खुलकर सामने आई गहलोत पायलट की लड़ाई, सचिन बोले मैं अब नाउम्मीद हूँ

खुलकर सामने आई गहलोत पायलट की लड़ाई, सचिन बोले मैं अब नाउम्मीद हूँ

गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा सीएम की नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं

 
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देश में इन दिनों आईपीएल के मैच में एक तरफ जहाँ चौंकाने वाले नतीजे सामने आ रहे वहीँ प्रदेश की राजनीती में एक नया ही मैच खेला जा रहे है। इस मैच के दूरगामी नतीजे बेहद चौंकाने वाले हो सकते है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता सचिन पायलट के बीच की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। आज जहाँ गहलोत उदयपुर के दौर पर है। माउंट आबू के दौर पर आये राहुल गाँधी का उदयपुर एयरपोर्ट पर स्वागत कर रहे है वहीँ जयपुर में आज मंगलवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सचिन पायलट ने गहलोत के आरोपों पर खुलकर जवाब दिया। 

इससे पूर्व गहलोत ने रविवार को धौलपुर में पायलट कैंप के विधायकों पर सियासी संकट के वक्त 10 से 20 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाया था। गहलोत ने विधायकों को अमित शाह का पैसा वापस लौटाने की सलाह भी दी गहलोत ने आरोप लगाया कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांट दिए। यह लोग (सचिन कैंप) पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है, यह वापस पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं? 

साथ ही गहलोत ने पूर्व सीएम और भाजपा नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की तारीफ़ की थी और कहा था कि उनकी वजह से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार की बची हुई है।  हालाँकि वसुंधरा राजे ने इसका खंडन किया था 

आज जयपुर में सचिन पायलट ने कहा "पहली बार देख रहा हूं कि कोई अपनी ही पार्टी के सांसदों और विधायकों की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा नेताओं की तारीफ और कांग्रेस नेताओं का अपमान मेरी समझ से बाहर है। यह पूरी तरह गलत है। मुख्यमंत्री की बातों से लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं। अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है।"

सचिन ने कहा अब मैं नाउम्मीद हूं

पायलट ने कहा "हमने दिल्ली जाकर अपनी बात कही। वसुंधराजी के भ्रष्टाचार पर कई महीनों से चिट्ठियां लिखीं। अनशन पर बैठा। अब भी जांच नहीं हुई। समझ में आ रहा है क्यों एक्शन नहीं लिया। अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है। जनता के सामने सभी को नतमस्तक होना रहेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक यात्रा निकालेंगे। 125 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा होगी और इसमें 5 दिन का वक्त लगेगा।"

सचिन पायलट भाजपा राज के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। शनिवार को बाड़मेर में मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में बनाए गए हॉस्टल के लोकार्पण के मौके पर हुई सभा में पायलट ने करप्शन का मामला फिर उठाया था।

पायलट ने कहा था कि प्रदेश की तत्कालीन भाजपा राज के करप्शन का मुद्दा उठाने से कई लोग नाराज हुए, लेकिन उसकी कोई परवाह नहीं है। करप्शन के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा। इसके अगले ही दिन धौलपुर के राजाखेड़ा में सीएम गहलोत ने पायलट खेमे पर अमित शाह से पैसा लेने का आरोप लगा दिया। अब इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठे थे सचिन पायलट

सचिन पायलट ने तत्कालीन भाजपा राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया था। पायलट के अनशन से ठीक पहले प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने लिखित बयान जारी करके इसे पार्टी विरो​धी गतिविधि बताया। इसके बाद विवाद बढ़ा तो मध्यप्रदेश के पूर्व सोएम कमलनाथ ने सचिन पायलट से बात कर मध्यस्थता की। पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी बताने पर उठे विवाद को शांत करने के लिए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। लेकिन अब ठंडी पड़ी चिंगारी फिर सुलग उठी है।

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