उदयपुर 25 दिसंबर 2023। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से आयोजित 'शिल्पग्राम उत्सव' में सोमवार को पांचवें दिन जहां देश के उत्तर-पूर्व के राज्यो की सांस्कृतिक छटा बिखेरी, वहीं गोवा दिवस को समर्पित इस शाम को गोवा के कलाकारों ने और हसीन बना दिया। बहरहाल, नार्थ-ईस्ट इंडिया की प्रस्तुतियों से वहां भी श्रीकृष्ण के प्रति लगाव, उनके प्रेम के लिए समर्पण और उनकी विभिन्न लीलाओं के लिए उतनी ही श्रद्धा प्रतिबिंबित हुई, जितनी वृंदावन, मथुरा और समूचे उत्तर भारत में है।
जब स्टेज पर रास के लिए श्रीकृष्ण आए और बैक ग्राउंड से उनके कुंज वन में रास के लिए आने के संगीतमय बोल सुनाई दिए तो मुक्ताकाशी मंच की दर्शक दीर्घाएं ही नहीं, समूचा शिल्पग्राम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जब कृष्ण एकल नृत्य करते हुए राधा और गोपियों का इंतजार करने लगे, तो उनकी भाव-भंगिमाएं इतनी आकर्षक रहीं कि दर्शक उनकी एक-एक अदा पर वाहवाही कर उठे। फिर, जब लाड़ली किशोरी राधा के संग गोपियां कुंज वन में पहुंची तो श्रीकृष्ण उमंग और उत्साह में भरे हुए उनके साथ रास रचाने लगे। गोपाल और गोपियों के इस रास नृत्य का हर स्टेप इतना सुंदर और पावन था कि कई श्रद्धालु दर्शक भावविभोर होकर हरे कृष्ण, राधे-राधे करने लगे। दरअसल, यह 'बसंत रास' मणिपुर में बसंत पूर्णिमा को परफॉर्म किया जाता है और इसमें राधा एवं गोपियां श्रीकृष्ण के बांसुरी वादन की प्रशंसा करती है और रास रचाती हैं। राधा के साथ कृष्ण के मिलन के साथ यह रास पूर्ण होता है।
लब्बो लुआब यह कि युवा और सांस्कृतिक गतिविधि केंद्र (सीवाईसीए), इम्फाल, मणिपुर की इस प्रस्तुति ने वातावरण भक्तिमय बना दिया।
इन्होंने किया परफॉर्म
इस 'मणिपुरी रास' में इबोमचा मैतई के निर्देशन में बिद्याशोरी देवी ने श्रीकृष्ण और जोशिता चानू ने राधा की भूमिका में रास किया। इनके साथ ही लैरेल्लाकपम सनातोम्बी देवी, सनाथोई लैरेल्लाकपम, कोंथोजम विक्टोरिया देवी, लुसी अकोइजम, निंगोंबम जोनिबाला देवी, सुंदम जलिश गोपियां बनी हैं और कॉस्टयूम डिजाइनर वांखेम धनंजय सिंह रहे।
असम के सत्रिया नृत्य नाटिका में श्रीकृष्ण की लोकहर्षक लीलाएं
असम के सत्रिया लोक नृत्य में भी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं मंच पर जीवंत हुईं। इस नयनाभिराम और मनमोहक नृत्य नाटिका में जहां गोप बालकों के साथ खेलते हुए गेंद यमुना में चली गई तो उन्होंने जाकर निकाली थीं। इस प्रसंग का पुन:स्मरण कराते हुए कुशल डेका के निर्देशन में असम के ग्रुप ने उम्दा परफोरमेंस दी। इस प्रस्तुति में कथक आधारित नृत्य नाटिका में श्रीकृष्ण का यमुना में गेंद लाने के बहाने कूदना और कालिया नाग का वध करना बहुत ही शानदार भावाभिव्यक्ति के साथ प्रदर्शित किया गया। वहीं, किशोरवय श्रीकृष्ण के मथुरा जाने और वहां कंस को द्वंद युद्ध में पराजित करने का प्रसंग भी मंच पर सजीव हुआ। इस लोक नृत्य के आरंभ में इस नृत्य के रचयिता संत माधवदेव का नाम घोष की प्रस्तुति दी गई। फिर, 'राजघरिया चलि नृत्य' का प्रस्तुत किया गया, जिसमें पाद-क्रिया और ताल, ठुकानी और सूता ताल जैसे तालमय तत्वों का खूबसूरत प्रदर्शन किया गया।
इन्होंने किया परफॉर्म
ट्रिनायन संगीत महाविद्यालय, गुवाहाटी की इस भावपूर्ण नृत्य नाटिका में राष्ट्रीय सत्रिया शिल्पी पुरस्कार विजेता और ट्रिनायन कॉलेज प्रमुख गुरु कुशल डेका के निर्देशन में उनके साथ डॉरोथी एंजेला कश्यप, लिजा डेका, परिस्मिता कलिता, मधुस्मिता बैश्य, मयूरी चौधरी, निहार प्रतिम नाथ, और बॉबी मजूमदार ने परफॉर्म किया।
रास लीला का सुपर फ्यूजन
अंत में उत्तर पूर्व के दोनों ग्रुप को सामूहिक पेशकश रास लीला ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इस प्रस्तुति में राधा-कृष्ण और गोपियों ने रास के सौंदर्य का आभास कराया।
सभी आर्टिस्ट सम्मानित
दोनों ग्रुप के तमाम आर्टिस्ट को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता और दीप्ति माहेश्वरी राजसमंद विधायक, पद्मश्री प्रेमजीत बारिया, मधुकर गुप्ता एवं शगुन वेलिप ने पोर्टफोलियो एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
फड़ कला महिला कार्यशाला संपन्न
शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच के पास तीन दिवसीय महिला फड़ कार्यशाला सोमवार को संपन्न हुई। इसमें 30 प्रतिभागी महिलाओं ने भाग लेकर अपनी इस कला को सिद्धहस्त गुरुओं छीतरमल जोशी और मनोज जोशी से प्रशिक्षण प्राप्त कर निखारा। वहीं कई युवतियों ने इस कला का बेस और बारीकियां सीखी। समापन के अवसर पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता और कला एवं संस्कृति निदेशालय गोवा के निदेशक, सगुन आर. वेलिप ने कार्यशाला की सराहना करते हुए नए कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
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