहीं होने पर कलक्टर ने उदयपुर आरटीओ से बात कर दो दिवस में समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। ऐसे ही हियरिंग ऐड, अनुजा निगम, ट्राई साइकिल वितरण पर चर्चा की।

जिला प्रशासन के अभियान ‘दिव्यांग सारथी’ के तहत इसी माह एक समारोह आयोजित कर दिव्यांगों को केंद्र एवं राज्य सरकार की समस्त कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। साथ ही समारोह में दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए ई मित्र, विशेषज्ञ चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए सफल आयोजन की बात कही।

जिला परिषद एसईओ और राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक सुमन अजमेरा ने मिशन सक्षम सखी के द्वितीय संस्करण के तहत मार्च के प्रथम सप्ताह में भव्य क्रेडिट कैंप तथा ट्रेड फेयर आयोजित कर अधिकाधिक एसएचजी को लोन स्वीकृत कराने के निर्देश दिए और अब तक हुई प्रगति पर चर्चा की। साथ ही जुट बैग, थैलियों, मिट्टी के गमलों, पेन स्टैंड आदि की बिक्री को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा मिशन कुटुंब कवच के तहत पेंडिंग पॉलिसी जारी करवाने की बात कही।

सीएमएचओ डॉ हेमंत बिंदल से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की समीक्षा की जिस पर डॉ बिंदल ने बताया कि वय वंदना योजना में जिला राज्य में 9 वीं रैंक पर है, ऐसे में कलक्टर ने 70 वर्ष से अधिक आयु के समस्त पात्र बुजुर्गों का पंजीयन योजना में कराने के निर्देश दिए। कलक्टर ने सीएमएचओ से 9 फरवरी, रविवार को आयोजित हो रहे माय हॉस्पिटल, क्लीन अस्पताल अभियान के तहत जिले के समस्त राजकीय चिकित्सालय में प्रभावी रूप से स्वच्छता अभियान आयोजित करने के निर्देश दिए।

सीडीईओ मुकुट बिहारी शर्मा से अपार आईडी की प्रगति की समीक्षा करते हुए लापरवाह संस्थाओं पर कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए। शाला स्वास्थ्य अभियान को लेकर शर्मा ने बताया कि जिलेभर में उपचार हेतु चयनित 71 बच्चों में से 45 को विशेषज्ञों के पास उदयपुर भेजा जा रहा है। कलक्टर ने कहा कि सभी बच्चों का देखरेख में समुचित उपचार हो और कोई कोताही न रहे। कलक्टर ने सीडीईओ को आसोटिया स्थित राजकीय विद्यालय में शौचालय खराब होने की शिकायत बताते हुए सुधारने के निर्देश दिए।

सहकारिता विभाग से पीएम किसान सम्मान निधि तथा फार्मर रजिस्ट्री (एग्रीसटेक) के तहत आयोजित होने जा रहे शिविरों की तैयारी पर चर्चा की। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक शक्ति सिंह ने बताया कि मंगला पशु बीमा योजना में जिला 9 वें स्थान पर है। कलक्टर ने लक्ष्य शत प्रतिशत अर्जित करते हुए पात्र पशुपालकों को योजना में जोड़ने के निर्देश दिए। नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय ने स्वच्छता संबंधी गतिविधियां, कचरा संग्रहण वाहनों के औचक निरीक्षण, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, झाड़ियाँ हटाने, डस्ट बिन वितरण, नौ चौकी और इरिगेशन पाल की सफाई, विभिन्न कॉलोनियों में पार्कों के जीर्णोद्धार, प्ले एरिया, लिगसी वेस्ट हटाने आदि को लेकर की जा रही गतिविधि से अवगत कराया।

राजसमंद दिवस पर क्यों न हो भव्य कार्यक्रम:

जिला कलक्टर असावा ने कहा कि 10 अप्रैल को राजसमंद दिवस पर क्यों न कोई भव्य कार्यक्रम की शुरुआत हो। इस पर उन्होंने नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय को अभी से ही कार्यक्रमों की प्लानिंग तैयार कर आगामी दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि जिला मुख्यालय पर इस विशिष्ट दिवस पर एक शानदार कार्यक्रम की शुरुआत हो सके जिसमें न सिर्फ यहाँ की विरासत, लोक कला और संस्कृति की झलक दिखे, बल्कि कलाकारों को भी मंच मिले।

News-एग्रीस्टेक: किसान रजिस्ट्री को लेकर शिविर 5 फरवरी से महाअभियान

राजसमंद, 3 फरवरी। जिला कलक्टर बालमुकुन्द असावा ने सोमवार को एग्रीस्टेक अभियान को लेकर सभी उपखंड अधिकारियों, तहसीलदारों और विकास अधिकारियों की बैठक लेकर 5 फरवरी से शुरू हो रहे शिविरों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। इस दौरान एडीएम नरेश बुनकर भी उपस्थित रहे। जिला कलक्टर ने कहा कि शिविर से पूर्व सभी अधिकारी शिविर वाले गांवों में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जनसम्पर्क कर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र किसान वंचित न रहे। कलक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस अभियान को पूरी प्राथमिकता पर रखें और कोई कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। कलक्टर ने जनप्रतिनिधियों, संगठनों, सभी विभागों, व्यवस्थापकों सहित हर वर्ग से बात करके यह सुनिश्चित करें कि अधिकाधिक किसान शिविर में पहुंचे और उन्हें समुचित ढंग से लाभ मिल सके।

जिला कलक्टर ने बताया कि प्रथम चरण में 5 फरवरी से 7 फरवरी तक हर तहसील में एक-एक शिविर लगेंगे। इसके तहत ग्राम पंचायत बामनटुकड़ा, वनई, धानीन, बामनियावास, सिसोदा, सेनल, दीवेर, मोलेला, ऊसर, झौर, कुँवाथल, राछेटी में फार्मर रजिस्ट्री शिविर आयोजित होंगे। शिविर में कृषक को अपना आधार कार्ड,आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर वाला फोन और जमाबंदी लेकर पहुंचना होगा। अगर जमाबंदी होगी, तो मौके पर ही जमाबंदी का निशुल्क प्रिन्ट किसान को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि किसान परेशान न हो।

शिविर में मौके पर ही किसान का भारत सरकार की फार्मर रजिस्ट्री में पंजीयन होगा जिसके बाद उसे 11 आंकड़ों की युनीक आईडी मिलेगी। भविष्य में सरकार की सभी योजनाओं का लाभ इसी फार्मर आईडी के जरिए मिलेगा ऐसे में हर कृषक को इसमें पंजीयन कराना बेहद जरूरी है। शिविरों में पंचायती राज विभाग की ओर से जन्म-मृत्यु पंजीकरण, लंबित पट्टों का निस्तारण, विमुक्त घुमंतू अर्ध घुमंतू को पट्टा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सत्यापन, परिसंपत्तियों की रजिस्ट्री का संधारण जैसे कार्य भी होंगे। कलक्टर ने शिविरों में मंगला पशु बीमा योजना तथा पीएम वय वंदना योजना में भी पात्र लोगों का पंजीयन करने के निर्देश दिए हैं। 10 फरवरी से 12 फरवरी तक प्रत्येक तहसील में दो-दो ग्राम पंचायतों पर, 17 फरवरी से 31 मार्च तक हर तहसील में पांच-पांच ग्राम पंचायतों पर शिविर आयोजित किए जाएंगे।

भविष्य में बार-बार काम आएगी यह आईडी:

जिला कलक्टर ने बताया कि यह 11 अंकों की किसान की एक यूनिक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) है। जिसमें किसान के जनसांख्यिकीय विवरण, स्वामित्व वाली भूमि का विवरण एवं उसमें बोई गई फसलों का व्यापक तथा उपयोगी डेटा शामिल होगा। यह रजिस्ट्री किसान के आधार से जुड़ी हुई होगी। पीएम किसान तथा सीएम किसान सम्मान निधि के साथ-साथ अन्य सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, और बीमा का लाभ उठाने के लिए किसान आई.डी. पंजीकरण आवश्यक है। फार्मर रजिस्ट्री विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी किसानों के लिए आवश्यक हैं।

फार्मर रजिस्ट्री का मुख्य उद्देश्य किसानों तक विभिन्न कृषक कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ डिजिटल रूप से पहुंचाना है। योजना के अंतर्गत सम्पूर्ण भारत में एग्रीस्टेक योजना के अंतर्गत प्रत्येक राज्य की फार्मेंट रजिस्ट्री तैयार की जा रही है।

जोत धारक होना आवश्यक:

राज्य के सभी प्रकार के कृषि जोत धारक किसान का पंजीकरण इस योजना के अन्तर्गत किया जाना है। वर्तमान में कृषि जोत धारक किसान जिनका नाम जमाबन्दी (राजस्व रिकॉर्ड) में दर्ज हो, वहीं किसान आई.डी. बनवा सकते है। फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसान को आधार कार्ड, नवीनतम खसरा, जमाबंदी की प्रति, आधार से जुड़े मोबाइल नंबर वाला फोन अपने साथ शिविर में लाना आवश्यक हैं। जमाबंदी की प्रति शिविरों में भी दी जाएगी। पंजीकरण के लिए पैन कार्ड आवश्यक नहीं है।

किसान के आधार और जमाबंदी में नाम मिलान नहीं होने की स्थिति में भी फार्मट आईडी के लिए पंजीकरण संभव किया गया हैं। ऐसे प्रकरणों में गिरदावर और तहसीलदार के माध्यम से जांच कर सत्यापन किया जायेगा। लेकिन भविष्य के लिए आधार कार्ड में किसान के नाम और पहचानकर्ता के नाम में त्रुटि होने पट आधार कार्ड और राजस्व रिकॉर्ड में नाम त्रुटि होने पर उसमें सुधार करवाया जाना आवश्यक है। एक मोबाइल नंबर से अधिकतम दो किसानों का पंजीकरण संभव हैं। राजस्व रिकॉर्ड (जमाबन्दी) में दर्ज प्रत्येक किसान को अपना अलग पंजीकरण करवाना आवश्यक है। खाते में कई सहखातेदार है तो  सभी सहखातेदारों को अपना अलग-अलग किसान पंजीकरण करवाना आवश्यक है।

News-प्लास्टिक मुक्त राजसमंद

सोमवार को जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा को जिला परिषद एसीईओ डॉ सुमन अजमेरा ने एडीएम नरेश बुनकर और जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा की उपस्थिति में राजीविका एसएचजी समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए आकर्षक जूट के बैग और अन्य थैलियाँ दिखाई। कलक्टर ने इन उत्पादों को देख विशेष रूप से इसकी गुणवत्ता को सराहा। कलक्टर ने कहा कि ये उत्पाद तो बाजार में उपलब्ध अधिकतर उत्पादों से बेहतर हैं, ऐसे में बाजार के अनुरूप इनकी कीमत तय कर बिक्री कराएं जिससे ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को लाभान्वित किया जा सके। डीपीएम ने इस दौरान एसएचजी द्वारा तैयार मिट्टी के गमलों, मिट्टी की पानी बोतल आदि के नमूने भी दिखाई। इस पर कलक्टर ने सभी विभागों से राजीविका से न्यूनतम 10-10 गमले अथवा पेन स्टैंड खरीदने की अपील की।कलक्टर ने जूट के बैग की बाजार अनुरूप सही कीमत निर्धारित करने के लिए नगर परिषद आयुक्त, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक और डीपीएम को सर्वे कर सही कीमत तय करने के निर्देश दिए। कलक्टर ने कहा कि इन बैग्स की मार्च माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने जा रहे होली मेले के अवसर पर बिक्री कराई जाए।

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